आमजन में होगी परेशानी, राजनैतिक दलों का होगा कड़ा विरोध – पण्डित ब्रजेश्वर लाल व्यास
बीकानेर। भारतीय ऋषि-मुनियों-ज्योतिषीयों एवं कवियों की लेखनी में जो सत्यता होती है वो एकदम सही होती हैं। जब मैं ज्योतिष विद्या का अध्ययन करता था तो ग्रहों के चालन व गति से ज्ञात भविष्यवाणी पर शोद्यकर्ता था। हिन्दी की कविताओं की पोथी पढ़ता था तो मन प्रसन्न होता था। उन कविताओं में जो झलक पढऩे को मिलती थी वह आज समय-समय पर हमें आभास कराती हैं। किसी कवि ने दिसम्बर माह का वर्णन कितना सुन्दर किया हैं।
पड़ रही कड़ाके की सर्दी, ठंडा है माह दिसम्बर का
पेर तले धरती ठरती चु रहा कलेजा अम्बर का।
किस हत भागे शाहजाह की मुमताज बिलखती जाती हैं
इस संदर्भ में पंचाग में तों भवानी भेरव संवाद में वर्ष की भविष्यवाणी पहले ही कर दी जाती है की इस वर्ष ठंड अधिक होगी, गर्मी अधिक होगी, यह सब बिस्वों में लिखी होती है लेकिन ज्योतिषशास्त्र में भी हमें सही भविष्यवाणी ज्ञात हो जाती हैं। सम्वत 1958 शाक: 1823 सन् 1901-1902 श्रावण मास अधिक मास था इस पंचाग में लिखा हैं कि-
श्रावण खेच दिखावसी पवन लगावे आड
शाखा होसी सांतरीदरखत बेलालूम।
कोई दिशा के माहने टीडी करसी घूम।
सम्वत् 1958 में यह स्थति बनी थी। ठंड का अधिक प्रकोप था। उस समय टिडी का प्रकोप भी था। उस समय दिसम्बर माह में धनु राशि में चार ग्रह थें। सूर्य, बुध, बृहस्पति व शनि। इस बार भी यह योग सम्बत 2076 शाक: 1941 सन् 2019-2020 में बने हुए हैं। सम्बत 1976 शाक: 1841 सन् 1919-1920 में वही स्थति 1901 वाली बनी थी।
ओला वर्षा कष्ट भय मंदा धान्य बिकाय
इस समय ग्रह योग से सर्दी अधिक होगी। टिडी का प्रकोप अधिक। कही बर्षा अधिक तो कही सुखें के हालात रहे। राजनीति में उत्थल-पुथल सता पक्ष में विरोध जात-पात-धर्म पर विद्रोह युद्व के हालात भी बन सकते हैं। ऐसा योग सम्वत 1986 सन् 1929 में पांच ग्रह सूर्य, बुध, शनि, मंगल साथ थें। सम्वत 2018 में सूर्य, मंगल, बुध, शुक्र साथ थे। यही हालात सम्वत 2077 षाक: 1942 सन् 2020-2021 में भी सूर्य, शनि, शुक्र बृहस्पति मकर राशि में पोष माह में आ रहे हैं। अधिक मास आसोज बना ऋतु ताप प्रतिचार, चक्रवात, आंधी-तुफान, भूकंपन क्षतिसार। इन परिस्थितियों में यह नया वर्ष उथल-पुथल का रहेगा। आमजन के मन में शांती नहीं होगी। लूटपाट, हिंसा, विमान क्रेस, रेल दुर्घटना अधिक होगी। इस वर्ष खण्ड वर्षा होगी तो कही पर अकाल के बादल छाये रहेंगे। इस समय का निवास वेश्य के घर हैं, रोहिणी का वास संधी पर हैं। किसानों को परेशानी रहेगी। टिडी दल को पुन: प्रकोप माली हालात खराब होगी। देश में शांती नहीं रहेगी। राजनेता व सरकारी कर्मचारी अपनी कुटनीति विचारों से जनता को परेशान करेंगे। राजनीतिज्ञ पार्टीयों की छवी खराब रहेगी। जन्म बिस्वा पांच मृत्यु मरण बिस्वा 13 होने से उत्साह मे कमी रहेगी।