

_राजेंद्र सोनी चंडीगढ़
पत्रकार! समाज के महर वर्ग के पीड़ित लोगों की सहायता के लिए दौड़ पड़ता है लेकिन जब पत्रकार पीड़ित होता है या पत्रकार की हत्या हो जाती है तब कोई नहीं दौड़ता है, कोई कुछ नहीं बोलता है। लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ के लिए कोई सुरक्षा की गारंटी नहीं। पत्रकारों पर हमला, पत्रकारों को प्रताड़ित करना, पत्रकारों की हत्या कर देना यह अब आम बात हो गई है। क्या पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कोई कानून व्यवस्था नहीं है? कानून व्यवस्था हो भी क्यों? आखिर बेचारे जो ठहरे। कहते है कि सही बात दुनिया को बुरी लगती है और सच कहने से कलेजे पे छुरी चलती है। अक्सर बड़े बुजुरगों के मुंह से सुना था कि खाकी की माया खाकी ही जाने, कब तिल का ताड़ बनादे और ताड़ का तिल यह कोई नही जानता। तभी तो कहते हैं कि “पुलिस की अगाडी और घोङे की पिछाडी” गुजरना खतरनाक है। बस ऐसा ही छत्तीस का आंकड़ा फिट हुआ है पत्रकार के साथ। अब यह मामला पत्रकार और खाकी के बीच प्रतिष्ठा का प्रश्न बना हुआ है। जहां खाकीवालों ने अहम पालकर पत्रकार को प्रताडित ही नहीं किया बल्कि संगीन वारदातों में लिप्त मुजरिमों की तरह हवालात में डाल दिया। पत्रकार का कसूर सिर्फ इतना ही था कि उसने सच्चाई की राह पर चलते हुए कुछ खाकी वालों को बेनकाब करने की हसरत पाली हुई थी। बस यही तो खाकी वालो को नागवार गुजरा और आनन फानन में पत्रकार के खिलाफ मानव तस्करी का झूठा मुकदमा दर्ज कर वाहवाही लूटी परंतु झूठ के पैर नहीं होते और न ही झूठ देर सवेर सच्चाई के सामने टिक सकता है। हनुमान गढ़ जिला मुख्यालय पर कार्यरत पत्रकार पर मानव तस्करी का झूठा मामला दर्ज कर उसे जेल भेजने के मामले में आखिरकार एक थानाप्रभारी पर गाज गिर ही गई, टाऊन थानाप्रभारी को लाईन हाजिर करके पत्रकार को मामूली इंसाफ तो दिया गया है लेकिन अभी इंसाफ बाकी है और पत्रकार पर मुकदमा दर्ज करवाने वाली मुस्तगिसा अब स्वयं पत्रकार पर दर्ज मामले को झूठा बताते हुए पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिल रही है। विगत दिवस मुस्तगिसा ने एक शपथ पत्र में पत्रकार का समर्थन कर टाऊन थानाप्रभारी, संगरिया थानाप्रभारी,उप पुलिस अधीक्षक शहर व सहायक उप निरीक्षक दरिया सिंह को झूठा मामला दर्ज करने का दोषी बताते हुए शपथ पत्र की फोटो प्रति अतिरिक्त पुलिस महा निदेशक (अपराध) को देकर इसे अभियोग संख्या 276/22 में शामिल पत्रावली को निरस्त करने की मांग की। इतना ही नहीं मुस्तगिसा ने उच्च न्यायालय जोधपुर में एक याचिका दायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है जिसमें वह उक्त सभी पुलिस अधिकारियों पर उसे डरा धमकाकर पत्रकार पर मुकदमा दर्ज करवाने सहित उक्त मुकदमें को निरस्त करने की मांग करेगी। वहीं जयपुर से सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि हनुमानगढ जिला पुलिस अधीक्षक ड़ा.अजय सिंह राठौड़ का स्थानांतरण भी चंद दिनों में हो रहा है। देखा जाये तो आने वाले कुछ दिनों में कुछ नया देखने को मिलेगा कि खाकी की आड़ में किस प्रकार अपनी व्यक्तिगत रंजिश निकालते हैं तथा बाद में इनकी गत कितनी बुरी होती है। देखा जाए तो यही हमारे देश का कटु सत्य है।