मध्य प्रदेश का घटनाक्रम ताजा है और श्री अशोक गहलोत कांग्रेस की सरकार पर आई विपत्ति को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसा सीन बनाया गया। पहले राज्यसभा चुनाव के वक्त । लेकिन राज्यसभा चुनाव के समय नाटक के सभी अंक स्थिति के अनुसार पूर्ण नहीं हो पाए तो अब पुलिस जांच के बहाने से चुनौती देने वाले युवा नेता को क्रोधित कर बिना तैयारी के चुनौती प्रस्तुत करने के लिए उकसाया गया । इस पूरे घटनाक्रम का उद्देश्य केवल अपने कार्यकाल में अपने ही दलों के विरोधियों से पीछा छुड़ाना था जो अंततः अशोक गहलोत कामयाबी के साथ कर चुके हैं। अब मंत्रिमंडल का पुनर्गठन होना है ।राजनीतिक नियुक्तियां होनी है ।इसलिए जो लोग उनके साथ हैं वह विद्रोह नहीं कर पाएंगे ।राजनीति सदैव संभावनाओं का और उचित समय पर प्रहार का खेल है।
लेकिन क्या राजस्थान सरकार वास्तव में निष्कंटक हो गई है या अभी कोई और चुनौती बाकी है ।श्री सचिन पायलट के खेमे से अनुभवी राजनेता , विधायक भंवर लाल शर्मा ने फ्लोर टेस्ट की मांग उठा दी है । इससे लगता है कि इस नाटक के कुछ अंक अभी खेले जाने बाकी हैं।
क्लाइमैक्स सीन हो चुका या होगा। यदि आगे होगा तो फिर क्या रहेगा। इसकी प्रतीक्षा करनी चाहिए क्योंकि क्रिकेट और राजनीति में कभी भी कुछ भी अप्रत्याशित हो सकता है।