

– 10 रुपए सस्ते डीजल के लिए मौत दे रहे, ट्रक-ट्रेलर में 2 हजार लीटर के चोर टैंक
– पत्रकार सुरेश सोनी
राजस्थान की सड़कों पर ट्रक-ट्रेलर मौत बनकर दौड़ रहे हैं। इसका कारण राजस्थान में पेट्रोल-डीजल का महंगा होना है। राजस्थान से सटे पंजाब, हरियाणा, यूपी, गुजरात और एमपी में 10 से 12 रुपए तक सस्ता डीजल मिल रहा है। हाल में बाड़मेर में हुए दर्दनाक हादसे की जांच रिपोर्ट आई तो इसमें चौंकाने वाला खुलासा हुआ। ट्रक ड्राइवर ने डीजल का चोर टैंक लगा रखा था। इसी वजह से टक्कर के बाद बस और ट्रक में आग लगी और 12 लोग जिंदा जल गए।
मामला सामने आने के बाद दैनिक भास्कर ने ऐसे ट्रक और ट्रेलर को ढूंढा, जिनमें चोर टैंक लगे थे। दूसरे राज्यों में मिल रहे सस्ते डीजल के लिए ड्राइवर ट्रक-ट्रेलर में लगे 260 लीटर के डीजल टैंक को 2 हजार लीटर तक के टैंक लगा रहे हैं, जो अवैध है। इन ट्रकों में लगी बड़ी तेल की टंकी का पूरा सच जानने के लिए भास्कर टीम ट्रांसपोर्ट नगर, वीकेआई समेत जब जयपुर-दिल्ली और जयपुर-अजमेर हाईवे पर पहुंची।
यहां ऐसे सस्ते दोगुनी क्षमता वाले टैंक की जैसे सेल लगी हुई थी। ट्रक में लगी 260 लीटर की टंकी को हटाकर 700 लीटर की बड़ी-बड़ी टंकी लगा रहे थे। इस बारे में ट्रक एक्सपर्ट से बातचीत की तो सामने आया कि महज 3 से 4 हजार रुपए में यह टैंक आसानी से मिल रहे थे। न तो इनका कोई फिटनेस था और न ही ये तय मापदंड से इन्हें बनाया गया है।


मैकेनिक ने बताया कि आधे घंटे में ही कंपनी का लगा टैंक हटाकर दूसरा टैंक लगा देंगे। उसने यह भी दावा किया कि कंपनी के टैंक के अलावा इसे ऐक्स्ट्रा टैंक में दोनों तरफ भी लगा देंगे। हाईवे पर बने गैराज के बाहर इन टैंक की लाइन लगी थी।
ट्रक में दोनों साइड में डीजल टैंक लगे हुए हैं
ट्रक में दोनों साइड में डीजल टैंक लगे हुए हैं
एक महीने में 20 से ज्यादा हादसे, 30 लोगों की मौत
पिछले दो महीनों में राजस्थान में 20 से ज्यादा हादसे हो चुके हैं। इनमें अभी तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है। बाड़मेर हादसे में 12 लोगों की मौत की वजह भी यही थी। इतना ही नहीं दो दिन पहले पाली जिले के सांडेराव में हुए हादसे का भी यही कारण रहा। इसमें भी करीब डेढ़ हजार लीटर तक का टैंक लगा था। टायर फटते ही डीजल टैंक फट गया और आग से ड्राइवर जिंदा जल गया।
राजस्थान में महंगा, इसलिए दूसरे स्टेट से टैंक फुल करवा लेते हैं
इन अवैध टैंक का कारोबार हाईवे पर धड़ल्ले से चल रहा है। राजस्थान से दूसरे राज्य के मुकाबले डीजल के रेट में 10 से 12 रुपए का अंतर है। ऐसे में ट्रक ड्राइवर राजस्थान के बाहर से ही 500 से 600 लीटर तक डीजल भरवा लाते हैं। इन ऐक्स्ट्रा टैंक को भी फुल कर देते हैं, ताकि राजस्थान में उन्हें ज्यादा रुपए नहीं देने पड़े।
दुकानों पर डीजल के टैंक बना कर बेचे जा रहे हैं।
दुकानों पर डीजल के टैंक बना कर बेचे जा रहे हैं।
इसलिए होते हैं हादसे
700 लीटर की इन अवैध टैंक का कोई फिटनेस नहीं होता है। दरअसल, जिन लोहे की चद्दर से यह टैंक बनते हैं, वो काफी हल्के दर्जे के होते हैं। आरटीओ इंस्पेक्टर अखिलेश चारण ने बताया कि कंपनी से टैंक 260 लीटर का होता है और ड्राइवर के अपोजिट साइड में लगता है, लेकिन डीजल महंगा होने की वजह से ड्राइवर 2 हजार लीटर तक के ऐक्स्ट्रा टैंक लगा रहे हैं।


अखिलेश चारण ने बताया कि कई ट्रकों में दोनों तरफ टंकी लगा रखी थी। कई बार इनके वजन से भी ट्रक अनियंत्रित होकर पलट जाता है। या फिर जैसे ही हादसा होता है, यह टैंक फट जाता है और डीजल में लीकेज शुरू हो जाता है। चिंगारी लगते ही आग पकड़ लेती है।
इन अवैध टैंक से 6 हजार की बचत, लेकिन जान खतरे में
ट्रक के साथ कंपनी से फिटेड़ 160 लीटर से 260 लीटर का ही टैंक आता है। ट्रक मालिक खर्चा बचाने के लिए इस टैंक को उतरवा कर बड़ा टैंक लगवा रहे हैं। पूणे और जमशेदपुर के टैंक की बड़ी डिमांड है। ट्रांसपोर्ट नगर में बिहार से चायपत्ती लेकर आए ड्राइवर ने बताया कि वे आगरा से डीजल फुल करवा कर आए थे। राजस्थान में तेल 10 रुपए लीटर महंगा है। अब वापस आगरा पहुंच कर ही तेल डलवा लेंगे। ऐसे में केवल तेल के कारण उनके 6000 रुपए बच जाएंगे।
सरकार को खुद 1.30 करोड़ रुपए के वैट का नुकसान
राजस्थान में अब डीजल पर वैट को 10 रुपए लीटर से अधिक कम करना चाहिए। एक्सपर्ट ने बताया कि मंहगाई की वजह से डीजल की बिक्री 20 फीसदी भी कम होती है, तो राज्य सरकार को 1.30 करोड़ रुपए के वैट का नुकसान होता है। डीजल की बिक्री जितनी कम होगी, सरकार को राजस्व का उतना ही नुकसान होगा।
