Lichhiram Ramlal

नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी “)। राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेन्द्र यादव के यहां छापा मारने आई टीम शुक्रवार सुबह पांच बजे वापस लौट गई। आयकर विभाग की टीम करीब 47 घंटे तक मंत्री राजेन्द्र यादव के आवास व फ्लोर मिल पर मौजूद रही।
बुधवार सुबह पहुंची थी आईटी की टीम
बुधवार सुबह छह बजे आयकर विभाग की दो टीमें किच्छा पहुंची थी। एक टीम ने मंत्री राजेन्द्र यादव के यादव फूड्स व आरएस यादव एंड संस में पहुंचकर जांच शुरू की थी। उसके बाद दूसरी टीम उनके आवास विकास स्थित आवास पर पहुंची थी।
राजेन्द्र यादव का बेटा भी था मौजूद
टीम के साथ आई पुलिस फोर्स ने दोनों परिसर अपने कब्जे में ले लिए थे। इस दौरान उनके आवास पर मंत्री राजेन्द्र यादव का बेटा मधुर भी मौजूद था जो मंगलवार रात ही कोटपुतली राजस्थान से वहां पहुंचा था।
टीम ने कब्जे में ले लिया था मोबाइल
आयकर विभाग की टीम ने घर पर मौजूद राजेन्द्र यादव के पुत्र मधुर, भाई विजय पाल सहित परिवार के मोबाइल अपने कब्जे में ले लिए थे। बुधवार सुबह शुरू हुई आयकर विभाग की जांच शुक्रवार सुबह पूरी हुई। सुबह लगभग साढ़े चार बजे टीम ने परिवार के सदस्यों को उनके मोबाइल सौंप दिए थे।
सुबह लोगों ने टीम को जाते देखा
सुबह पांच बजे के करीब आयकर विभाग की टीम को जाते हुए सैर के लिए निकले लोगों ने देखा। दो दिन चली कार्रवाई में आयकर विभाग की टीम ने दोनों फर्मो के डेटा के साथ ही घर मे मौजूद जेवरात का मूल्यांकन करवा, उन्हें सूचीबद्ध करने के साथ बैंक खातों के साथ ही बैंक लॉकर्स खंगाले।
छापेमारी पर आया था मंत्री राजेंद्र यादव का बयान
छापेमारी को लेकर गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा, था कि “आयकर विभाग के अधिकारी सुबह आठ बजे मेरे परिसर में आए. उन्होंने राजस्थान, उत्तराखंड और गुरुग्राम में मेरे ठिकानों पर भी छापा मारा, जहां मेरे बच्चे और परिवार व्यापार करता है। तलाशी अभियान जारी, जल्द ही सब कुछ साफ हो जाएगा।”
इसलिए हुई छापेमारी
बताया जा रहा है कि छापेमारी मिड डे मील में कथित गड़बडि़यों को लेकर की गई है। दरअसल राजस्थान सरकार में गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव की कोटपूतली में पोषाहार बनाने की फैक्ट्री है। कथित तौर पर उसमें पैसे को लेकर धांधली हुई है। जिसके बाद आयकर विभाग ने मंत्री राजेंद्र यादव के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है

जो भी गलत होगा सामने आ जाएगा, बिजनेस करना कोई अपराध नहीं: यादव
राजस्थान सरकार मे राज्य गृह मंत्री राजेंद्र यादव के ठिकानों और उनके रिश्तेदारों के घर पर बुधवार को आयकर विभाग का छापा पड़ा है। कोटपूतली में राजेंद्र यादव के रिश्तेदार की फैक्ट्री है, जहां मीड डे मील का सामान तैयार होता है। इसको लेकर मंत्री राजेंद्र यादव ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि जो भी गलत होगा वह सामने आ जाएगा। उन्होंने कहा कि बिजनेस करना कोई अपराध नहीं है। मंत्री राजेंद्र यादव ने इस छापेमारी की कार्रवाई को स्वीकार करते हुए कहा कि उनका न तो मिड डे मील का कोई काम है और न ही पॉलिटिकल फंडिंग से उनका कोई लेना-देना है। अगर राजनीतिक दुर्भाव से उन पर यह कार्रवाई होगी तो उसका हम मुकाबला करेंगे। लेकिन मेरा मेरे समर्थकों और पार्टी के लोगों से अपील है कि कोई कानून हाथ में नहीं ले क्योंकि हम लोग सच्चाई के साथ अपना काम करते हैं और बिजनेस करना कोई अपराध नहीं है। जो भी गलत होगा वह सामने आ जाएगा।यादव ने कहा कि हमारा बिजनेस 1952 से चल रहा है और किसी के कहने पर कोई एंट्री या चंदा नहीं लिया जा सकता क्योंकि हमारा अच्छा खासा बिजनेस चल रहा है। उसे हम खराब क्यों करेंगे? मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि उनका पुश्तैनी बिजनेस है, जो 72 साल से चल रहा है उसी काम को हमारे बच्चे भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मिड-डे-मील का कोई काम नहीं है, हम तो पैकेजिंग का बिजनेस करते हैं, जिसमें कट्टे बनते हैं, फर्टिलाइजर, अनाज, सीमेंट और एक्सपोर्ट का काम होता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में हमारा फूड प्रोडक्शन का बिजनेस है। हमारी प्रोडक्शन की लाइन है जहां हम माल बनाते हैं और बड़ी कंपनियों को सप्लाई देते हैं। इसमें किसी तरीके का कोई गलत काम नहीं होता है। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आज सुबह 8 बजे से हमारे यहां जांच चल रही है और जो भी सामने आएगा वह हम छिपाएंगे नहीं। उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट सर्च करें, इसका हमें कोई एतराज नहीं क्योंकि हम बिजनेस करते हैं और सरकार को लगता है कि हमने कुछ गलत किया है तो वह जांच कर ले। इसमें हमें कोई एतराज नहीं लेकिन हमने कोई गलत काम नहीं किया। मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि मैं 64 साल का हो गया हूं और चाहे राजनीति हो या फिर बिजनेस हर जगह उतार-चढ़ाव देखे हैं। जो भी व्यक्ति गलत काम करता है वह अपने आप नीचे आ जाता है। अगर गलत नीयत से हमारे ऊपर कारवाई हुई है तो कार्रवाई करने वाला भुगतेगा। लेकिन मैं अपने कार्यकर्ताओं और कांग्रेस के लोगों से कानून हाथ में नहीं लेने और शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। हम लोग सच्चाई पर चल रहे हैं अगर कोई गलत चीज होगी तो सामने आ जाएगी। इनकम टैक्स हमसे कोई जवाब मांगेगी तो हम उन्हें जवाब भी देंगे। मंत्री राजेंद्र यादव ने कहा कि राजनीतिक दुर्भावना से अगर उन पर कोई कार्रवाई की जा रही है तो उसके खिलाफ वह लड़ाई लड़ेंगे
करोड़ों की अवैध कमाई का खुलासा होने की संभावना….
गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव के जयपुर सहित कोटपुटली, दिल्ली, महाराष्ट्र, उत्तराखंड अन्य कई जगहों पर बुधवार को आयकर विभाग की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई शुरू की है। आयकर विभाग ने समूह से जुड़े 53 से अधिक ठिकानों पर छापा मारा है, जहां करोड़ों की अवैध कमाई का खुलासा हो सकता है। आयकर विभाग की टीम बुधवार सुबह से ही लगातार ठिकानों पर तलाशी अभियान चला रही है। छापेमारी की कार्रवाई के बाद बड़ी मात्रा में काला धन उजागर हो सकता है। आयकर विभाग की अलग-अलग टीमें कारोबारी के घर, दफ्तर और प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई कर रही है, जिसके बाद बताया जा रहा है कि कारोबारी के अन्य सहयोगियों में भी हड़कंप मचा हुआ है।

गृह राज्य मंत्री यादव और उनके रिश्तेदारों के 50 से ज्यादा ठिकानों पर विभाग के अधिकारियों के साथ बड़ी संख्या में सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद हैं। बुधवार सुबह करीब साढ़े 5 बजे विभाग की टीमें मंत्री के जयपुर और कोटपूतली के ठिकानों पर पहुंची। यादव कोटपूतली (जयपुर) से विधायक हैं। यहां उनके रिश्तेदारों की एक फैक्ट्री पर भी छापा मारा गया है। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में मिड-डे मील सप्लाई के लिए कट्‌टे बनाए जाते हैं। कार्रवाई में लगभग 100 वाहनों का भी इस्तेमाल किया गया है। जयपुर में राज्यमंत्री यादव के सिविल लाइंस स्थित सरकारी घर और बनी पार्क के निजी आवास सहित मालवीय नगर के ऑफिस में भी इनकम टैक्स के अधिकारी पहुंचे हैं। आयकर विभाग के ऑपरेशन से अन्य कारोबारियों में भी हड़कंप मच गया है। सूत्रों ने बताया है कि यह छापेमारी मिड- डे मिल और पौष्टिक आहार बनाने वाले निर्माता, सप्लाई करने वालों, उनके सहयोगियों और परिचितों के यहां की जा रही है।जयपुर में निर्माता और सप्लायर के घर, फैक्ट्री, कार्यालय, गोदामों और कोटपूतली में सहयोगियों के ठिकानों पर जांच चल रही है। यह मामला 2018 का बताया जा रहा है। विभाग को मिली जानकारी के अनुसार ठेके लेकर घोटाला किया जा रहा था। इसमें तत्कालीन राज्य सरकारों का हाथ रहा है जिसकी एवज में राजनैतिक फंडिंग की जाती ही है।