-आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड आईटी जयपुर में तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों का आयोजित होगा महाकुंभ, ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी महोत्सव का होगा समागम, मनाया जाएगा नवाचार उत्सव
जयपुर,।भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में, विज्ञान भारती, राजस्थान अपने सहयोगी संस्थानों, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) – कोटा, बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) -बीकानेर, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूआर) और श्री करण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय- जोबनेर के सहयोग से, “भारत के स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों का योगदान: प्रो. एस.एन. बोस” शीर्षक से कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है। सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि यह उल्लेखनीय कार्यक्रम भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा प्रायोजित है, और आज़ादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला का हिस्सा है। इस भव्य आयोजन में सीईईआरआई -पिलानी, एनआईटीटीटीआर -चंडीगढ़, आईसीएआर -डीआरएमआर-भरतपुर, एनआईए-जयपुर और एमएनआईटी-जयपुर नॉलेज पार्टनर की भूमिका निभा रहे हैं। ये आयोजन सीकर, कोटा, जयपुर और किशनगढ़ सहित राजस्थान के कई शहरों में होने तय हैं| इस कड़ी का पहला कार्यक्रम 19 अगस्त, 2023 को सोभासरिया इंजीनियरिंग कॉलेज, सीकर में बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान के राज्यपाल माननीय कलराज जी मिश्र और विशिष्ट अतिथि के रूप में सीकर के संसद सदस्य श्री सुमेधानंद जी सरस्वती का सानिध्य प्राप्त हुआ था। इस कार्यक्रम में 1000 से अधिक संख्या में छात्र, शिक्षक, वैज्ञानिक और प्रबुद्धजन शामिल हुए।
इस श्रृंखला का अगला कार्यक्रम राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय (आरटीयू) के संरक्षण में 21 अक्टूबर, 2023 को जयपुर के कूकस में आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड आईटी में निर्धारित है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों और वैज्ञानिक संस्थानों के योगदान को श्रद्धांजलि देना है, साथ ही देश की स्वतंत्रता संग्राम में इन व्यक्तियों और संगठनों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को प्रचारित करना है। यह आयोजन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में वैज्ञानिक समुदाय के अमूल्य योगदान को जन प्रेरणा देने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।
ये कार्यक्रम प्रसिद्ध शिक्षाविद, वैज्ञानिक, विद्वान और छात्र, प्रोफेसर एस.एन. बोस के आजादी की लड़ाई में योगदान को जन जन तक प्रचारित करने के माध्यम हैं| प्रोफेसर बोस और अन्य प्रख्यात वैज्ञानिक जिन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उनके योगदान को याद करने हेतु यह एक सुअवसर होगा। इस कार्यक्रम में ज्ञानवर्धक चर्चाएँ, व्याख्यान, प्रदर्शनियाँ और इंटरैक्टिव सत्र होंगे, जिनका उद्देश्य भारत में विज्ञान और स्वतंत्रता के परस्पर जुड़े इतिहास के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक और प्रेरित करना है।
आर्य कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड आईटी, कूकस, जयपुर में होने वाले कार्यक्रम में प्रतिष्ठित शैक्षणिक हस्तियों, वैज्ञानिक समुदाय और सरकारी निकायों के प्रतिनिधियों सहित उल्लेखनीय हस्तियों की उपस्थिति देखी जाएगी। कार्यक्रम में शामिल विशिष्ट अतिथिगण भारत के इतिहास में विज्ञान और स्वतंत्रता के अंतर्संबंध पर अपने विचार साझा करेंगे। इससे देश की आजादी के ऐतिहासिक संघर्ष और वैज्ञानिकों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की जन मानस में गहरी समझ विकसित होने की उम्मीद है। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए विशेषज्ञों के साथ जुड़ने, सीखने और प्रोफेसर एस.एन. बोसे की जीवन से प्रेरणा लेने का एक अनूठा अवसर है।
उद्घाटन सत्र सुबह 10:00 बजे दीप प्रज्वलन और देवी सरस्वती के आह्वान के साथ शुरू होगा। कार्यक्रम में अतिथियों का पारंपरिक साफा द्वारा स्वागत किया जायेगा| कार्यक्रम की शुरुआत विज्ञान भारती राजस्थान के सचिव डॉ मेघेन्द्र शर्मा जी द्वारा दिन की गतिविधियों के परिचय के साथ की जाएगी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रोफेसर टी.जी. सीताराम जी होंगे। कार्यक्रम के मुख्या वक्ता श्रीमान स्वांत रंजन जी, अखिल भारतीय बौद्ध प्रमुख होंगे| इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथिओ आरटीयू के कुलपति प्रो. एस.के. सिंह, पूर्व महानिदेशक मौसम विज्ञान, भारत सरकार डॉ. एल.एस. राठौड, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सचिव श्री. प्रवीण रामदास जी, बीटीयू के कुलपति प्रोफेसर अंबरीश एस विद्यार्थी, एसकेएनएयू – जाबनेर के कुलपति प्रोफेसर बलराज सिंह, एनआईए के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा, राजस्थान यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर अल्पना कटेजा, और जेएनवीयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर पी.सी. त्रिवेदी, शामिल हैं|
इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित व्यक्तियों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जिनमे डॉ. एल.एस. राठौड़ (पूर्व महानिदेशक, आईएमडी), डॉ. आर.एस. परोदा (पूर्व महानिदेशक, आईसीएआर, भारत सरकार), और डॉ. एन.के. जोशी (पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक, बीएआरसी मुंबई) , शिक्षा विद श्रीमती लता रावत कैंब्रिज कोर्ट स्कूल ग्रुप, प्रो ऋषि सिंघल HOD फिजिक्स , राज विश्व विद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा देश के कई प्रतिष्ठित लोगों को भी इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण भारत के प्रख्यात वैज्ञानिक प्रोफेसर एस.एन. बोस के वैज्ञानिक कार्यो और जीवन पर प्रदर्शनियाँ होंगी। साथ ही छात्रों द्वारा परियोजनाएं और मॉडल, के अलावा सीएसआईआर-सीईईआरआई-पिलानी , कृषि विज्ञान केंद्र, आईसीएआर-डीआरएमआर-भरतपुर द्वारा लगायी जाने वाली प्रदर्शनियाँ भी होगी । ये सभी प्रदर्शनियाँ आगंतुकों के लिए पूरे दिन खुली रहेंगी। आगंतुकों को श्री एन.पी. राजीव, उपाध्यक्ष, एनआईएफ, और डॉ. बी. लाल गुप्ता द्वारा एक विशेष सत्र देखने का भी अवसर मिलेगा। एक अन्य कार्यक्रम विज्ञान शिक्षक सशक्तिकरण बैठक (एसटीईएम) भी इसमें शामिल है। इस आयोजन में स्कूल और कॉलेज के शिक्षकों को नई शिक्षा नीति, स्टार्टअप और विज्ञान और इंजीनियरिंग के छात्रों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न शैक्षिक उपकरणों की जानकारी प्रदान की जाएगी। छात्रों को डॉ. आर.एस. परोदा, डॉ. एन.के. जोशी, डॉ. पी.सी. पंचारिया, प्रो. बी.आर. गुर्जर, प्रो. बी.एल. स्वामी, और डॉ. ए. लेनिन फ्रेड जैसे कई प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शिक्षकों के साथ जुड़ने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। ।
कार्यक्रम के समापन में डॉ. एल.एस. राठौड़, श्री प्रवीण रामदास, डॉ. पी.सी. पंचारिया, श्री. एन.पी. राजीव, डॉ. ब्रजेश पांडे, प्रो. अंबरीश विद्यार्थी, डॉ. मेघेंद्र शर्मा, और इंजी अनुराग अग्रवाल सहित प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। . यह कार्यक्रम एक शैक्षिक और ज्ञानवर्धक अनुभव होने का वादा करता है, जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम में वैज्ञानिकों के योगदान का जश्न मनाने के लिए प्रसिद्ध विद्वानों, वैज्ञानिकों और छात्रों को एक साथ लाएगा।