Bikaner. (हेम शर्मा ) राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से 2018 से 2023 तक के घोषित सूर्य मल मिश्रण, गणेशी लाल व्यास, उस्ताद शिव चंद भरटीया पुरस्कारों की घोषणा प्रक्रिया पर सूचना के अधिकार के तहत नवनीत पाण्डे ने जानकारी चाही है। जवाब में अकादमी सचिव शरद केवलिया ने लिखित में दिया है कि राजस्थानी भाषा, साहित्य, संस्कृति अकादमी के नियमों में अकादमी पुरस्कारों का रिकार्ड गोपनीय होने के कारण चाही गई सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जा सकती। जवाब लॉजिकल सही हो सकता है, परंतु सवाल तो सारे सच को उजागर करने वाले तथात्मक है। अकादमी ने 29 सितंबर तक तीन वर्षों के पुरस्कारों के आवेदन मांगे और 5 अक्टूबर को पुरस्कारों की घोषणा भी कर दी। तो सवाल उठता है कि प्रक्रिया पूरी कैसे हो सकती है ? सवाल यह है कि क्या ईमानदारी से पूरी प्रक्रिया अपनाई गई थी क्या ?इस काम में नैतिकता कितनी रखी गई है? नियम कायदों की कितनी पालना हुई है? क्या नियम विरुद्ध जाकर अकादमी के पदाधिकारी या सदस्यों ने तो लाभ नहीं लिया है? सूचना के अधिकार के तहत अगर जवाब दिया जाता है तो सच सामने आ जाएगा। अकादमी पुरस्कार घोषणा में हर पुरस्कार के लिए तीन निर्णायकों की कमेटी को तय प्रक्रिया से उनको आवेदक की पुस्तक भेजी जाती है। निर्णायक मंडल पुस्तक का अध्ययन कर उस पर 100 शब्दों में टिप्पणी लिखता है फिर पुस्तक को अंक दिए जाते हैं। इसके बाद अंतिम निर्णय को अकादमी अध्यक्ष कार्य समिति की बैठक में प्रस्तुत करता है। यह सारी प्रक्रिया अकादमी ने 5 दिन में ही पूरी कर पुरस्कार घोषित कर दिए। सूचना के अधिकार के तहत सूचना चाहने वाले नवनीत पाण्डे ने जो सूचना चाही है उससे लगता है प्रक्रिया पूरी तरह नहीं अपनाई गई। सचिव का जवाब नियमों के तहत है, परंतु सच पर पर्दा डालने वाला है। वैसे इतनी जल्दी प्रक्रिया पूरी होना आश्चर्यजनक है। फिर जल्दबाजी क्या थी? यह भी सवाल बनता है। क्या आचार संहिता लगने का डर था, क्योंकि इसके बाद पुरुस्कार घोषित नहीं किए जा सकते थे और चहेते उपकृत नहीं हो पाते। वर्ष 2023- 24 और 2019,20, 21 के पुरस्कारों की घोषणा हुई है। कुल पुरस्कारों में अधिकतर पुरस्कार बीकानेर और हनुमानगढ़ के साहित्यकारों को ही गए हैं। अकादमी उपाध्यक्ष डा भरत ओला की राजस्थानी की पत्रिका हथाई को रावत सारस्वत पत्रकारिता पुरस्कार भी मिला है और प्रकाशन सहायता राशि दी गई। वहीं कार्य समिति सदस्य सुखदेव राव की पत्रिका रूडी राजस्थान को प्रकाशन पर सर्वाधिक सहायता दी गई। बीकानेर के एक ही परिवार के तीन लोगों को प्रकाशन सहायता और एक को पुरस्कार दिया गया है। राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी की ओर से 2018 से 2023 तक के घोषित सूर्य मल मिश्रण, गणेशी लाल व्यास, उस्ताद शिव चंद भरटीया पुरस्कारों के किन किन लेखकों की कौन कौन सी पुस्तकों प्रविष्टियां कुल कितनी प्राप्त हुई। अंतिम तिथि तक पुस्तकें किस किस निर्णायक को किस माध्यम से किस तारीख तक भेजी गईं। निर्णायक ने किस माध्यम से किस तारीख को अपनी सहमति भेजी। निर्णायक की पुस्तक पर सहमति की टिप्पणी की प्रति उपलब्ध करवाएं। भले ही सचिव ने नियमों का हवाला देकर जानकारी देने से मना का दिया हो, परंतु अकादमी अध्यक्ष, सचिव और नवनीत पाण्डे समेत लेखक पुरस्कारों का सच तो जानते ही है। सच पर पर्दा थोड़े ही रह सकता है।