– पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर ने जारी किए आदेश

जयपुर, (दिनेश शर्मा “अधिकारी “)। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में चर्चित गैंगस्टर आनंदपाल एनकाउंटर केस में शामिल 9 पुलिसकर्मियों को गहलोत सरकार विशेष पदोन्नति देगी। 90 पुलिसकर्मियों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इनमें 17 पुलिसकर्मियों को 1-1 लाख, 13 को 50-50 हजार रुपए, 34 पुलिसकर्मियों को 25-25 हजार रुपए और 26 पुलिसकर्मियों को 5100-5100 रुपए का इनाम दिया जाएगा। इस संबंध में पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने एक आदेश जारी किया है।

सूत्रों के अनुसार इसके अलावा गहलोत सरकार ने दो आईपीएस और दो एडिशनल एसपी को 12 बोर की पिस्तौल से सम्मानित करने और 7 पुलिस अफसरों को प्रेसीडेंट मैडल गैलेंट्री अवार्ड से सम्मानित करने की सिफारिश की है। इसमें आनंदपाल सिंह को गोली मारने वाले स्पेशल कमांडो सोहन सिंह, तत्कालीन चुरू एसपी राहुल बारहठ, एसओजी में एडिशनल एसपी करण शर्मा, एडिशनल एसपी विद्याप्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, आरएसी के हेडकांस्टेबल कैलाश व चुरू में पुलिस कांस्टेबल हरमपाल के नाम भी शामिल है। इसके लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार को फाइल भेजेगी। ये सभी मुख्य रूप से आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर करने वाली पुलिस टीम में शामिल थे।

आनंदपाल के एनकाउंटर के बाद वसुंधरा राजे सरकार में राजपूत नेताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। तब एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए इसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी। साथ ही मामले में सीबीआई जांच का दबाव बनाया गया। लेकिन सीबीआई ने पिछले साल ही अपनी जांच पूरी कर एनकाउंटर को सही ठहराते हुए पुलिस को क्लीन चिट दी थी। सीबीआई ने आनंदपाल एनकाउंटर को फर्जी बताए जाने से जुड़े मामले में एफआर लगा दी थी।

जबकि इस एनकाउंटर के बाद सांवराद में हुए हिंसक उपद्रव के मामले में आनंदपाल की बेटी व राजपूत समाज के नेताओं सहित करीब 24 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। एफआर में सीबीआई ने कहा है कि आनंदपाल एनकाउंटर फर्जी नहीं था। इसमें पुलिस की विश्वसनीयता पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है।

एसीजेएम (सीबीआई केसेज) कोर्ट में पेश एफआर में यह भी कहा गया है कि आनंदपाल की एके-47 से ही पुलिस के कमांडो सोहन सिंह पर गोलियां चलाई गई थीं। पुलिस ने जान बचाने के लिए फायरिंग की। दूसरी ओर, दंगे भड़काने के मामले में पेश चार्जशीट में आनंदपाल की बेटी योगिता सिंह, राजपूत समाज के नेता लोकेंद्रसिंह कालवी, सुखदेव सिंह गोगामेड़ी, रणवीर सिंह गुड़ा, मारवाड़ राजपूत सभा के अध्यक्ष व कांग्रेस नेता हनुमानसिंह खांगटा सहित 24 लोगों को आरोपी बनाया गया। सीबीआई ने जांच में माना था कि इन आरोपियों ने सरकार पर दबाव बनाने के श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया और भड़काऊ भाषण दिया। इसके बाद अनियंत्रित भीड़ ने नागौर एसपी के वाहन पर हमला कर आग लगा दी।