प्रस्तुति – अनमोल कुमार

भगवान श्री राम का जन्म चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर के समय कर्क लग्न में हुआ था। उस समय चन्द्रमा पुनर्वसु नक्षत्र में था और सूर्य मेष राशि में। रामनवमी के दिन व्रत रखने की भी मान्यता है। अगर इस दिन श्री राम यंत्र स्थापित करते हैं तो काफी लाभकारी होगा। जानिए यंत्र बनाने की विधि। *इस तरह करें हवन* आज पूजा आदि के बाद हवन करने का भी विधान है। आज तिल जौ और गुग्गुल को मिलाकर हवन करना चाहिए। हवन में जौ के मुकाबले तिल दो गुना होना चाहिए और गुग्गुल आदि हवन सामग्री जौ के बराबर होनी चाहिए। राम नवमी के दिन घर में हवन आदि करने से घर के अंदर किसी भी प्रकार की अनिष्ट शक्ति का प्रवेश नहीं हो पाता और घर की सुख-समृद्धि सदैव बनी रहती है।

राम यंत्र स्थापित करना बेहद लाभकारी
आज रामनवमी के दिन श्री राम यंत्र स्थापित करना बड़ा ही लाभकारी है तो आइए जानते है कि राम यंत्र को बनाने की उचित विधि।
श्री राम यंत्र बनाने के लिये एक भोजपत्र, अनार की कलम और केसर की स्याही की जरूरत होगी, लेकिन अगर इन सब चीज़ों को न जुटा पाएं तो केवल एक सफेद कागज और एक लाल स्केच पेन या पेन लें। अब भोजपत्र पर या सफेद कागज पर एक बिंदु बनाइए, फिर इस बिंदु के बाहर एक त्रिकोण बनाएं। अब फिर से उस त्रिकोण के विपरीत एक और त्रिकोण बनाए। इस तरह ये एक षटकोण बन जायेगा। अब षटकोण के बाहर एक वृत्त बनाइए। फिर वृत्त के बाहर 8 कमल की पंखुड़ियां बनाइए।
यंत्र बनाते वक्त ये करें
सबसे पहले पूर्व दिशा में श्री राम का स्मरण करते हुए अपनी आंखों को बंद करके दोनों भौहों के बीच त्रिपुटी पर अपना ध्यान केंद्रित करें और ऊँ शब्द का सस्वर 6 बार उच्चारण करें। फिर दाहिनी नाक से सांस खींचिए, रोकिए और श्री राम का स्मरण करके बाईं नाक से निकाल दीजिए। ऐसा 6 बार करना है। फिर ‘राम’ शब्द का सस्वर 108 बार उच्चारण करके अपनी आंखें खोलिए। इस तरह यंत्र तैयार हो जाऐगा।
श्री राम यंत्र का लाभ
*अगर अपने दाम्पत्य जीवन में खुशहाली लाना चाहते हैं, अपने सुख-सौभाग्य में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो आज आपको राम यंत्र सामने रखकर। इस मंत्र का 108 बार जप करें। मन्त्र है- ह्रीं रामाय नमः
*यदि आप विद्या के क्षेत्र में लाभ पाना चाहते हैं तो राम यंत्र को अपने सामने रखकर 108 बार ये मंत्र पढ़ना चाहिए। मंत्र है-ऐं रामाय नमः
*आप व्यवसाय में, घर में, खेल-राजनीति में, किसी मुकदमे में या जीवन के किसी भी क्षेत्र में जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं तो राम यंत्र को अपने सामने रखकर आपको 108 बार ये मंत्र पढ़ना चाहिए। मंत्र है-क्लीं रामाय नमः।
*अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं, अपनी आय में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो आज राम यंत्र सामने रखकर इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए । मंत्र है-श्रीं रामाय नमः।
राम चरित मानस की चौपाइयों का करें पाठ
आज राम चरित मानस की चौपाइयों का पाठ करना भी बेहद ही लाभकारी होगा। जानिए रामनवमी के दिन अपनी विशेष इच्छाओं की पूर्ति के लिए आपको किस चौपाई का पाठ करना चाहिए।
पहली चौपाई
जे सकाम नर सुनहि जे गावहि।
सुख-संपत्ति नाना विधि पावहि
आज श्री राम जी को तुलसी पत्र चढ़ाने और भगवान के इस चौपाई का 5 बार जप करने से आपका आर्थिक पक्ष मजबूत होगा
दूसरी चौपाई
“दीन दयाल बिरिदु संभारी ।
हरहु नाथ मम संकट भारी ।।”
आज के दिन श्री राम जी को पेड़े का भोग लगाने और साथ ही इस चौपाई का सात बार जप करने से आपको हर प्रकार के संकटों से छुटकारा मिलेगा।
तीसरी चौपाई
“सीता राम चरन रति मोरे अनुदिन बढ़हिं अनुग्रह तोरे।।”
श्री राम को आज फल चढ़ाने और इस चौपाई का पांच बार जप करने से आपको संतान सुख की प्राप्ति होगी।
चौथी चौपाई
“सुफल मनोरथ होई तुम्हारे,
राम लखन सुनिमये सुखारे ।।”
भगवान राम को आज पीले रंग का फूल चढ़ाने और इस चौपाई का पांच बार जप करने से आपके विवाह में आ रही अड़चने दूर होंगी।
पांचवीं चौपाई
“प्रभु की कृपा भयहु सब काजू, जन्म हमार सुफल भी आजू ।।”
श्री राम को आज के दिन बूंदी के लड्डू का भोग लगाने, साथ ही इस चौपाई का 11 बार जप करने से आपको किसी पुराने मुकदमे में सफलता प्राप्त होगी।
छठी चौपाई
पवन तनय बल पवन समाना।
बुधि विवेक विज्ञान विधाना ।।
श्री राम को सूजी के हलवे का भोग लगाने और साथ ही इस चौपाई का 21 बार जप करने से आपके बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होगी।
इसके अलावा अगर आप अपने किसी विशेष मनोरथ की प्राप्ति करना चाहते हैं तो आज श्री राम को बेसन से बनी मिठाई का भोग लगाएं और इस चौपाई का एक माला जप करें। चौपाई इस प्रकार है-
“मोर मनोरथु जानहु नीके ।
बसहु सदा उर पुर सबही के ।।”
आज के दिन ऐसा करने से आपके किसी विशेष मनोरथ की पूर्ति होगी।
साथ ही आज भगवान श्री राम को केसर अर्पित करने और उनके इस चौपाई का 11 बार जप करने से आपके धन के कोष के साथ-साथ मान और सम्मान में भी वृद्धि होगी। चौपाई इस प्रकार है-
मुद मंगलमय सेत समाजू जिनि जम जंगम तीरथराजू