-कोचिंग सेंटर और पी जी के छात्रों की भी होगी अब मनोवैज्ञानिक जांच

जयपुर,( दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से नालसा रेगुलेशन 2011 की अनुपालना में प्रदेश के समस्त जिला एवं पंचायत स्तर पर संचालित कोचिंग संस्थानों और पीजी स्तर पर “ लीगल एड क्लिनिक कम काउंसलिंग सेंटर “ स्थापित “ करने के लिए रिपोर्ट 11 जनवरी 2023 तक रालसा कार्यालय जयपुर भिजवाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिवों को निर्देश जारी किए है।
रालसा सदस्य सचिव ने आदेशों में बताया कि “ नालसा रेगुलेशन 2011 “ की पालना में आए दिन समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरें जिनमें छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के गम्भीर मामले दिन प्रतिदिन बढ़ रहें हैं। हाल ही “ कोटा में 3 छात्रों द्वारा आत्महत्या करने के मामले पर राजस्थान सरकार को जारी नोटिस में त्वरित कार्रवाई करते हुए समस्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिवों को इस आशय के निर्देश जारी किए हैं कि वे अपने अपने क्षेत्राधिकार में संचालित कोचिंग एवं पीजी सेंटर में अध्यनरत प्रतियोगी परीक्षा पास होने के लिए अतिरिक्त मानसिक तनाव/ दबाव में होते हैं जिससे बच्चे डिप्रेशन, एंजाइटी, शारीरिक एवं मानसिक तनाव के चलते आत्महत्या जैसे गंभीर निर्णय माता-पिता से दूर अकेले रहने के कारण ले रहे हैं। ऐसी स्थिति में राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक जिले स्तर पर संचालित कोचिंग एवम् पी जी सेंटर्स की सूची तैयार कर लीगल एड क्लीनिक स्थापित कर समय-समय पर बच्चों को विधि ज्ञान के अलावा मानसिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की जांच तनाव एवं अवसाद को कम करने के लिए राजकीय मनोचिकित्सक नियुक्त कर मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग करवाने के निर्देश जारी किए हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नालसा रेगुलेशन 2011 में वर्णित इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता , राजकीय मनोचिकित्सक एवं मैनपावर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश भी जारी किए हैं, साथ ही जिले में संचालित कोचिंग एवम् पी जी सेंटर मे अध्ययनरत छात्रों की सूची सहित अन्य आवश्यक स्थानीय स्तर के सुझाव 11 जनवरी 2023 तक रालसा कार्यालय में रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश जारी किये हैं।

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