नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कानपुर दौरे के दौरान वीवीआईपी मूवमेंट ने एक 50 साल की महिला व्यवसायी की जान ले ली। शुक्रवार यानी 25 जून की शाम राष्ट्रपति की विशेष ट्रेन के लिए रेलवे क्रॉसिंग पर गोविंदनगर में ट्रैफिक को रोका गया था। इस दौरान प्राइवेट कार से निजी अस्पताल जा रही पोस्ट कोविड महिला मरीज वंदना मिश्र भी जाम में फंस गई। लगभग एक घंटे तक रोके गए ट्रैफिक को सामान्य होने में आधा घंटा और लग गया। जब तक वंदना अस्पताल पहुंचती, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। निजी अस्पताल में डॉक्टर ने उनको मृत घोषित कर दिया।
वंदना मिश्र (50) के जाम में फंसने से मौत की सूचना पर शनिवार सुबह पुलिस कमिश्नर असीम अरुण और डीसीपी रवीना त्यागी ने उनके घर जाकर परिवार से माफी मांगी। कमिश्नर ने पति शरद मिश्र से कहा, यह ट्रैफिक व्यवस्था की खामी है, जिसके लिए वह माफी मांगते हैं। जाम में मरीज के फंसने की सूचना समय से मिलती, तो उसे पहले ही हॉस्पिटल भेज दिया जाता। वंदना के अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस कमिश्नर-डीसीपी के अलावा डीएम अलोक तिवारी भी भैरवघाट पर पहुंचे थे। पुलिस कमिश्नर ने दरोगा समेत 3 सिपाहियों को निलंबित कर दिया है। वंदना के परिजनों ने बताया कि करीब दो महीने पहले कोरोना से ठीक होने के बाद से वंदना की तबीयत ठीक नहीं थी। शुक्रवार सुबह हालात ज्यादा खराब होने पर एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए उनको ले जाया गया था। वंदना इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की महिला विंग अध्यक्ष थीं। वह लगातार 7 साल तक आईआईए चैप्टर कानपुर की जनरल सेक्रेटरी भी रहीं। अपनी मेहनत से वंदना ने घरेलू किचन मसाला बनने की फैक्ट्री खड़ी की थी। घटना की सूचना मिलते ही राष्ट्रपति कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद ने दुख जताया। राष्ट्रपति की पत्नी ने कमिश्नर को निर्देश दिए हैं कि दोबारा ऐसी स्थिति न पैदा हो इस पर ध्यान दिया जाए। इससे पहले शुक्रवार सुबह राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था में तैनाती को जा रहे तेज रफ्तार सीआरपीएफ वाहन ने तीन साल की मासूम की जान ले ली। वाहन ने बाइक सवार को जोरदार टक्कर मार दी। घटना में बच्ची बाइक से गिर कर वाहन के पहियों के नीचे आ गई। आनन-फानन उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत बताया।
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