संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन के आदेश पर 2018 लम्बित गोचर भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है। नि:संदेह पवन ने पुनीत कार्य की शुरुवात की है। जनता और जनप्रतिनिधियों के शिष्ट मंडल के सामने किया वादा अक्षरश पूरा किया है। इस कार्रवाई से गोचर के संरक्षण और विकास में लगी संस्थाएं और जुड़े सेवाभावी लोग खुशियां मना रहे हैं। एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं और डा.नीरज के. पवन को शाबाशी भी।आज ब्यूरोक्रेसी की जो हालत है उसमें संभागीय आयुक्त ने ब्यूरोक्रेट के रूप में जनता का विश्वास हासिल किया है। वे बेशक धन्यवाद के पात्र है। वे नहीं चाहते तो गोचर से अतिक्रमण नहीं हटते। संभागीय आयुक्त ने जैसा शिष्ट मंडल को वचन दिया वैसा करके दिखा दिया। अतिक्रमण हटाने के अभियान के पहले चरण में 21 अतिक्रमण हटाए गए। इससे 150 बीघा गोचर की जमीन खाली हुई। सुजानदेसर की गोचर में राजस्व विभाग की ओर से 124 अतिक्रमण चिन्हित है। इनको हटाने की कार्रवाई अगले चरणों में की जानी है। वैसे सरेह नथानिया, भीनासर गोचर चारागाह पर भी हुए अतिक्रमणों में कार्रवाई वांछित है। संभागीय आयुक्त ने तो शिष्ट मंडल के समक्ष अधिकारियों को जिलेभर में गोचर से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे।जिला कलक्टर और अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) उस वक्त मौजूद थे। क्या होता है। वक्त का इंतजार है। जो जानने वाली बात है वो यह कि गोचर से हजारों लोगों की भावनाऐं जुड़ी हुई है। दबंग अफसर ने जो काम किया है उसे पीढियां याद रखेगी। शायद राज्य में अगर नहीं तो बीकानेर में पहली बार कोई जिम्मेदार संभागीय आयुक्त की छवि जनता में बनी है। यह कोई अतिशयोक्ति हो तो बता दें? दरअसल गोचर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कोई सार्वजनिक संपदा की सुरक्षा तक का मामला नहीं है। यह जनता और गोचर आंदोलन जुड़े सैकड़ों कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान है जो चाहते है कि गोचर सुरक्षित रहे। बीकानेर में राजनेताओं की सूची तैयार करें तो पन्ने दर पन्ने भर जाएंगे। जनहित के मुद्दे और गोचर की सुरक्षा, संवर्धन और विकास की मंशा रखने और राजनीति करने वालों की सूची बनाए तो नाम ढूढने पड़ेंगे। देवी सिंह भाटी ने गोचर सुरक्षा का वर्षों से काम करने वाले संगठनों और लोगों को नेतृत्व देकर जो काम किया है वो उनके राजनेता के रूप में किए गए कार्यों से बड़े काम है। भाटी में गोचर विकास का माद्दा है वे गोचर की चार दिवारी बनाने, कब्जे हटाने और जनता को जोड़कर गोचर का विकास करने की नेतृत्व क्षमता रखते हैं। भाटी गोचर के मुद्दे पर अडिग है तो जनता भी इस मुद्दे पर उन्हें सिर आंखों पर बिठाए हुए हैं। वाह भाटी, वाह नीरज आपको गोचर रक्षकों की ओर से सलाम।

You missed