-करीब 2 साल से देश में लंपी जारी,

_ राज्य के पशुपालन विभाग ने पहले से नहीं की कोई तैयारी
हरीश गुप्ता।

जयपुर। गौमाता को मौत की नींद सुलाने वाले ‘यमराज’ रूपी लंपी देश में 2 साल पहले प्रवेश कर चुकी थी, लेकिन राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजतन सैकड़ों की संख्या में गौमाता रोजाना काल का ग्रास बनती जा रही है।
जानकारी के मुताबिक लंपी नामक यह बीमारी करीब 2 साल पहले दक्षिण भारत में प्रवेश कर चुकी थी। धीरे-धीरे यह ऊपर की ओर बढ़ती चली गई। राज्य पशुपालन विभाग के अधिकारी शायद यह सोच बैठे हो कि उनसे बड़ा लंपी कौन? लंपी तो उनके प्रदेश में घुस ही नहीं सकती? इसलिए उन्होंने पहले से कोई तैयारी नहीं की।
जानकारी के मुताबिक करीब साढ़े 3 साल से विभाग में निदेशक का पद खाली चल रहा है, इसलिए संघ विचारधारा के एक आरएएस अधिकारी के आदेश चलते हैं। उनके हर आदेश मौखिक ही होते हैं।
सूत्रों की मानें तो विभाग में पशुओं की रेगुलर दवाओं के टेंडर भी काफी समय से नहीं हुए। उसका कारण है उसमें गड़बड़ी की चर्चाएं शुरू से होती रही है। इसलिए विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया ने पशुओं की दवा खरीदने के लिए मेडिसिन विभाग को लिखा, लेकिन विभाग ने हाथ खड़े कर दिए। उधर दवाओं की कमी होते देख राज्य उपभोक्ता भंडार को यह कार्य सौंपा गया।
सूत्रों ने बताया कि लंपी के प्रदेश में प्रवेश करने के बाद जैसे-जैसे गौ माता के मृत ढेर की फोटो सामने आने लगी दवा खरीद का काम जिला कलेक्टरों पर भी सौंप दिया।
आज भी कई जगह दवाओं की कमी है, लेकिन अधिकारियों की नींद में कोई कमी नहीं है। विभाग में निदेशक नहीं है तो चिंता किसे? विभाग में चर्चा जोरों पर है, ‘आरएएस साहब ही चला रहे हैं।’ सवाल खड़ा होता है संघ विचारधारा के होने के बाद भी उन्हें गौमाता पर तरस नहीं आ रहा? हर जगह ‘गोविंद’ की कृपा नहीं चलती।
जानकारी के मुताबिक दवाओं में कैसे घोटाले हो रहे हैं वह भी सामने आएंगे। 30 की दवा सवा 100 में खरीदी जा रही है। विभाग जांच करें, वरना सबूत हम देंगे। दवा खरीद से जुड़े सात-आठ लोगों को बेजुबान गाय पर भी तरस नहीं आ रहा? क्या विभाग ने पहले से इस बीमारी से निपटने की तैयारी की? अगर की तो किस अधिकारी को इसकी जिम्मेदारी दी? ‘पशु प्रेमी’ और ‘भोले किसान’ की चिलम भरने से काम नहीं चलेगा?
सरकार ने एक ओर हर जरूरत की चीजों के लिए सरकारी खजाने का मुंह खोल रखा है, ऐसे में जांच करवानी चाहिए ऐसे कौन लोग हैं जो सरकार को नीचा दिखाने में लगे हुए हैं।