गुरुग्राम, हरियाणा। (दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। आंदोलनरत किसानों ने मोर्चे पर “प्रतिरोध सप्ताह” की कड़ी को जारी रखते हुए कोरोना से बचाव के इंतजाम को भी प्राथमिकता दी मोर्चा-स्थल पर ही किसान टीकाकरण अभियान को भी सफलतापूर्वक अंजाम दे रहे हैं। कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है।

शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर रोजा इफ्तार शनिवार को ग्यारहवे दिन गंगा जमुनी तहजीब को आगे बढ़ाते हुए सर्व धर्म के किसान हिंदू -मुस्लिम -सिख -ईसाई हम सब हैं भाई भाई , इस सिद्धांत को आगे बढ़ाते हुए शामिल थे।

24 अप्रैल को किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान संघर्ष के 150 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों से किया “फिर दिल्ली चलो” का आह्वान पर

वापस अपने मोर्चो पर पहुँचने के लिए तैयार हो रहे है किसान। शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर समूह चर्चाओं का दौर जारी भी जारी रहा।

मोर्चा की ओर से प्रैस विज्ञप्ति में डॉ.संजय”माधव” ने बताया कि शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर “प्रतिरोध सप्ताह” के तहत कोरोना से बचाव के पुख्ता इंतजाम के जागरूकता अभियान लगातार जारी है और किसानों के कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सभी तरह के कोरोना प्रोटोकॉल के पालन करने के साथ ही साथ मोर्चा-स्थल पर किसानों के टीकाकरण का अभियान भी चलाया जा रहा है। कई किसानों के टीकाकरण हो चुका है और ये अभियान भी लगातार जारी रहेगा।संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से इसमें पूरी तरह से सहयोग किया जा रहा है।

किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान संघर्ष के 150 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में संयुक्त किसान मोर्चा ने सभी किसानों से आंदोलन को शक्ति प्रदान करने के लिए और केन्द्र की भाजपा-आरएसएस सरकार की कुचालों का मुंहतोड़ जबाव देने के लिए वापस अपने-2 मोर्चों पर पहुंचने का आह्वान किया है। “फिर दिल्ली चलो” के आह्वान के साथ अपने-2 मोर्चो पर पहुँचने का सिलसिला शुरू हो गया है। इस आह्वान के तहत राजस्थान एवं आस-पास के राज्यों के किसानों को शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर आने के लिए गांव-गांव से किसानों ने मोर्चा-स्थल पर पहुंचना शुरू कर दिया है।

सभी किसान फोन और सोशल-मीडिया के माध्यम से मोर्चा-स्थल पर मौजूद नेतृत्व के सम्पर्क में हैं और जैसे-२ उन्हें निर्देश मिल रहे हैं उसी के अनुरूप किसानों का मोर्चा-स्थल पर पहुँचने का सिलसिला तेज हो रहा है।

मोर्चा-स्थल पर जारी रहे समूह-चर्चाओं के दौर में किसानों ने केन्द्र-सरकार की संवेदनाहीनता के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए सरकार के कोरोना संक्रमण की चुनौती से निबटने के गैरजिम्मेदाराना रवैये की आलोचना करते हुए यह कहा कि जिस तरह का असंवेदनशील, असंवैधानिक औऱ गैर जिम्मेदाराना व्यवहार केन्द्र की भाजपा-आरएसएस सरकार ने किसानों के आंदोलन के साथ करते हुए सिर्फ और सिर्फ अपने आकाओं के मुनाफे बढाने के लिए कानून लागू करने पर अडी रही,कोरोना महामारी का मुकाबला करने में भी बिलकुल उसी प्रकार का रवैया केन्द्र-सरकार ने अपनाया हुआ है। एक तरफ लाखों लोगों की जान बीमारी से जा रही है वहीं ऐसे गंभीर हालात में भी आदमखोरों की तरह’आपदाओं में अवसर “ढूंढता देशी-विदेशी कॉरपोरेट घरानों का चौकीदार बना नरेंद्र मोदी उनकें लिए मुनाफे बढाने के काम में लगा हुआ हैं।

सभी किसानों ने अपने अनुभवों के आधार पर बात रखते हुए योजना बनाकर इनके काले मंसूबों और कारनामों को बेनकाब करने का फैसला लिया।

किसानों ने कहा कि इस आंदोलन में रम कर इसे अपनी रग-2 में उतारते हुये आज देश की आम जनता ने देश के शासक वर्गों की असली नीतियों को जान-पहचान लिया है। अत:अब यह संकल्प कर लिया है कि आखिरी दम तक “संघर्ष करेंगे,लड़ेंगे और जीतेंगे”, इंकलाब जिंदाबाद और “जीतेंगे या मरेंगे” का नारा अब वास्तविक अर्थ में किसानों ने अपने रोजमर्रा के जीवन मे शामिल कर लिया है और अब ये सिर्फ किसानों के आंदोलन की जीत का सवाल नहीं है बल्कि देश की जनता को इन पूंजी परस्त दोगले आदमखोर शासक वर्गों से मुक्त कराने के लिए भी अब जनता के पास आंदोलन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नही है। अत: किसानों का यह संकल्प है कि हम जीवित हैं तब तक अडिग हैं और मैदान से हटेंगे नहीं,ना ही किसी को हटाने देंगे।

यह आंदोलन एक क्रांतिकारी बदलाव के लिए एक ऐसी पीढ़ी को तैयार कर रहा है, जो क्रांतिकारी सपने देखने के साथ-साथ उन सपनों को साकार करने में अपनी क्रांतिकारी भूमिका को निभाना भी सीख रही है।

संयुक्त किसान मोर्चा, शाहजहाँपुर-खेड़ा बोर्डर पर किसानो ने कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लगातार भयावह होती जा रही स्थिति में लगातार हो रही मौतों,ऑक्सीजन,दवाओं की आपूर्ति में अव्यवस्था,अराजकता और लूट खसोट के लिए भाजपा-आरएसएस की केन्द्र की मोदी सरकार और खुद प्रधानमंत्री मोदी की अकर्मण्यता,भ्रष्ट आचरण,अपने पूंजीपति आकाओं को फायदा पहुंचाने की नीयत,तुच्छ राजनीतिक मानसिकता और लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।

ये नाकारा मोदी सरकार है,जिसकी लापरवाही और भ्रष्ट पूंजीपरस्त आचरण की वजह से आज देश की जनता की बहुमूल्य जानें ऑक्सीजन,जीवनरक्षक औषधियों और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में जा रही हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा-आरएसएस सरकार से जनता के जीवन की रक्षा के लिये शीघ्र तुच्छ राजनीति का त्याग करते हुए संवेदनशील होकर जिम्मेदारीपूर्वक अपने राजधर्म का पालन करने की मांग की है।

शाहजहाँपुर-खेड़ा बॉर्डर पर रोजा इफ्तार का दौर में ग्यारहवें दिन भी किसानों ने मिल-जुलकर रोजा-इफ्तार किया। समूह चर्चाओं और रोजा-इफ्तार में मौलाना दिलशाद, अमजद भाई, फजरु भाई, साजिद भाई, अब्दुल भाई, अमराराम, रामकिशन महलावत, राजाराम मील, बलवीर छिल्लर, तारा सिंह सिद्धु, कालू थोरी, शोपतराम, भागीरथ नेतड, काला सिंह, ज्ञानी राजवीर सिंह, जोगेन्द्र यादव, पवन दुग्गल,अंकुश सोलंकी,रविन्द्र तरखान,बुढानिया, बाबा जैमल सिंह, बाबा सुखदेव सिंह, पृथ्वी सिंह, जापान सिंह,विश्वजीत सिंह, हृषिकेश कुलकर्णी,सतपाल यादव समेत कई साथी शामिल हुए।