– अनमोल कुमार
7 जून 1983 जब महात्मा गांधी एक बैरिस्टर के रूप में साउथ अफ्रीका के लिए सफर कर रहे थे तभी पीटर्सबर्ग स्टेशन पर एक अंग्रेज ट्रेन टिकट परीक्षक ने गांधीजी का टिकट प्रथम वर्ग का होने के बावजूद तीसरे वर्ग के रेल डब्बे में जाने को कहा गांधीजी के इंकार करने पर उसने जबरन सामान के साथ धक्का देकर स्टेशन को उतार दिया ।
इस घटना ने पहली बार मोहनदास करमचंद गांधी उर्फ महात्मा गांधी के दिल में पहली बार सविनय अवज्ञा और सत्याग्रह के संकल्प पैदा किया । गांधीजी राजकोट में वकालत करते थे । दक्षिण अफ्रीका के एक से एक अब्दुल्ला के मुकदमा के सिलसिले में वे दक्षिण अफ्रीका ट्रेन से जा रहे थे तभी यह वारदात घटी ।उन्हें रात भर ठंडे में ठिठुरते हुए स्टेशन पर ही समय बिताना पड़ा ।