( पुण्यतिथि पर विशेष )
रिपोर्ट – अनमोल कुमार
भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति देश के महान वैज्ञानिक भारत के मिसाइल में के पुण्यतिथि पर सारा राष्ट्र नतमस्तक है उनके पुण्यतिथि पर कई सरकारी होंगे सरकारी संस्थानों में श्रद्धांजलि सभा और पुष्प अर्पण का कार्यक्रम किया जा रहा है ।
इनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था ।उन्होंने कहा था महान सपने देखो और उसे पूरा करने में जुट जाओ महान सपने जरूर पूरा होंगे ।
उन्होंने कहा था काम से प्रेम करो काम से प्रेम का मतलब राष्ट्र से प्रेम है उन्होंने आत्मनिर्भरता पर काफी बल दिया था ।
– अद्भुत कलाम
आज देश के महान वैज्ञानिक, शिक्षक और भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवे राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ ए.पी.जे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि देश की कुछ सबसे बड़ी गौरव गाथाओं में से एक को याद करने का दिन है। डॉ कलाम की तमिलनाडु के गरीब मछुआरे परिवार से देश के राष्ट्रपति की कुर्सी तक की यात्रा अद्भुत बात है, लेकिन उससे भी अद्भुत यह है कि अपनी असंख्य उपलब्धियों और असीम ऊंचाईयों के बावज़ूद जीवन भर वे एक सहज, सरल व्यक्ति, एक आत्मीय शिक्षक ही बने रहे। वे अपनी मिट्टी से गढ़े हुए एक ऐसे व्यक्ति थे जिसे समुद्र ने विशालता और गहराई दी। प्रकृति ने निश्छलता दिया। संगीत और कविता ने संस्कार। ज्ञान ने विवेक दिया। विज्ञान ने दृष्टि।आसमान ने सपने दिए और पक्षियों नें परवाज़ अता की। और इस तरह से भारत में बना एक अद्भुत, अद्वितीय कलाम। एक ‘अग्नि-पुरूष’ जिसके भीतर की आग ने हम सबको शीतलता का अहसास दिया I अपनी विद्वता, ज्ञान, वैज्ञानिक दृष्टि, लेखकीय क्षमता, विनम्रता और मृदु स्वभाव के कारण वे देश के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपति रहे। वर्तमान भारत में बच्चों और युवाओं के आखिरी ‘रोल मॉडल’। तमाम व्यस्तताओं के बीच भी बच्चों और युवाओं से वे हमेशा जुड़े रहे। दूर आकाश में बैठे ईश्वर को शायद उनकी जीवंतता, सादगी और उजली हंसी बहुत भा गई थी। अब किसी दूसरी दुनिया में ही लग रही होगी कलाम सर की क्लास ।
कलाम सर, कभी ईश्वर से मुलाक़ात हुई तो उनसे एक सवाल ज़रूर पूछना कि एक अरसे से उसने आप जैसे प्यारे लोगों को भारत में भेजना बंद क्यों कर रखा है !
– Dhruv Gupt