कोरोना आपदा के माहौल में शासन प्रशासन की ओर से समारोहों में ज्यादा भीड़ जुटाने की सख्ती के बावजूद बीकानेर व्यापार उद्योग मंडली वाले राठी ब्रांड अध्यक्ष ने अपने गृह प्रवेश समारोह में मेहमानों की खूब भीड़ जुटा ली और उनकी खातिरदारी में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। लेकिन मेहमानों की भीड़ में शामिल हुए एक-दो संक्रमितों ने सारा खेल ही बिगाड़ दिया। इसकी भनक लगने के बाद समारोहों में अतिथि बनकर पहुंचने वालों की स्थिति भी अब बताने लायक नहीं है,इसलिये वे खुद भी छुपाने में ही भलाई समझ रहे है,लेकिन चिंता इस बात को लेकर है कि छुपाये कब तक, क्योंकि बैरी बना कोरोना अपने लक्षण ज्यादा दिन छुपाने भी नहीं देता। इधर समारोहों को लेकर केस दर्ज होने पर पुलिस भी समारोहों में शामिल हुए अतिथियों की शिनाख्तगी के लिये फोटो और विडियों फुटेज भी खंगालने में जुट गई । यह सारा मामला सियासी परिवार से जुड़े ऊंचे रसूखात का होने के कारण पुलिस को भी तहकीकात में पूरी एतिहात बरतनी पड़ रही है। खैर अब इस मामलेे को लेकर रायता ज्यादा ना फैले इसके लिये सियासी परिवार के हुकमरानों ने अपनी तरफ से पुख्ता बंदोबश्त कर दिया है,इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।
कांग्रेस के राष्ट्रव्यापी आव्हान पर सोमवार को बीकानेर में भी कांग्रेस फौज भी पेट्रोल डीजल दामों में बढोतरी को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ हायतोबा मचाने के लिये जिला मुख्यालय पर पहुंच गई। इस मौके पर उच्च शिक्षामंत्री समेत कई कांग्रेसी दिग्गज भी शामिल थे,हैरानी की बात तो यह कि प्रदर्शन में पार्टी कार्यकर्ता कम और नेता ज्यादा थे,जो प्रदर्शन करने के बजाय मंत्रीजी के साथ फोटों खिंचवानेे के लिये ज्यादा उत्साही नजर आये। इसके लिये एक-दो नेताओं में अच्छी खासी खींचतान भी हुई,लेकिन मौके पर मीडिया पूरा कवरेज कर रहा था,इसलिये बात ज्यादा नहीं बढ़ी। इस दौरान अल्पसंख्यक लॉबी के एक नेताजी ने अपनी खीज मिटाने के लिये यह कहने से भी नहीं चूके कि बीकानेर में कांग्रेस अब फोटों खिंचवानें वाले नेताओं की पार्टी बनकर रह गई है,हालांकि खीज खाये नेताजी बोलना तो बहुत कुछ चाहते थे ,लेकिन उनके साथी ने मौके की नजाकत भांपकर चुप करवा दिया। ऐसे में लगता है कि बीकानेर की कांग्रेस में माहौल खासा गरम है। लेकिन फिलहाल सब खैरियत है।
बीकानेर के ताजा सियासी माहौल में इस फिल्मी गानें की पंक्तियां हमारी मैयर साहिबा पर पूरी तरह फीट बैठती नजर आ रही है। नगर की प्रथम नागरिक होने के कारण हमारी मैयर साहिबा बीकानेर के चहुंमुखी विकास के लिये करना तो बहुत कुछ चाहती है,लेकिन सत्ता वालों की कठपुतली बने नगर निगम के नौकरशाह उन्हे कुछ भी नहीं करनें दे और खुद की पार्टी वाले भी नौकरशाहों के खिलाफ मोर्चाबंदी में मेयर साहिबा का खुलकर साथ नहीं दे रहे है। मजे कि बात तो यह है कि मैयर साहिबा कई गैर पार्टी वाले मजबूती से उनका साथ देने को तैयार है और एक महाअधिवक्ता ने तो मैयर साहिबा के लिये खुलकर मोर्चा संभाल रखा है। ऐसे में खुद की पार्टी वालों के रवैये से हमारी मैयर साहिबा थोड़ी आहत जरूर है,लेकिन उनका हौंसलें बुलन्द है। वैसे नगर निगम में नौकरशाहों की मनमानी के खिलाफ मैयर साहिबा की इस जंग के परिणाम क्यों होगें इसका तो अभी पता नहीं है,लेकिन आमजन के बीच इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है कि नगर निगम के नौकरशाहों का कुत्सित रवैया स्वस्थ्य लोकतंत्र के शुभ संकेत नहीं है,फिलहाल सब खैरियत है।