• धर्म ही व्यक्ति को एक इंसान बनाता है-

• जनचेतना के दृष्टिकोण से भगैत सबसे बड़ा सामाजिक और धार्मिक आंदोलन
त्रिवेणीगंज।त्रिवेणीगंज प्रखंड अंतर्गत जदिया उच्च विद्यालय मैदान परिसर में मंगलवार को अखिल भारतीय भ्रमणशील धर्मयज्ञ भगैत महासभा के तत्वावधान में जिला सम्मेलन को लेकर विधि-विधान पूर्वक ध्वजारोहण कार्यक्रम व धर्म सभा का आयोजन किया गया। ग्राम पंचायत जदिया के मुखिया श्याम यादव के अध्यक्षता में आयोजित धर्मसभा को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय लोकगाथा भगैत महासभा के प्रवक्ता डॉ. अमन कुमार ने कहा कि दुनियाँ का हर धर्म आपस में मानवता का पाठ पढ़ाते हैं। धर्म आपसी सदभाव एवं एकता का प्रतीक है। सामाजिक एकता को बढ़ाना विश्व के सभी धर्मों की स्थापना का मूल उदेश्य है। धर्म ही व्यक्ति को एक इंसान बनाता है। आज धर्म के आड़ में करोड़ों की गोरख धंधा चल रहा है। यह काफी चिंता का विषय है। डॉ. कुमार ने कहा कि सभी धर्मों से बड़ा है राष्ट्र धर्म। सामाजिक और धार्मिक कुरीति मिटाकर ही बेहतर समाज निर्माण किया जा सकता है। शिक्षा को हथियार बनाने की जरुरत है।

समाज में जनचेतना के दृष्टिकोण से भगैत सबसे बड़ा सामाजिक और धार्मिक आंदोलन है। कहा कि धर्मों का अनुसरण करने से मानव का ह्रदय निर्मल हो जाता है। फिर उस स्थिति में करुणा जन्म लेती है। करुणा के कारण दया व क्षमा का भाव जागृत होता है। इन दोनों गुणों के कारण मानव, मानव से प्रेम करने लगता है। भगैत का सबसे बड़ा महानायक बाबा धर्मराज है। इसकी मूल भावना वसुधैव कुटुंबकम् के पवित्र उदेश्य पर आधारित है। समर्थ होकर भी असमर्थ को गले लगाने का करुणाभाव भगैत से मिलती है। महंथ जागेश्वर यादव ने कहा लोकगाथा भगैत समाज की किसी वर्ग, जाति, धर्म, क्षेत्र या व्यक्ति विशेष से संबंधित नहीं है बल्कि सम्पूर्ण समाज की धरोहर है। उप महंथ सिकेन्द्र यादव ने कहा कि भगैत जन-जन की मूलभूत पूंजी है। जिसके आधार पर साहित्य, संस्कृति व महापुरुषों के इतिहास एवं विचारों की जानकारी मिलती है। वार्षिक सभापति ब्रह्मदेव यादव ने कहा कि भगैत भारतीय संस्कृति व सभ्यता का सबसे बड़ा दर्शन है। इतना ही नहीं सामाजिक सौहार्द का सबसे बड़ा उदाहरण भी है। यज्ञाचार्य रामजी दास ने कहा कि शिक्षा से कोसों दूर समुदाय के बीच धर्म और सत्य के प्रचार-प्रसार का एक बेहतर माध्यम भगैत है। धार्मिक सन्देश को अपने अंदर पिरोने की आवश्यकता है। सभा की अध्यक्षता करते हुए मुखिया श्याम यादव ने कहा कि संसार का कोई भी कार्य करने पर लाभ के साथ-साथ हानि की भी संभावना बनी रहती है। परंतु भगैत से लाभ ही लाभ मिलता है। धर्म प्रेमी महिन्द्र यादव व उप महामंत्री शत्रुधन यादव ने कहा कि भगैत को जनसुलभ और लोकप्रिय बनाने की दिशा में सार्थक पहल करने की जरुरत है। धर्म सभा में महामंत्री कुशुमलाल यादव, सचिव सत्यनारायण यादव, कोषाध्यक्ष धनिकलाल यादव, मंत्री देव नारायण यादव, मासिक सभापति उमेश यादव, अनंत यादव, कर्पूरी यादव, देव नारायण यादव, महात्मा गजेन्द्र यादव, राजू यादव, परमानन्द कुमार पप्पू, संतोष कुमार, विजेन्द्र प्रसाद यादव , महात्मा गजेंद्र यादव, भोगेन्द्र यादव, भूषण यादव, खट्टर यादव, गंगा प्रसाद यादव, रामनारायण यादव, रामदेव साह, राजकुमार यादव, सत्यनारायण यादव, ललन कुमार, कमल यादव आदि उपस्थित थे।