राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता की मांग।
– रामजीलाल घोड़ेला की दो बाल कृतियों का विमोच
लूनकरनसर।
आज के अर्थकेन्द्रित युग में संवेदना का सागर सूखता जा रहा है, साहित्य ही समाज में भाव व विचार की सत्ता को बचा सकता है। ये उद्गार जिला शिक्षा अधिकारी ने व्यक्त किए। महलावत मंगलवार को कस्बे के ग्रामोत्थान विद्या निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में नानूराम संस्कर्ता राजस्थानी साहित्य सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मायड़ भाषा राजस्थानी के संरक्षण से राजस्थानी संस्कृति बच पाएगी। समारोह में कोटा की श्रीमती कमला कमलेश को उनके संस्मरण ‘ओल्यू री ओल्यू’ पर नानूराम संस्कर्ता राजस्थानी साहित्य सम्मान से नवाजा गया।
डॉ. मदन गोपाल लढ़ा ने संस्कर्ता के व्यक्तित्व व कृतित्व पर पत्रवाचन किया। युवा कवि राजूराम बिजारणियां ने कमला कमलेश के काव्य सरोकार पर टिप्पणी करते हुए परिचय प्रस्तुत किया। इससे पूर्व बाल साहित्यकार रामजीलाल घोड़ेला ने आगंतुकों का स्वागत किया। सम्मान के तहत कमला कमलेश को श्रीफल, शॉल, साहित्य, प्रतीक चिह्न, सम्मान पत्र व पत्रम पुष्पम से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर बाल साहित्यकार रामजीलाल घोड़ेला के बाल कहानी संग्रह “आस री किरण” व बाल कविता संग्रह “छुट्टी आई मौज करो” का मंचासीन अतिथियों द्वारा लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में ओंकार नाथ योगी, शिवराज संस्कर्ता आदि ने विचार प्रकट किए। युवा कवि राजूराम बिजारणियां ने मंच संयोजन करते हुए कळायण से दोहों का सस्वर वाचन किया। तीर्थराज संस्कर्ता ने आभार जताया। अजय थोरी ने बिजारणियां की लिखी ‘काजळ बणनै आंख समाई’ कविता सुनाकर सबको भावुक कर दिया।
ये रहे उपस्थित
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तीर्थराज संस्कर्ता, आईसी आईसी बैंक रीजनल ऑफिसर धनपत सुथार, राजपाल न्योल, रामेश्वर गोदारा, मुखराम सारण, रेवंतराम गोदारा, चन्द्रप्रकाश मेघवाल, शिवराज संस्कर्ता, शिक्षाविद परताराम सींवर, मोटाराम चौधरी, दुर्गाराम पड़िहार, दलीप थोरी, मनोज कुमार शर्मा, संदीप पारीक, हंसराज थोरी, बजरंग ‘शक्तिसुत’, सुशील संस्कर्ता, महिपाल सारस्वत, महिपालसिंह, नंदकिशोर सारस्वत, गोविंद शर्मा,जगदीश प्रसाद सोनी, कमल संस्कर्ता, पुन्नू बीकानेरी, ज्योतिस्वरूप संस्कर्ता,