बीकानेर। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी ऐसी कार्य योजना बनाएं जिससे आगामी सत्र में एक भी विद्यार्थी नियमित शिक्षा से वंचित न रहे। साथ ही एक जुलाई तक सभी स्कूलों में रंग रोगन और सफाई का कार्य विशेषकर शौचालय क्रियाशील हो जाए यह सुनिश्चित कर लें।
गौतम बुधवार को कलक्टेऊट सभागार में समग्र शिक्षा अभियान, महिला एवं बाल विकास विभाग, मिड-डे मील तथा जिला निष्पादन समिति की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आदर्श आंगनबाडी केन्द्र में सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहे यह भी अधिकारी सुनिश्चित करें। स्कूल खुलने के बाद बच्चों को पाठ्यपुस्तक समय पर मिल जाए यह भी सुनिश्चित करें। जिले की सभी पंचायत समिति क्षेत्र में 5-5 आदर्श आंगनबाडी केन्द्र है, इनमें सभी मानक पूरे हैं या नहीं, इसके लिए महिला बाल विकास विभाग, जिला परियोजना समन्वयक नियमित रूप भ्रमण जांच करेंगे।

जिला कलक्टर ने कहा कि सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारी यह सुनिश्चित कर ले कि एक भी बच्चा स्कूल जाने से वंचित न रहे तथा ड्रोप आउट न हो, इसके लिए डोर-टू-डोर सर्वेक्षण हो जाए, जिसमें एन.जी.ओ. का भी सहयोग लिया जाए। स्कूल में प्रवेश के बाद बच्चे ड्रोप आउट नहीं हो इसके लिए भी आस-पास के मौजिज़ व्यक्तियों तथा क्षेत्रवार स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ समय-समय पर बैठक की जाए। अगर कोई विद्यार्थी ड्रोप आउट होता है तो उसे पुन: नियमित शिक्षा से जोडऩे के सार्थक व पुख्ता प्रयास किए जाए।

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जिला कलक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करें, इस दौरान स्कूल में पाई जाने वाली कमियों के बारे में अपनी पूरी रिपोर्ट विजिटर्स रजिस्टर में दर्ज करेंगे तथा शाला दर्पण में भी रिपोर्ट को अपडेट किया जाए, जिससे भविष्य में जो भी अन्य अधिकारी उसी स्कूल का पुन: निरीक्षण करता है तो रजिस्टर व शाला दर्पण में देखकर उन कमियों की ठीक होने की जानकारी ले सकें ताकि कमी पूरी नहीं होने पर उच्च अधिकारियों से बातचीत कर समस्या का निदान करवाया जा सकें।
सभी आंगनबाडी केन्द्रों में हो टॉयलेट की सुविधा-
जिला कलक्टर ने महिला बाल विकास विभाग, जिला परियोजना समन्वयक, समग्र शिक्षा को निर्देश दिए कि जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्र में टॉयलेट की व्यवस्था होनी चाहिए, जहां नहीं है वहां शौचालय बनाने के लिए शिक्षा विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग संयुक्त रूप से प्रयास करें । उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में कुपोषित बच्चों को पोषण मिले इसके लिए भी अधिकारी संवेदनशीलता के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि बच्चा जब पहली बार केंद्र पर आता है तो उसकी संपूर्ण जानकारी रजिस्टर में संधारित कर ली जाए, विशेषकर बच्चे का वजन अवश्य नोट किया जाए। अगर नियमित पौषण मिलने के बाद भी बच्चे का वजन नहीं बढ़ता है, तो उसके स्वास्थ्य का परीक्षण करवाया जाए। उन्होंने कहा कि जो बच्चे कुपोषण से ग्रस्त हो और उनके माता पिता अगर मनरेगा में कार्यरत हैं तो उन्हें समझाइश करें कि बच्चे को जिला चिकित्सालय में ले जाएं। चिकित्सालय में उपचार के दौरान उन्हें मनरेगा में 10 दिन के कार्य के बराबर मानदेय का भुगतान भी किया जाएगा और उन्हें मनरेगा कार्य पर जाना भी नहीं पड़ेगा। इस बारे में मनरेगा श्रमिकों को जानकारी दी जाए।

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सभी विद्यालयों में आईटी लैब रहे क्रियाशील-
गौतम ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले में 414 सीनियर सैकण्डरी व सैकण्डरी स्कूल है। इन सभी स्कूलों में आईटी लैब सुव्यवस्थित एवं क्रियाशील रहे, सभी जगह इंटरनेट का कनेक्शन और कंप्यूटर की उपलब्धता रहे यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों में कंप्यूटर नहीं है उनकी सूची जिला प्रशासन को उपलब्ध करवाई जाए ताकि इन विद्यालयों में सरकार की अन्य योजनाओं के माध्यम से कंप्यूटर उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि विशेषकर इस बात का ध्यान रखा जाए कि ग्रामीण क्षेत्र की स्कूलों में आईटी लैब अनिवार्य रूप से कार्य करती रहें ताकि ग्रामीण बच्चे भी सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में कंप्यूटर के बारे में बेहतर तरीके से जानकारी प्राप्त कर सकें।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का दिलाए लाभ-
गौतम ने कहा कि जिले में काम करने वाली महिलाओं की मजदूरी के नुकसान की भरपाई करने और मुआवजा देना और उनके उचित आराम और पोषण की योजना के तहत प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के द्वारा पात्र गर्भवती महिलाओं को दिए जाने लाभ के बारे में बताया कि महिलाओं को आंगनबाडी केन्द्र में अपना पंजीयन करवाने पर बच्चे के टीकाकरण तक 5 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्होंने कहा कि महिला बाल विकास विभाग इसका अधिकाधिक प्रचार -प्रसार कर पात्र महिलाओं को लाभान्वित करें।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ए एच गौरी, उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग शारदा चैधरी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक व प्रारम्भिक, जिला शिक्षा परियोजना समन्वयक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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