

नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर के
न्यायाधिपति संजीव प्रकाष शर्मा ने अपने आदेष में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता को निर्देष दिये कि दिव्यांग अध्यापिका भगवती मीणा को ब्रिज कोर्स करने हेतु दो माह के अंतर्गत भिजवाया जाये तथा उसे पे-फिक्षेसन का लाभ उसकी नियुक्ति तिथि से दिया जाये। इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को दो माह में पूरा कर न्यायालय को आगामी तारीख पेषी 07.01.2022 तक अवगत करावे कि उच्च स्तर पर अधिकारियों द्वारा कार्मिक को ब्रिज कोर्स हेतु भिजवाने के मामले में क्या निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि दिव्यांग अध्यापिका श्रीमती भगवती मीणा की ओर से प्रस्तुत विविध प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान उसके अधिवक्ता ने न्यायालय को अवगत कराया कि वर्ष 1994 से अध्यापिका के पद पर कार्यरत है तथा वह 40 प्रतिषत दिव्यांग है तथा उसका पति भी 40 प्रतिषत दिव्यांग है। उसे 27 वर्ष से अधिक सेवारत है। सरकार की ओर से पैरवी करने वाले महाधिवक्ता ने बताया कि मुख्य ब्लाॅक षिक्षा अधिकारी समग्र षिक्षा अभियान दूदु जिला-जयपुर राजस्थान ने अपने पत्र 23.मार्च 2021 के माध्यम से जिला षिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक षिक्षा जयपुर को अवगत कराया था कि उनका कार्यालय कार्मिक को ब्रिज कोर्स हेतु भिजवाने में सक्षम नहीं है। अतः सक्षम स्तर से इस संबंध में युक्ति युक्त आदेष प्राप्त कर प्रकरण का निस्तारण किया जावें। साथ ही ऐसी अवस्था में जबकि इस प्रकरण में राज्य सरकार की ओर से किसी प्रकार की कोई अपील आगे नहीं दायर करने का निर्णय लिया है।
