-केंद्र की न्यू एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने की तैयारी, निजी विश्वविद्यालय का कारोबार 100 गुना बढ़ जाएगा
-राजस्थान विश्वविद्यालय के पेंशनरों को पेंशन के लाले पड़ सकते हैं
जयपुर(हरीश गुप्ता)। प्राइवेट नौकरी या काम धंधा करते हुए प्राइवेट डिग्री बीए-बीकॉम करने वाले अब ऐसा नहीं कर सकेंगे। कारण केंद्र की नई एजुकेशन पॉलिसी को राजस्थान विश्वविद्यालय ने लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इससे निजी विश्वविद्यालयों की चांदी हो जाएगी।
गौरतलब है केंद्र ने सरकारी विश्वविद्यालय के लिए नई एजुकेशन पॉलिसी बनाई है। पॉलिसी के तहत डिग्री कोर्स भी सेमेस्टर प्रणाली से होंगे अर्थात् साल में दो बार एग्जाम होंगे। ऐसे ही जो प्राइवेट डिग्री करते थे, वह अब नहीं कर पाएंगे।
सूत्रों की मानें तो राजस्थान विश्वविद्यालय ने नई पॉलिसी लागू करने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लागू होने से विश्वविद्यालय की आर्थिक कमर टूट जाएगी और हो सकता है विश्वविद्यालय के पेंशनरों को पेंशन के लाले पड़ जाए। प्राइवेट डिग्री करने वालों की संख्या बहुत बड़ी है। इसके साथ ही फीस के रूप में अच्छा अमाउंट विश्वविद्यालय के खाते में आता है। साथ ही काम धंधा या नौकरी करते हुए व्यक्ति डिग्री भी कर लेता था।
सूत्रों की मानें तो चर्चाएं जोरों पर है, ‘सरकार बेरोजगारों के खिलाफ है, रोजगार के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है।’ ‘…यही कारण था युवाओं ने राज्य में झटका दे दिया और भाजपा 14 पर ही सिमटकर रह गई।’ वह अलग बात है कि 11 सीट खोने के लिए राज्य में केंद्रीय नेतृत्व ने अभी किसी को सजा नहीं दी है।
सूत्रों की मानें तो चर्चाएं यह भी है, ‘सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन चाहे तो नई पॉलिसी अपने यहां लागू करें या न करें, उनका विवेक है।’ ‘…निजी विश्वविद्यालय का कारोबार बढ़ाने के लिए इसे तत्काल लागू किया जा रहा है।’ सवाल खड़ा होता है, ‘निजी विश्वविद्यालय भी चुनावों में बड़ा इन्वेस्ट करते हैं? इनका लाभ देखा जा रहा है आम जरूरतमंद छात्र का नहीं?