– दैवीय चिकित्सा पद्धति है आयुर्वेद – सर्बानंद सोनोवाल

जयपुर। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) डीम्ड यूनिवर्सिटी में धन्वंतरि जयन्ति के उपलक्ष्य में दो दिवसीय छठा राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 2021पोषण के लिए आयुर्वेद विषय पर केंद्रीय आयुष मंत्रालय के दिशा निर्देशन में आयोजन समारोह में संस्थान उपकुलपति डॉ. संजीव शर्मा ने आगंतुक अतिथियों, आयुर्वेद विद्वानों का स्वागत करते हुए एनआईए की विकास यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि आज संस्थान को विशिष्ठ एक्रीडेशन प्रमाण पत्र मिले हैं जिनमें एनआईसी, खाद्य गुणवत्ता प्रमाण पत्र, फार्मेसी प्रमाण पत्र प्रमुख हैं। संस्थान में विश्व के 14 देशों के छात्र छात्राएं विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत है। इस समारोह का उद्देश्य ‘पोषण के लिए आयुर्वेद’ की थीम के साथ सेहत व उपचार के आयुर्वेदिक सिद्धांतों को प्रोत्साहित करना भी है। इस सब के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय आयुष मंत्रालय का उल्लेखनीय योगदान रहा है। कार्यक्रम संचालन डॉ. सुनील कुमार यादव ने करते हुए कहा कि आज एनआईए उपकुलपति डॉ. संजीव शर्मा के मार्गदर्शन में आयुर्वेद को जन जन तक पहुचाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, इस पुनीत कार्य में संस्थान की प्रोटाईम उपकुलपति प्रो. मीता कोटेचा भी विभिन्न नवाचारों से सभी को प्रोत्साहित कर रही है, अभी आयुर्वेद कुकीज़ का निर्माण विशेष रूप से उल्लेखनीय है। समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने घोषणा की, कि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (NIA) के पंचकूला में बन रहे सेटेलाइट सेंटर के लिए केंद्र सरकार ने 260 करोड़ रूपये NIA को दे दिए है। यह केन्द्र आयुर्वेद के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएग। ‘‘आयुर्वेद शारीरिक व मानसिक रूप से एक बीमारी रहित, सेहतमंद एवं लंबा जीवन जीने के महत्व के बारे में आम जनता के बीच जागरुकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सेहतमंद जीवनशैली बनाए रखने में आयुर्वेद में असीम क्षमता है। भारत में यह गैरसंचारी बीमारियों के भार को कम करने में काफी बड़ा योगदान दे सकता है। आयुर्वेदिक इलाज के मामले में भारत का अद्वितीय इतिहास रहा है। भारत को आज आयुर्वेदिक विज्ञान दैवीय चिकित्सा पद्धति की युगों पुरानी क्षमता का उपयोग कर दुनिया में एक आदर्श स्थापित करने की जरूरत है।’’ एक शोध में सिद्ध हो चुका है कि जिम और योग के परिणाम समान है, परंतु योग करने से सतोगुणों में वृद्धि होती है। राजस्थान सरकार भी आयुर्वेद के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रही है। सितम्बर माह में मेरी जयपुर यात्रा के समय किये शीघ्र आने के वायदे को आज पूरा कर के मुझे खुशी है, मैं आभारी हूँ भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जिन्होंने ने भारतीय चिकित्सा पद्धतियों के लिए आयुष मंत्रालय की स्थापना तो की ही साथ ही केबिनेट और राज्यमंत्री बना अच्छा बजट भी दिया इससे भारत में सबके स्वास्थ्य के लिए कार्य करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय आयुष मन्त्री ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति शिक्षा के लिए संस्कृत भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका का विशेष ध्यान रखना होगा।
आयुष, महिला एवं बाल कल्याण केंद्रीय राज्यमंत्री, डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई ने कहा कि कोविड की महामारी ने सेहतमंद जीवन जीने के लिए सेहत और प्रिवेंटिव केयर के महत्व पर काफी बल दिया है। पूरी दुनिया सेहतमंद आहार एवं जीवनशैली का महत्व समझ चुकी है, जो केवल आयुर्वेद द्वारा ही संभव हो सकता है। इस समारोह में मौजूद प्रतिष्ठितगणों ने बताया कि वर्तमान पीढि़यों के मुकाबले पुरानी पीढि़यों के लोग सौ साल से ज्यादा समय तक जीवित रहते थे क्योंकि वो खान-पान की सर्वश्रेष्ठ विधियों का पालन करते थे। जीवन की घटती प्रत्याशा का मुख्य कारण है, फास्ट फूड का अत्यधिक प्रचलन और मिलावटी आहार का लिया जाना है।

राजस्थान के स्वास्थ्य एवं भारतीय चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि आज के युवा नियमित समय पर आहार नहीं लेते, जिसके कारण छोटी आयु में ही जीवनशैली की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। हमारे शरीर व मन के स्वास्थ्य के लिए खाने की मात्रा नहीं, खाने की गुणवत्ता का महत्व होता है। यह बात साबित हो चुकी है कि भारत डायबिटीज़ के मामले में दुनिया की राजधानी बनता जा रहा है। इसका भी मुख्य कारण अनियमित खान-पान है। आज समय है, जब हमें बीमारी से मुक्त, स्वस्थ व सेहतमंद बने रहने में आयुर्वेद की क्षमता को पहचानना होगा। राजस्थान में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल टूरिज्म भी शुरू किया जा रहा है। केन्द्र सरकार को राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देना चाहिए ताकि और तेज गति से स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य किया जा सके। चिकित्सा मन्त्री ने जयपुर में एनआईए के विस्तार के लिए उपयुक्त स्थान पर यथेष्ठ भूमि उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया और केंद्रीय आयुष मन्त्री से ड्रग और कॉस्मेटिक एक्ट में बदलाव कर फार्मासिस्ट्स को नियुक्त करने की आवश्यकता जतायी साथ ही पर्याप्त मात्रा में ड्रग एंड मैजिक एक्ट के अनुरूप जिला स्तर पर अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की। जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि आयुर्वेद जीवन शैली को अपनाकर हम स्वस्थ रह सकते है साथ ही उन्होंने राजस्थान सरकार से अपील की, कि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान की सुविधाओं में और ज्यादा बढ़ोतरी के लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध कराई जाये। व आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति शिक्षा में संस्कृत भाषा का महत्व बरकरार रखा जाए। केंद्रीय आयुष सचिव पदमश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि हमने महत्वपूर्ण दस्तावेज एवं फिल्में रिलीज़ होते देखीं, उम्मीद है कि आम जनता को अपना स्वास्थ्य व सेहत बनाए रखने में इस समारोह का लाभ मिलेगा। हम आयुर्वेद को सबसे भरोसेमंद एवं प्रभावशाली इलाज में से एक के रूप में स्थापित करने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह गैरसंचारी बीमारियों का भी प्रभावशाली इलाज करता है।

इस समारोह में दैनिक दिनचर्या की पुस्तिका, आयुर्वेदिक स्वास्थ्य समीक्षा एक पुस्तिका, पोषण के लिए आयुर्वेद, बच्चों व व्ययस्कों के लिए उपयुक्त एनआईए न्यूट्री कुकीज़; तीन दुर्लभ प्रकाशनों के डिजिटाईज़्ड रूपांतर – आचार्य भट्टर हरीचंद्र द्वारा चरक न्यास पर टिप्पणी, चरक संहिता आचार्य स्वामीकुमार की चरक पंजिका; आचार्य ज्योतिष चंद्र सरस्वती एवं चक्रदत्त तथा निश्चल कर और तत्वचद्रिका के रत्नप्रभा द्वारा 20 वीं सदी की शुरुआत में लिखी गई टिप्पणी, चरक प्रदीपिका के साथ चरक संहिता भी यहां पर प्रस्तुत किए गए। इसके अलावा, इस अवसर पर शॉर्ट वीडियो, सीसीआरएएस पब्लिकेशंस एवं फिल्म्स के साथ एक विशेष पांडुलिपि वेबसाईट पोर्टल भी लॉन्च किया गया।