-सरकार का ध्यान नए औद्योगिक क्षेत्र खोलने में
फोर्टी ने की पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए विशेष नीति की मांग
जयपुर।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट में प्रदेश के सभी उपखंड स्तर पर औद्योगिक क्षेत्र खोलने की घोषणा की थी। कई उपखंडों पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित भी किए जा रहे हैं। राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम ( रीको ) प्रदेश में 4 सौ औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर चुका है, लेकिन पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार ने ठोस नीति की घोषणा नहीं की। फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री ने मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री को पत्र लिख कर पुराने औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याएं दूर करने की मांग की है। फोर्टी की इस मांग का सभी औद्योगिक क्षेत्र संगठनों ने समर्थन किया है।
फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है सरकार ने फोर्टी की मांग पर रीको के लंबित मामलों के लिए एमनेस्टी योजना लाकर बेहतरीन काम किया, नए औद्योगिक क्षेत्रों की घोषणा भी स्वागत योग्य है, लेकिन पुराने औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिए सरकार को ठोस नीति बनानी चाहिए।
वीकेआई के पूर्व अध्यक्ष जगदीश सोमानी का कहना है कि वीकेआई राजस्थान के सबसे पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में शुमार है, लेकिन यहां बारिश के मौसम में ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने से पूरा औद्योगिक क्षेत्र में कीचड़ क्षेत्र में तब्दील हो जाता है। यहां अवैध थडी और बेतरतीब पार्किंग से हमेशा जाम की स्थिति रहती है। 50 कर्मचारियों वाले इस औद्योगिक क्षेत्र का ईएसआई हॉस्पिटल में डॉक्टर केवल 2 घंटे बैठता है और एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध ही नहीं है।
सीतापुरा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष नीलेश अग्रवाल का कहना है कि प्रहलादपुरा को सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र के एक्सटेंशन के तौर पर विकसित किया जा रहा है, लेकिन पिछले 5 साल से महज एक किलोमीटर की प्रहलादपुरा कनेक्टिंग रोड़ को सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र से नहीं जोड़ा जा सका है। जबकि रीको ने जेडीए को टेंडर राशि के तौर पर पौने दो करोड़ रुपये भी जमा करा दिए। प्रहलादपुरा औद्योगिक क्षेत्र में रीको ने करीब 5 सौ औद्योगिक प्लाट उपलब्ध कराए हैं, जिसमें से 50 प्रतिशत में औद्योगिक इकाइयां लग चुकी हैं।
झोटवाड़ा मैन्युफैक्चर्स एरिया एसोसिएशन के अध्यक्ष आनंद गुप्ता का कहना है कि पुराने औद्योगिक क्षेत्रों में सबसे बड़ी समस्या माल के आवागमन की है, यहां दिन में ट्रकों का आवागमन निषेध होता है, जिससे पूरा काम ठप हो जाता है। इस समस्या के समाधान के लिए पुराने औद्योगिक क्षेत्र में माल ढुलाई के लिए विशेष कॉरिडोर बनने चाहिए।