’’म्हारो हेलो सुणों नी रामा पीर’’
बीकानेर, 24 नवम्बर। गंगाशहर में नया बस स्टेण्ड के पास होटल मिलेनियम के प्रेक्षागृह में रविवार को आयोजित बाबा रामदेवजी की भजन संध्या में हैदराबाद के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भजन गायक सुशील गोपाल बजाज बाबा ने कलयुग के अवतारी रामदेवजी के भक्ति गीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को करीब छह घंटें तक भक्ति रस मंें सराबोर रखा।
उन्होंने बाबा रामदेवजी की जीवन आदर्शों पर आधारित भजन संध्या के साथ भगवान श्रीकृृष्ण, नानी बाई के मायरे के प्रसंग के नरसी मेहता की हूंडी, राजस्थानी लोकनृृत्य घूमर सहित विभिन्न तर्जों पर आधारित भक्ति गीत, संत नामदेवजी के प्रसंग का भक्ति गीत, बाबा रामदेवजी का संदेश व हेलो गीत सुनाकर श्रोताओं को करतल ध्वनि कर हाथ ऊपर उठाकर नृृत्य करने को मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम संयोजक समाजसेवी व प्रमुख व्यवसायी रामदेव अग्रवाल, हुलास चन्द्र अग्रवाल, सरला देवी, मधु सुदन व संगीता, नरेश व रीतिका, रामदेवजी के सुप्रसिद्ध कथावाचक मूल योगीराज, गड़ियाला गौशाला के प्रभारी सुखदेव रामावत, शंकर सोनी, द्वारका दास राठी और श्याम मोहता आदि ने बाबा रामदेव के भक्तिों ने पूजा, आरती व जोत में भागीदारी निभाई।
बीकानेर, 24 नवम्बर। गंगाशहर में नया बस स्टेण्ड के पास होटल मिलेनियम के प्रेक्षागृह में रविवार को आयोजित बाबा रामदेवजी की भजन संध्या में हैदराबाद के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भजन गायक सुशील गोपाल बजाज बाबा ने कलयुग के अवतारी रामदेवजी के भक्ति गीतों की प्रस्तुति से श्रोताओं को करीब छह घंटें तक भक्ति रस मंें सराबोर रखा।
उन्होंने बाबा रामदेवजी की जीवन आदर्शों पर आधारित भजन संध्या के साथ भगवान श्रीकृृष्ण, नानी बाई के मायरे के प्रसंग के नरसी मेहता की हूंडी, राजस्थानी लोकनृृत्य घूमर सहित विभिन्न तर्जों पर आधारित भक्ति गीत, संत नामदेवजी के प्रसंग का भक्ति गीत, बाबा रामदेवजी का संदेश व हेलो गीत सुनाकर श्रोताओं को करतल ध्वनि कर हाथ ऊपर उठाकर नृृत्य करने को मजबूर कर दिया।
कार्यक्रम संयोजक समाजसेवी व प्रमुख व्यवसायी रामदेव अग्रवाल, हुलास चन्द्र अग्रवाल, सरला देवी, मधु सुदन व संगीता, नरेश व रीतिका, रामदेवजी के सुप्रसिद्ध कथावाचक मूल योगीराज, गड़ियाला गौशाला के प्रभारी सुखदेव रामावत, शंकर सोनी, द्वारका दास राठी और श्याम मोहता आदि ने बाबा रामदेव के भक्तिों ने पूजा, आरती व जोत में भागीदारी निभाई।


उनके साथ हैदराबाद से आए पंडित ओम प्रकाश शर्मा ने पूजा व आरती करवाई। पार्थों मुखर्जीने बले प, उपेन्द्र शर्मा उर्फ बाबा भाई ने आर्गन पर, नईम दिलशाद ने बन्जों पर, फय््याज अहमद ने ढोलक पर, कांति भाई ने ढोल पर तथा प्रणब पाल ने आॅक्टोपैड पर संगत की। उनके साथ कन्हैयालाल गुर्जर ने सह गायकी की ।
