जयपुर, (दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सेवानिवृत्त व सेवारत न्यायिक अधिकारियों एवं अधिवक्तागण के लिए 40 घंटे के मध्यस्थता प्रशिक्षण का उद्घाटन माननीय एम. एम. श्रीवास्तव साहब कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कर कमलों से किया गया।
उद्घाटन कार्यक्रम में न्यायाधिपति श्रीमान् बिरेन्द्र कुमार, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं जज् इन्चार्ज मध्यस्थता, जयपुर की भी गणमान्य उपस्थिति रही। इस कार्यक्रम में रालसा के पदाधिकारीगण के साथ-साथ राजस्थान उच्च न्यायालय रजिस्ट्री के पदाधिकारीगण, अध्यक्ष व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर महानगर प्रथम, जयपुर महानगर- द्वितीय व जयपुर जिला राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन, प्रतिभागी न्यायिक अधिकारीगण व अधिवक्तागण आदि उपस्थित रहे।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन समारोह में माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् बिरेन्द्र कुमार, न्यायाधीश, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं जज् इन्चार्ज मध्यस्थता, जयपुर द्वारा अपने स्वागत उद्बोधन में बताया गया कि मध्यस्थता एक न्यायिक समाधान है, जहां न्यायालय की लंबी प्रक्रिया से परे पक्षकारों को स्वतंत्र रूप से उनकी समस्याओं का समाधान करने का मौका मिलता है मध्यस्थता के द्वारा हम लंबी और महंगी न्यायिक प्रक्रिया (Court based proceedings) से बच सकते हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय एम. एम. श्रीवास्तव साहब, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति राजस्थान उच्च न्यायालय एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपने उद्बोधन में बताया गया कि माध्यस्थता एक शक्तिशाली उपकरण है जो हमें कानूनी झगड़ों में सामजस्य के निर्माण, समझदारी बढ़ाने और सौहार्दपूर्ण समाधान खोजने की सुविधा प्रदान करता है। यह पूर्णतया प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्तों पर आधारित प्रक्रिया है जो पक्षकारों को उनकी समस्याओं को व्यक्त करने दूसरे पक्ष को सुनवाई का अवसर देने और पारस्परिक सहमति के आधार पर विवाद के निपटारे की ओर अग्रसर होने का अवसर प्रदान करती है।
राजस्थान में आज की तारीख में कुल 996 मध्यस्थ है, जिनमें से 498 अधिवक्ता 471 न्यायिक अधिकारी एवं 3 सामाजिक कार्यकर्ता कुल 972 प्रशिक्षित मध्यस्थ है। मीडिएशन के नतीजों पर गौर करें तो 2011 से 2023 तक सम्पूर्ण राजस्थान में रैफर किये गये कुल 1.52,177 मामलों में से मीडिएशन के जरिए कुल 17.872 मामले निस्तारित हुए है, जो रेफर मामलों का कुल 11.74 प्रतिशत है।
अन्त में श्रीमान् प्रमिल कुमार माथुर सदस्य सचिव, रालसा द्वारा माननीय न्यायाधिपतिगण तथा न्यायिक अधिकारीगण एवं अधिवक्तागण सभी को धन्यवाद

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