बीकानेर, (हेम शर्मा )।दुनिया में सांस्कृतिक मूल्यों और जीवन दर्शन को लेकर समाजवेत्ताओं और दर्शन शास्ञवेताओं के कई मत मतांतर है। आज कल मोटिवेशनल गुरु और मैनेजमेंट के नए फंडे गीता जी और रामचरित मानस में ढूंढे और लिए जाने लगे है। गीता और रामचरित मानस दोनों ही ऐसे ग्रंथ है जिसका महत्व परिभाषित करना हर किसी के बूते की बात नहीं हैं। इस नए युग में किसी को कोई हल चाहिए या मार्ग दर्शन चाहिए तो मौलिक इन ग्रंथों में समाधान मिलता है। यह इन ग्रंथों के प्रति अध्येताओं का नया दृष्टि कोण है। अब सवाल उठता है कि श्री राम कथा और 108 कुंडीय श्री रामचरित मानस महायज्ञ से समाज, युवा पीढ़ी को क्या देगा? भारतीय सामाजिक, आध्यात्मिक जीवन मूल्यों को संपुष्ट करेगा ? इसके क्या असर होंगे? विश्लेषण किया जा सकता है। बीकानेर बुद्धिजीवियों का नगर है। अभी से बीकानेर स्थित श्री राम झरोखा कैलाश धाम आश्रम में 18 नवंबर से 27 नवंबर 2023 को होने वाले आयोजन को लेकर बुद्धिजीवी, समाज के हर वर्ग के प्रतिष्ठित लोग, युवा और संत समाज तैयारियों जुट गए हैं। आयोजन स्थल सुजानदेसर में कथा स्थल, यज्ञशाला, संत निवास, मंच, भोजनालय, बाजार, नर्सरी बनाई गई हैं। इस आयोजन में देशभर से महामंडलेश्वर और महंत मिलाकर 300 से संत आ रहे हैं। पद्म विभूषित तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य आ रहे हैं। धर्म नगरी के नाम से जाने वाले बीकानेर शहर में यह अद्भुत आयोजन हो रहा है। महंत राम झरोखा केलाशधाम के महामंडलेश्वर सरजूदास जी महाराज ने युवाओं को इस आयोजन की कमान सौंपी है। शहर भर के युवा तैयारियों में रात दिन जुटे है। अभी राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठन, कार्यकर्ता और प्रमुख लोगों की सक्रिय भागीदारी से आयोजन स्थल धार्मिक नगरी में तब्दील हो रहा है। साथ ही नई पीढ़ी के खातिर या आयोजन जीवन के सभी पहलुओं को समझने का व्याहारिक अध्ययन स्थल बना हुआ है। श्री राम कथा हजारों लोगों के जीवन में नव प्रकाश देगी ही। साथ ही श्री राम कथा हमारे सांस्कृतिक मूल्यों का नई पीढ़ी में संप्रेषण करेगी।