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बीकानेर।श्री पीपा क्षत्रिय समाज का 8 सदस्यीय शिष्टमंडल आज श्री पीपा क्षत्रिय समाज बीकानेर के अध्यक्ष श्री सीताराम कच्छावा के नेतृत्व में शिक्षा, कला,संस्कृति एवं पुरातत्व मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला से मिला तथा उनसे राजस्थान में संत शिरोमणि श्री पीपा जी महाराज की 700 वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज के लिए “संत पीपाजी सिलाई कला बोर्ड” के गठन की मांग की ।

श्री पीपा क्षत्रिय समाज बीकानेर के अध्यक्ष सीताराम कच्छावा ने मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत को पूर्व में सौंपे ज्ञापन की प्रति प्रस्तुत करते हुए डॉ कल्ला को बताया कि राजस्थान सरकार द्वारा केश कला बोर्ड, माटी कला बोर्ड, रजक (धोबी) कल्याण बोर्ड, चर्म शिल्प कला बोर्ड, गाड़िया लोहार बोर्ड,देवनारायण बोर्ड तथा वीर तेजाजी कल्याण बोर्ड बनाये गए हैं ,उन्होंने इसी की तर्ज पर श्री पीपा क्षत्रिय समाज के उत्थान करने,पिछड़ापन दूर करने तथा सिलाई कला एवं कारीगरों का संरक्षण करने के लिए तथा समाज को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने के लिए”सिलाई कला बोर्ड”के गठन की मांग की।
इस पर डॉक्टर बी.डी .कल्ला में सकारात्मक रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री महोदय को पत्र लिखकर इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने का आश्वासन दिया।

शिष्टमंडल में श्री पीपा क्षत्रिय समाज बीकानेर के अध्यक्ष सीताराम कच्छावा, सचिव पुखराज तंवर, कोषाध्यक्ष श्यामलाल चौहान, संरक्षक हनुमान दास दैया, गिरधारी लाल सोलंकी, कन्हैया लाल टाक तथा मुरलीधर दैया आदि शामिल थे।
श्री कच्छावा ने बताया कि श्री पीपा क्षत्रिय समाज के लोग पूरे राजस्थान में मुख्यतः बीकानेर,जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर,नागौर, उदयपुर ,कोटा तथा जालौर इसके साथ ही साथ मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र आदि राज्यों सहित पूरे भारत में निवास करते हैं तथा सदियों से सिलाई कार्य एवं कशीदाकारी करके अपने परिवार का गुजारा करते हैं ।गत वर्षों में औद्योगिकरण तथा मशीनीकरण के कारण रेडीमेड वस्त्रों का अधिक प्रचलन हो गया, जिससे सिलाई कार्य करने वाले -समाज के हजारों लोगों के सामने आजीविका का संकट गहरा गया। पहले नोटबंदी फिर कोरोना महामारी के कारण लोगों की आर्थिक स्थिति पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है तथा रोजी-रोटी का संकट हो गया है।
शिष्टमंडल ने अन्य समाजों की तरह श्री पीपा क्षत्रिय समाज के लिए अति शीघ्र सिलाई कला बोर्ड के गठन करने की मांग की।