सवांददाता, के,के,कुशवाहा
आगरा। सांसद प्रो एसपी सिंह बघेल ने कहा है कि आगरा में एयर कनेक्टिविटी, यमुना बैराज, केंद्रीय विश्वविद्यालय, मिनी एम्स व अन्य सारी ऐसी सुविधाओं का होना बहुत जरूरी है जिससे कि यहां के युवा शिक्षा के लिए या नौकरी के लिए और शहरों में पलायन न करें। अन्यथा एक समय ऐसा आएगा कि आगरा में कोई युवक रहेगा नहीं और यह शहर वरिष्ठ नागरिकों का या पेंशनरों का बनकर रह जाएगा। प्रो. बघेल स्वाधीनता सेनानी स्व रोशन लाल गुप्त करुणेश फेसबुक लाइव पेज पर रविवार को आगरा की कला, संस्कृति, शिक्षा, चिकित्सा, स्वतंत्रता संग्राम आदि के बारे में ऐतिहासिक तथ्यों पर अपना व्याख्यान दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि 1857 से ही आगरा ने स्वाधीनता संग्राम की लड़ाई लड़ी है और भारत की आजादी में आगरा का बहुत बड़ा योगदान रहा है, जिसको कि भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने रोशन लाल गुप्त, वासुदेव गुप्ता, राम प्रसाद भारती द्वारा किए गए हार्डी बम कांड, चमरौला कांड और आगरा में क्रांतिकारियों के आगमन की घटनाओं का जिक्र किया और कहा कि आगरा ने भारत की आजादी के यज्ञ में बहुत बड़ी आहुति दी है। आगरा की गंगा जमुनी संस्कृति है जो कि सभी को समाहित करती है।
सांसद ने कहा कि यदि कोविड-19 की समस्या नहीं होती तो देश के कई शहरों से आगरा की एयर कनेक्टिविटी शुरू हो जाती। उन्होंने आगरा में हाईकोर्ट की खंडपीठ होने ,एयर कनेक्टिविटी, यमुना पर बैराज, हाईकोर्ट की खंडपीठ व मिनी एम्स की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि वह स्वयं इसके लिए प्रयास में लगे हुए हैं। पूरे देश में कोविड 19 ने किसी शहर को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है तो वह आगरा है क्योंकि आगरा पर्यटन की लाइफ लाइन है।
उन्होंने कहा कि आगरा पर राहु,केतु और शनिदेव की वक्र दृष्टि चल रही है, इसलिए विकास नहीं हो पा रहा। ये हैं कुछ अदालती फैसले, एनजीटी व टीटीजेड। उन्होंने यह भी मांग की कि जब रेल बस चल सकती है, बाजारों में भीड़ हो सकती है, तो ताजमहल क्यों नहीं खोला जा सकता। उन्होंने ताजमहल को तुरंत खोलने की मांग की और यह भी कहा कि वह ताजमहल को रात में खुलवाने का भी प्रयास करेंगे।
उन्होंने विस्मृत स्वाधीनता सेनानियों, क्रांतिकारियों व साहित्यकारों की अमर गाथाओं को उजागर करने के लिए करुणेश परिवार द्वारा किए जा प्रयासों के लिए साधुवाद दिया।
इस अवसर पर डॉ शशि तिवारी , अरुण डंग, श्रुति सिन्हा, शशि गुप्ता, नरेंद्र शर्मा कमेंटेटर, विनय पतसरिया, अनिल कुलश्रेष्ठ, राधेश्याम गोयल, दिनेश मित्तल,निशिराज, अवधेश उपाध्याय, अशोक अश्रु, फरमान शान, डॉ ज्योत्सना शर्मा, चंद्रपाल सिंह जादौन, राजकुमार पथिक, श्लोक सिकरवार, संतोष बघेल, डॉ जेएन टंडन, सत्येंद्र पाठक, रुचि चतुर्वेदी, पँडित मनीष शर्मा, नूतन अग्रवाल व राजीव दुबे आदि उपस्थित रहे।