जयपुर ।आबकारी विभाग ने बंदोबस्त की विफलता को भुलाते हुए अपना रेवेन्यू मॉडल जारी कर दिया है. आबकारी विभाग ने राजस्व में वृद्धि के लिए होटल, रेस्टारेंट व क्लब बार के संबंध में कार्ययोजना, एमनेस्टी योजना, बकाया वसूली के लिए कार्ययोजना और जब्त वाहनों की नीलामी की कार्ययोजना तैयार कर उन्हें टाइम फ्रेम में पूरा करने के निर्देश जारी किए हैं. आबकारी आयुक्त प्रकाश राजपुरोहित खुद इन कार्ययोजनाओं के क्रियान्वयन और प्रगति की मॉनिटरिंग करेंगे. विभाग के रेवेन्य माडल में नए होटल, रेस्टोरेंट और क्लब बार को लेकर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए हैं. सभी आबकारी निरीक्षकों को 12 मई तक नए बार के लिए सूची तैयार करने को कहा गया है. इसी तरह सभ्भी स्वीकृत बार में प्रभावी नजर रखने और निरोधात्मक कार्रवाई के लिए संबंधित एईओ और पीओ को निर्देश दिए गए हैं. नई बार के लिए आवेदन तैयार करने, डीईओ को प्रेषित करने से लेकर बार की स्वीकृति तक के लिए 28 मई तक का समय दिया गया है. इसी तरह एमनेस्टी योजना के तहत 15 ददिन में बकाया प्रकरणों की सूची तैयार करने को कहा है. 26 जून तक के लिए बकायादारों से वसूली तक की प्रक्रिया को पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं. इसी तरह जब्त वाहनों की नीलामी के लिए भी 15 दिवस में प्रक्रिया पूर्ण करने को कहा गया है. इसी कडी में सबसे अहम फैसला लाइसेंसियों पर बकाया वसूली को लेकर किया गया है. इसके लिए बकायाधारी लाइसेंसियों की 14 मई तक सूची तैयार कर 19 मई तक बकायादारों को नोटिस तामील कराया जाएगा. बकाया जमा न कराने पर 22 मई तक आबकारी निरीक्षकों द्वारा जिला आबकारी अधिकारियों को भू राजस्व अधिनियम के तहत प्रकरण तैयार कर उपलब्ध कराएंगे. इसके बाद भी बकायादारों ने बकाया नहीं चुकाई तो 17 जुलाई तक उनकी चल अचल संपत्ति व बैंक खातों की डिटेल ली जाएगी. इसके बाद कुर्की अधिपत्र तैयार करवाए जाएंगे. इसके बाद 7 और 8 अगस्त संपत्ति की नीलामी कर 15 अगस्त तक विभाग में राशि जमा कराई जाएगी. दरअसल आबकारी बंदोबस्त में विभाग को इस बार काफी नुकसान उठाना पडा है. विभाग 11 प्रयासों में भी प्रदेश की 7665 शराब दुकानों में से 774 दुकान नीलाम नहीं कर सका है. ऐसे में विभाग को करीब दो हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. आबकारी विभाग के मुख्यालय वाला उदयपुर जिला और कैंप कार्यालय वाला जयपुर शहर जिले का प्रदर्शन सबसे निराशाजनक रहा है. ऐसे में आबकारी विभाग द्वारा अब रेवेन्यू मॉडल लाया गया है ताकि गैर संचालन मद में राजस्व अर्जित कर बंदोबस्त में हुए नुकसान की भरपाई की जा सके. लेकिन सवाल यह है कि जो जिला आबकारी अधिकारी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी और निरीक्षक शराब दुकानों को नीलाम कररवाने में हाथ खड़े कर चुके हैं वो विभाग के रेवेन्यू मॉडल को कैसे सफल बना पाएंगे. अब देखना होगा कि आबकारी आयुक्त प्रकाश राजपुरोहित कैसे इस लापरवाह और उदासीन टीम के भरोसे विभाग के राजस्व नुकसान की भरपाई करवा पाएंगे।”