प्रदेश के प्रतिभावान विद्यार्थियों को मिले सर्वाधिक अवसर-डिडेल
बीकानेर ‘इंस्पायर अवार्ड-मानकÓ के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की दो दिवसीय कार्यशाला मंगलवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के मानव संसाधन विकास निदेशालय सभागार में प्रारम्भ हुई। पहले दिन 17 जिलों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल थे। उन्होंने कहा कि यह स्कूली बच्चों में इनोवेशन एवं रचनात्मक सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक पहल है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2009-10 में इसकी शुरूआत की गई। कुछ बदलावों के साथ अब इंस्पायर अवार्ड्स-मानक का आयोजन नेशनल इनोवेशन फाउण्डेशन के सहयोग से किया जा रहा है। यह स्टार्टअप इंडिया पहल में महत्त्वपूर्ण भागीदारी निभाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार विज्ञान एवं तकनीक पर आधारित दस लाख विचारों अथवा इनोवेशन के आवेदन का लक्ष्य रखा गया है।
डिडेल ने कहा कि प्रदेश के कक्षा छह से दसवीं तक के अधिक से अधिक बच्चों को इस प्लेटफॉर्म पर भागीदारी का मौका मिले, इसके लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला एवं ब्लॉक स्तर पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। नोडल अधिकारी अपने-अपने जिलों में गत वर्षों की स्थिति की समीक्षा करे और इस वर्ष का लक्ष्य निर्धारित करे। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक विद्यालयों का वेब पोर्टल ई-एमआएएस पर पंजीकरण करवाया जाए। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रारम्भिक स्तर पर एक लाख विचारों का चयन किया जाएगा तथा प्रत्येक विचार के लिए दस हजार रुपये की राशि उनके खातों में हस्तांतरित की जाएगी।
शिक्षा निदेशक ने बताया कि पहले चरण में जिला स्तरीय प्रदर्शनी एवं प्रोजेक्ट कम्पीटिशन होगा। इसमें 10 हजार विचारों का चयन राज्य स्तर पर किया जाएगा। राज्य स्तर पर एक हजार विचारों का चयन राष्ट्रीय स्तर के लिए होगा। इन विचारों का चयन उसकी नवीनता, व्यावहारिकता, सामाजिक उपयोगिता, पर्यावरणीय अनुकूलता और वर्तमान में मौजूद तकनीके के आधार पर होगा। चयनित एक हजार प्रतिकृतियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में रखा जाएगा। जहां से श्रेष्ठ 60 को राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। उन्होंने बताया कि इन 60 प्रतिकृतियों की उपयोगिता, व्यावसायिक संभावनाओं की जांच कर उन्हें अन्य योजनाओं से जोडऩे का प्रयास किया जाएगा तथा सभी प्रतिकृतियों को राष्ट्रपति भवन में आयोजित होने वाले नवप्रवर्तन एवं उद्यमिता उत्सव में प्रदर्शित किया जाएगा।
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के सहायक निदेशक अशोक शर्मा ने बताया कि इंस्पायर अवार्ड्स मानक, भारत सरकार का विशिष्ट कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य देशभर के कक्षा 6 से 10 तक के सभी मान्यता प्राप्त सरकारी अथवा निजी स्कूलों के विद्यार्थियों के मौलिक विचारों एवं इनोवेशन को आमंत्रित करना है। इससे भविष्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की दिशा में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के दूसरे दिन बुधवार को शेष 16 जिलों के नोडल अधिकारी भाग लेंगे।
सीनियर इनोवेशन ऑफिसर राकेश माहेश्वरी ने इंस्पायर अवार्ड्स मानक के सभी तकनीकी पहलूओं की जानकारी दी। उन्होंने स्कूलों के पंजीकरण तथा विचार अपलोड करने की प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि गत वर्ष कर्नाटक के विद्यार्थियों ने सर्वाधिक विचार अपलोड किए। इस बार राज्य में भी लक्ष्य निर्धारित किया जाए। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास निदेशालय के प्रो. राजेश वर्मा, शिक्षा अधिकारी संजय सैंगर, कृषि अभियंता विपिन लढ्ढा आदि मौजूद रहे।