सोनपुर ,अनमोल कुमार ।

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सदियों से लगते आ रहे एशिया प्रसिद्ध हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेले के आयोजन की मांग को लेकर बुधवार को यहां के प्रखंड कार्यालय परिसर में सैकड़ों ग्रामीणों, बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सरकार की गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए शांतिपूर्ण धरना दिया एवं प्रदर्शन किया। वे हर हाल में सरकार से मेले का आयोजन किए जाने की मांग कर रहे थे। ऐसा नहीं किए जाने पर वक्ताओं ने चरणबद्ध आंदोलन शुरू करने की चेतावनी भी दी है।
सोनपुर नागरिक मंच के तत्वावधान और मंच के अध्यक्ष रामविनोद सिंह के नेतृत्व में धरनास्थल पर आयोजित सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ भाजपा नेता व अधिवक्ता ओम कुमार सिंह ने की, जबकि संचालन आशुतोष कुमार रितेश ने किया। सभा को नगर पंचायत के अध्यक्ष अमजद हुसैन, अनिल सिंह, सुरेश नारायण सिंह, डॉ. नवल कुमार सिंह, गोपाल सिंह, रवीन्द्र सिंह, रामबालक सिंह, सीताराम सिंह, कुमार जितेन्द्र सिंह, गब्बर सिंह, अशोक सिंह, मुन्ना सिंह, अतुल कुमार सिंह, राजीव मुनमुन, जयंत कुमार सिंह, अजय सिंह, बिजेन्द्र प्रसाद सिंह, नरेशू सिंह, रामाकांत सिंह, कृष्णा प्रसाद आदि ने संबोधित करते हुए हर हाल में इस वर्ष सोनपुर मेले का आयोजन किए जाने की सरकार से मांग की है।

– कार्तिक पूर्णिमा में अब मात्र 60 दिन ही शेष

वक्ताओं ने अपने संबोधन में हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले की ऐतिहासिक, धार्मिक, पौराणिक और आर्थिक महत्ता की चर्चा करते हुए कहा कि इस वर्ष आगामी 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां के गंगा-गंडक नदी में स्नान और बाबा हरिहरनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए देश के विभिन्न राज्यों से लगभग 15 लाख से अधिक तीर्थ यात्री आते हैं। इसके अलावा सरकारी स्तर पर लगभग एक माह से अधिक दिनों तक चलने वाले इस मेले में स्थानीय कारोबारियों के साथ-साथ देश के विभिन्न राज्यों से सैकड़ों व्यापारी आते हैं और मेले में कारोबार करते हैं। अभी तक सरकारी एवं प्रशासनिक स्तर पर मेले की तैयारियों की शुरूआत तक नहीं की जा सकी है। जबकि कार्तिक पूर्णिमा में अब मात्र 60 दिन ही शेष बचा है। मेला बचाओ अभियान समिति के प्रमुख प्रमुख वरिष्ठ भाजपा नेता ओम कुमार सिंह उन्होंने यह भी कहा कि गत वर्ष भी कोरोना महामारी के नाम पर सोनपुर मेले का आयोजन नहीं किया गया था और इस वर्ष भी मेले के आयोजन पर अभी तक संशय बरकरार है। मेले के आयोजन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर अभी तक तैयारी प्रारंभ नहीं होने से स्थानीय लोगों और देश के विभिन्न राज्यों से आने वाले सैकड़ों व्यापारियों में ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। बाद में मुख्यमंत्री को संबोधित मांगों का एक ज्ञापन एसडीओ को सौंपा गया।