बीकानेर, 07 अप्रैल। कोरोना महामारी के कारण देश के अधिकांश हिस्सों में सुरक्षा की दृष्टि से लॉक डाउन किया हुआ है जिसमें राजस्थान भी सम्मिलित है। ऐसी स्थिति में एक बड़ी समस्या युवाओं के भविष्य को लेकर भी है। जनता की सुरक्षा के लिए लॉक डाउन ही एकमात्र विकल्प है, लेकिन इस महामारी के नियंत्रित हो जाने के बाद युवाओं के भविष्य को लेकर मन में जो आशंकाए हैं, उनके लिए सरकार के वर्क फ्रॉम होम के अंतर्गत उच्च शिक्षा विभाग ने सभी उच्च शिक्षण संस्थाओं को निर्देश जारी किये हैं कि हर हाल में विद्यार्थियों को अधिकाधिक ऑनलाइन अध्ययन सहायता एवं पाठ्यक्रम सबंधी मार्गदर्शन सुनिश्चित किया जावे।

उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया की काॅलेज शिक्षा विभाग एवं विश्विद्यालयों को इस सम्बन्ध में निर्देश जारी किये गए हैं कि वे अपने स्तर पर ऑनलाइन टीचिंग एंड प्रॉब्लम सोल्विंग मैकेनिज्म अपना कर इस दिशा में आवश्यक सहायता हेतु कदम उठाये। उन्होंने कहा की लॉक डाउन होते ही कॉलेज शिक्षा विभाग में कार्य आरंभ करवा दिया गया था जिसमें सभी शिक्षकों को 5-6 विकल्प यथा ऑनलाइन लेक्चर तैयार करना, नोट्स बनाकर देना, मॉडल क्वेश्चन पेपर बनाना, मॉडल क्वेश्चन-आंसर बनाना अथवा विद्यार्थियों को फेसबुक और व्हाट्सएप आदि सोशल मीडिया के माध्यम से जोड़कर उनकी पढाई को समस्याओं के समाधान करने हेतु प्रति कार्य दिवस कार्य निष्पादन हेतु निर्देशित किया गया था। इसकी अनुपालना में कॉलेज शिक्षकों द्वारा अब तक 4597 ई-व्याख्यान रिकॉर्ड किए जा चुके हैं तथा 2630 व्याख्यान सोशल मीडिया साइट्स पर अपलोड किए गए हैं। विद्यार्थियों की परीक्षा की तैयारी में सहायता के लिए सभी विषयों के मिलाकर 20271 मॉडल क्वेश्चन पेपर तैयार किये गए हैं तथा 30862 मॉडल आंसर तैयार किए गए हैं। इस ऑनलाइन शिक्षण सहायता में कॉलेज शिक्षक पूर्ण तत्परता से सहयोग कर रहे हैं। इस वर्क फ्रॉम होम शिक्षण सहायता से लगभग ढाई लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए हैं।

उन्होंने बताया कि विभाग ने उच्च शिक्षा में पढ़ रहे विद्यार्थियों के लिए विषयवार क्विक रिस्पांस सिस्टम के रूप में फेसबुक पेज बनवाए हैं, जिनके माध्यम से स्टूडेंट्स अपने ऑनलाइन सवाल भी कर सकते हैं तथा इन फेसबुक पेजों पर जुड़े हुए शिक्षक विद्यार्थियों के सवालों का जवाब दे रहे हैं। कई विषयों के फेसबुक पेज तैयार हो चुके हैं जिन पर विभिन्न राजकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों से जुड़े शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को जुड़ने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है, लेकिन इनका एडमिन काॅलेज शिक्षा विभाग रहेगा। साथ ही राजकीय कॉलेजों के विद्यार्थियों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जोड़ा जा रहा है, जिसके माध्यम से उनको नोट्स, प्रश्न-उत्तर तथा लेक्चर्स शेयर किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा में एक और पहल इस रूप में की गयी है कि क्लासरूम टीचिंग को कैसे सुदृढ़ किया जाये। इसके लिए तात्कालिक पहल करते हुए शिक्षकों के विषयपरक संवाद एवं अध्यापन क्षमता विकास के लिए विषयवार क्यू.आर.एस. समूह बनाये गए हैं जिन पर शिक्षकों को विषयपरक समस्याओं को चिन्हित कर उन्हें सामने लाने तथा उन पर डिस्कस करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन सभी समूहों का एडमिन आयुक्तालय को रखा गया है।
उन्होंने बताया की आयुक्तालय काॅलेज शिक्षा इस सम्पूर्ण योजना की दैनिक मॉनिटरिंग कर रहा है। सभी प्राचार्यों को इस कार्य के लिए प्रभारी बनाते हुए काॅलेजों से दैनिक ऑनलाइन रिपोर्ट मंगवाई जा रही हैं। आयुक्तालय स्तर पर वर्क फ्रॉम होम के कार्यो की मोनिटरिंग हेतु संयुक्त निदेशकों को प्रभारी बनाते हुए 6 मोनिटरिंग कमेटियां बनायी गयी हैं। इसके अतिरक्त रूसा ग्रांट्स जारी करने तथा प्राइवेट काॅलेजो को एन.ओ.सी जारी करने के कार्य भी किये गए हैं। इसी प्रकार विश्विद्यालयांे को ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म्स के माध्यम से कक्षाएं संचालित करवाने के निर्देश दिए गए हैं।

उच्च शिक्षा मंत्री भाटी ने इस स्वास्थ्य संकट के दौर में कोलेज शिक्षा के सभी कार्मिकों से अनुरोध किया गया है कि वे तन-मन-धन से जनसेवा के लिये आगे आकर मानव धर्म निभाएं। उन्होंने कहा की हमारे अनेकों शिक्षक स्वयं अपने स्तर पर तथा विभिन्न संस्स्थानों के स्तर पर जन सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्मिकों की हौसालाअफज़ाई के लिए उनके सेवा कार्यों को विभागीय स्तर पर अपने न्यूज लैटर में प्रकाशित करने का निर्णय किया है।
अनेकों शिक्षकों की इस महामारी में व्यवस्थाओं में सहायता के लिए ड्यूटी लगायी गयी है तो कुछ जिलो में काॅलेजो को आइसोलेशन कार्य के लिए भी अधिगृहित किया गया है। मंत्री भाटी ने आश्वस्त किया की इस आपदा से उबरने के लिए सरकार की सहायता के लिए राज्य की सभी उच्च शिक्षण संस्थान उनकें कार्मिक पूर्ण सहयोग हेतु सदैव तत्पर है।न्न राजकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों से जुड़े शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को जुड़ने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है, लेकिन इनका एडमिन काॅलेज शिक्षा विभाग रहेगा। साथ ही राजकीय कॉलेजों के विद्यार्थियों को व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर जोड़ा जा रहा है, जिसके माध्यम से उनको नोट्स, प्रश्न-उत्तर तथा लेक्चर्स शेयर किए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त उच्च शिक्षा में एक और पहल इस रूप में की गयी है कि क्लासरूम टीचिंग को कैसे सुदृढ़ किया जाये। इसके लिए तात्कालिक पहल करते हुए शिक्षकों के विषयपरक संवाद एवं अध्यापन क्षमता विकास के लिए विषयवार क्यू.आर.एस. समूह बनाये गए हैं जिन पर शिक्षकों को विषयपरक समस्याओं को चिन्हित कर उन्हें सामने लाने तथा उन पर डिस्कस करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इन सभी समूहों का एडमिन आयुक्तालय को रखा गया है।
उन्होंने बताया की आयुक्तालय काॅलेज शिक्षा इस सम्पूर्ण योजना की दैनिक मॉनिटरिंग कर रहा है। सभी प्राचार्यों को इस कार्य के लिए प्रभारी बनाते हुए काॅलेजों से दैनिक ऑनलाइन रिपोर्ट मंगवाई जा रही हैं। आयुक्तालय स्तर पर वर्क फ्रॉम होम के कार्यो की मोनिटरिंग हेतु संयुक्त निदेशकों को प्रभारी बनाते हुए 6 मोनिटरिंग कमेटियां बनायी गयी हैं। इसके अतिरक्त रूसा ग्रांट्स जारी करने तथा प्राइवेट काॅलेजो को एन.ओ.सी जारी करने के कार्य भी किये गए हैं। इसी प्रकार विश्विद्यालयांे को ऑनलाइन प्लेटफाॅर्म्स के माध्यम से कक्षाएं संचालित करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
उच्च शिक्षा मंत्री भाटी ने इस स्वास्थ्य संकट के दौर में कोलेज शिक्षा के सभी कार्मिकों से अनुरोध किया गया है कि वे तन-मन-धन से जनसेवा के लिये आगे आकर मानव धर्म निभाएं। उन्होंने कहा की हमारे अनेकों शिक्षक स्वयं अपने स्तर पर तथा विभिन्न संस्स्थानों के स्तर पर जन सेवा में लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे कार्मिकों की हौसालाअफज़ाई के लिए उनके सेवा कार्यों को विभागीय स्तर पर अपने न्यूज लैटर में प्रकाशित करने का निर्णय किया है।
अनेकों शिक्षकों की इस महामारी में व्यवस्थाओं में सहायता के लिए ड्यूटी लगायी गयी है तो कुछ जिलो में काॅलेजो को आइसोलेशन कार्य के लिए भी अधिगृहित किया गया है। मंत्री भाटी ने आश्वस्त किया की इस आपदा से उबरने के लिए सरकार की सहायता के लिए राज्य की सभी उच्च शिक्षण संस्थान उनकें कार्मिक पूर्ण सहयोग हेतु सदैव तत्पर है।