गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) जी सिखों के 10वें गुरु (Tenth Nanak) थे. उनका जन्म पटना साहिब में हुआ था. यहां जानिए गुरु
नई दिल्ली: आज गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती (Guru Gobind Singh Jayanti) मनाई जा रही है. यह गुरु गोबिंद सिंह जी की 353वीं जयंती (Guru Gobind Singh 353th Jayanti) है. गुरु गोबिंद सिंह (Guru Gobind Singh) जी सिखों के 10वें गुरु (Tenth Nanak) थे. उनका जन्म पटना साहिब में हुआ था. यहां जानिए गुरु गोबिंद सिंह जी (Guru Gobind Singh Ji) के बारे में कुछ खास बातें.
गुरु गोबिंद सिंह जी सिखों के 10वें गुरु थे. इन्होंने ही सिख धर्म के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब (Guru Granth Sahib) को पूरा किया. साथ ही गोबिंद सिंह जी ने खालसा वाणी – “वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह” भी दी. खालसा पंथ की की रक्षा के लिए गुरु गोबिंग सिंह जी मुगलों और उनके सहयोगियों से लगभग 14 बार लड़े. उन्होंने जीवन जीने के लिए पांच सिद्धांत भी दिए, जिन्हें ‘पांच ककार’ कहा जाता है. पांच ककार का मतलब ‘क’ शब्द से शुरू होने वाली उन 5 चीजों से है, जिन्हें गुरु गोबिंद सिंह के सिद्धांतों के अनुसार सभी खालसा सिखों को धारण करना होता है. गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के लिए पांच चीजें अनिवार्य की थीं- ‘केश’, ‘कड़ा’, ‘कृपाण’, ‘कंघा’ और ‘कच्छा’. इनके बिना खालसा वेश पूर्ण नहीं माना जाता.
कैसे मनाते हैं गुरु गोबिंद सिंह जयंती?
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती के दिन गुरुद्वारों में कीर्तन होता है. सुबह प्रभातफेरी निकाली जाती है. लंगर का आयोजन किया जाता है. गुरुद्वारों में सेवा की जाती है. गुरुद्वारों के आस-पास खालसा पंथ की झांकियां निकाली जाती हैं. कई लोग घरों में कीर्तन भी करवाते हैं.
गुरु गोबिंद सिंह जी की वाणी
1. “इंसान से प्रेम करना ही, ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है.”
2. “मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं.”
3. “अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है.”
4. “भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं.”
5. “ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें.”