– ‘गोमय समिधा का मुद्दा उठाने के लिए शैलेन्द्र शर्मा को मिला सम्मान ‘
जयपुर.। प्रर्यावरण संरक्षण वर्तमान में विश्व की सबसे बड़ी आवश्यकता बन गई है। गोमय समिधा से अंतिम संस्कार ने केवल लाखों पेड़ों को कटने से बचाया जा सकता है। साथ ही इससे गोवंश और गोपालकों के जीवन को भी संबल दिया जा सकता है। ये कहना है महामंडलेश्वर श्री महंत पद्मनाभ शरण देवाचार्य महाराज का, जो रविवार को गोमय परिवार की ओर से भट्टारक जी की नसियां के इंद्रलोक सभागार में आयोजित कार्यक्रम में अपना संबोधन दे रहे थे। कार्यक्रम में शैलेन्द्र शर्मा समेत गोवंश से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वालों का प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। इस दौरान सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने कहा कि आज साइंस इस बात की पुष्टि कर रहा है कि गोमय उत्पाद कितने लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों का प्रचार-प्रसार जरूरी है। उपमहापौर (ग्रेटर) पुनीत कर्नावट ने कहा कि गोमय परिवार की मुहीम को अब देशभर में फैलाना है, उन्होंने कहा कि इस कार्य में निगम की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी। कार्यक्रम में श्रीराम आशापूरन चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टी नवीन भण्डारी, राजापार्क गौसेवा समिति के अध्यक्ष रवि नैयर, अतुल गुप्ता, विक्रम शर्मा समेत अन्य वक्ताओं ने गोमय समिधा से अंतिम संस्कार करने की अपील की।
– विभिन्न मोक्षधामों में रखवाए जाएंगे 300 गोमय विमान
कार्यक्रम के अंत में गोमय विमान (अंतिम संस्कार के प्रयुक्त होने वाला लोहे का ढांचा) का लोकार्पण किया गया। गोमय परिवार के निदेशक सीताराम गुप्ता ने बताया कि इस तरह के करीब 300 गोमय विमान शहर के विभिन्न मोक्षधामों में रखवाए जाएंगे। उन्होने गोबर और पराली से बनी गोमय समिधा से अंतिम संस्कार करवाने की मुहीम और पर्यावरण व गोवंश के संरक्षण के बारे में बताया।