हमारे यहां महान व्यक्तियों के जन्मदिन पर छुट्टियां रखी जाती है। कई व्यक्ति स्वयं के जन्मदिन पर भी छुट्टियां मनाते हैं। वैसे यह बहुत अच्छी बात है की व्यक्ति स्वयं के जन्मदिन पर छुट्टी परिवार के साथ मनाये। कई व्यक्ति अपना जन्मदिन वृद्ध आश्रम या दिव्यांगों के बीच मनाते हैं, कई अनाथालय में मनाते हैं। ये सब एक प्रकार से अपने जन्मदिन को सार्थक करते हुए मानव सेवा करते हैं, तन मन और धन से। यह लोग सही मायने में अपना जीवन सार्थक कर रहे हैं। कई अपने जन्मदिन पर परिवार के साथ धार्मिक स्थलों पर जाते हैं। यह भी बहुत अच्छी बात है क्योंकि धार्मिक स्थलों पर जाकर आपके मन में निर्मलता पवित्रता और सहायता का भाव पैदा होता है। पर कुछ ऐसे शख्सियत भी है कि जन्मदिन पर देर रात तक पार्टी मनाते हैं पर यदि ऐसी पार्टी में मित्रता का भाव रहे वहां तक तो ठीक है, यदी आपस में विवाद बन जाए तो सब गलत हो जाता है। ऐसी पार्टियां सिर्फ परिजन या बहुत ही घनिष्ठ मित्रों के बीच ही होना चाहिए। राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक नेताओं की जयंती पर छुट्टी के बजाय अधिक ईमानदारी से काम करने का संकल्प दिवस के रूप में मनाना चाहिए। धार्मिक त्योहार की छुट्टियां सिर्फ उन्हीं लोगों को दी जाय जो उसी धर्म आराधना से जुड़े हुए हो। क्योंकि आज भी कई ऐसे कट्टर लोग भी हैं जो सिर्फ अपने धर्म में ही आस्था रखते हैं और बाकी धर्म को निगलेक्ट करते हैं, वह यहां तक की दूसरे धर्म स्थलों पर जाना भी पसंद नहीं करते।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)