ओम एक्सप्रेस- महेंद्रगढ़
केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वीसी का कार्यकाल समाप्त होने पर उन्हें पद मुक्त करने की मांग को लेकर गुरुवार को जाट-पाली के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधि मंड विष्णु तंवर के नेतृत्व में प्रदेश के पूर्व शिक्षामंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा को उनके आवास पर एक ज्ञापन सौंपा ।
ज्ञापन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विवि में एक जाति विशेष के लोगों को महत्व दिया जा रहा है जबकि क्षेत्र के लोगों से भेदभाव हो रहा है । बीते कुछ माह में विवि में डीसी रेट पर लगाए गए 53 कर्मचारियों को हटा दिया गया है ।

स्थानीय लोगों को नौकरी से निकालकर उन्हें बेरोजगार किया जा रहा है । कुलसचिव, ओएसडी, कुलानुशाशक, केंद्रीय जन सूचना अधिकारी आदि जैसे महत्वपूर्ण पदों पर एक जाति विशेष के लोगों को नियुक्त किया है जोकि एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय की संरचना के बिलकुल विपरीत है । उन्होंने कहा कि विवि में गांव जाट-पाली के लोगों के साथ भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है । कोरोना महामारी के चलते भी अपने चहेतों को प्रमोशन देने की योजना चल रही है, वही विवि में गांव के लोगों को योग्य होने पर भी कोई प्रमोशन नहीं दिया जा रहा है । उन्होंने नई शिक्षक भर्ती की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है क्योंकि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय में हाल ही में हुई लगभग 90 शिक्षकों की नियुक्ति में 50 प्रतिशत के लगभग एक जाति विशेष के लोगों को नियुक्ति दी गई है । जांच में भर्ती में बरती गई अनियमिताएं सामने आएंगी ।

ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर बीते 10 दिनों से धरने पर बैठे हैं परंतु उनकी जायज मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है । ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के पूर्व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से उनके आवास पर ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि जाट-पाली विवि के वीसी को कार्यभार मुक्त किया जाए क्योंकि इसका कार्यकाल पूरा हो चुका है । गांव जाट-पाली के लोगों के साथ विवि प्रशासन भेदभाव की नीति अपना रहा है जिसे यहां के ग्रामीण किसी भी सूरत में सहन नहीं करेंगे । ग्रामीणों की मांग पर पूर्व शिक्षामंत्री ने कहा कि उन्हें न्याय मिलेगा । इस मौके पर गौरव शर्मा, पप्पू सिंह सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे ।