– घनिष्ठ मित्रों के बीच जबरदस्त दरार

जयपुर – महेश झालानी।कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट द्वारा अदालत में याचिका दायर करने पर अपनी नाराजगी जाहिर की है । आलाकमान का मानना है कि अब सच मे यह साबित होगया है कि पायलट किन्ही बाहरी लोगों के इशारे पर कार्य कर रहे है ।

भरोसेमंद सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि आज शाम कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल से मुलाकात कर सचिन के प्रति सहानुभूति व्यक्त की तो आलाकमान का हवाला देते हुए पटेल ने कहाकि पायलट ने खुद ही बातचीत के रास्ते बंद कर दिए है । पहले आलाकमान की सचिन के प्रति सहानुभूति थी । लेकिन अदालत में जाकर सचिन ने यह जाहिर कर दिया कि उन्हें पार्टी नेतृत्व पर विश्वास नही है ।

उधर सचिन पायलट के परम मित्र भंवर जितेंद्र सिंह ने भी सचिन की इस कार्रवाई को नासमझी भरा कदम बताया है । जितेंद्र सिंह के निकटवर्ती सूत्रों ने बताया कि आपस मे सुलह कर पूरे मामले को सम्मानजनक तरीके से निपटाया जा सकता था । लेकिन याचिका दायर करने से समझौते की संभावना क्षीण होगई है ।

पायलट के जितेंद्र सिंह ना केवल घनिष्ठ मित्र है बल्कि अच्छे सलाहकार भी है । चुनाव जीतने के बाद जब गहलोत और सचिन के बीच जमकर युद्ध छिड़ा हुआ था, तब पायलट सलाह लेने के लिए भंवर जितेंद्र सिंह के घर ही जाते थे । भंवर की सलाह पर ही सचिन उप मुख्यमंत्री पद के लिए राजी हुए । जबकि सचिन मुख्यमंन्त्री पद के लिए अड़े हुए थे ।

ज्ञातव्य है कि सचिन की बर्खास्तगी पर उनके सभी मित्रों यथा ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलिंद देवड़ा, जतिन प्रसाद तथा रणदीप हुड्डा आदि ने ट्वीट और बयानों के माध्यम से अपनी सहानुभूति व्ययक्त की । जबकि भंवर जितेंद्र सिंह इस पूरे एपिसोड के दौरान खामोश रहे । उनका प्रारम्भ से ही यह मानना था कि पायलट जो कदम उठा रहे है, आत्मघाती है । कई बार पायलट को समझाया भी, लेकिन वे अपनी जिद पर अड़े रहे ।