रिपोर्ट – सुनिल ज्ञानदेव भोसले
‘मुम्बई महानगर के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षक श्री अजय कौल जी का 8 अक्टूबर को जन्म दिन है उनके इस जन्म दिन के खास शुभ अवसर पर सुनील भोंषले पत्रकार ने उनसे उनके कामो को लेकर बातचीत की प्रस्तुत है उसकी के कुछ विशेष अंश और एक रिपोर्ट ‘

मुम्बई – दूसरों के प्रति नि:स्वार्थ सेवा का भाव रखना ही जीवन में कामयाबी का मूलमंत्र है। नि:स्वार्थ भाव से की गई सेवा से किसी का भी हृदय परिवर्तन किया जा सकता है। हमें अपने आचरण में सदैव सेवा का भाव निहित रखना चाहिए, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होते हुए कामयाबी के मार्ग पर अग्रसर हो सकें।

सेवाभाव हमारे लिए आत्मसंतोष का वाहक ही नहीं बनता बल्कि संपर्क में आने वाले लोगों के बीच भी अच्छाई के संदेश को स्वत: उजागर करते हुए समाज को नई दिशा व दशा देने का काम करता है।

यैसे ही समाज के शांतिदूत श्री अजय कौल है जो एक शिक्षक तो है ही अपने एकता मंच के माध्यम से समाज के हर वर्ग के लोगो की मदद के लिए अग्रसर रहते है। ठीक उसी तरह से जैसे गुलाब को उपदेश देने की जरूरत नहीं होती, वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है। उसकी खुशबू ही उसका संदेश है। ठीक इसी तरह खूबसूरत लोग हमेशा दयावान नहीं होते, लेकिन दयावान लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं, यह सर्वविदित है। यह बात सर अजय कौल पर सतप्रतिशत साबित होता है।

कोरोना महामारी के दौरान लोगों में कोरोना के प्रति जन जागृति पैदा करने के लिए और प्रशासन को सहयोग के उद्देश्य से सामाजिक संस्था,’ एकता मंच’ के अध्यक्ष और सामाजिक चेतना जगाने वाले सर अजय कौल ने पूरे मुंबई शहर में नुक्कड़ नाटक के आयोजन के जरिए लोगों को बताने कि कोशिश की कि कोरोना को हल्के में ना ले, इसे हल्के में लेने की वजह से फिर कोरोना फैल रहा है, इसके प्रति सचेत रहे और सरकारी नियमों का पालन करें। साथ ही साथ सर अजय कौल ने लोगो की हर तरह से मदद भी की।

कोंकण में आई बाढ़ में प्रभावित लोगो के लिए एकता मंच ने सैकड़ो टन अनाज और राहत सामग्री भेज कर उस समय वहा पर मदद पहुंचाने का काम किया गया। शिक्षा के मद्देनज़र सर अजय कौल कन्या शिक्षा को लेकर काफी सजग है उनका एक ही सपना है हर जाति धर्म के लोगो के बीच सामाजिक समरसता पैदा हो और हर किसी को शिक्षा मिले जो कि उसका मूल अधिकार है। सर अजय कौल कहते है कि -” एकता मंच और हम पूरी तरफ से कोशिश में रहते है कि समाज के हर वर्ग तक पंहुचा जाये और यदि उनको किसी चीज़ की जरुरत है चाहे वह शिक्षा का अभाव हो या सामाजिक मजबूती का हम वहा तक पहुंचे और उनकी मदद करे , एक शिक्षक होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती है कि मैं सभी समाज के लोगो को शिक्षित करू।

आगे सर अजय कौल कहते है कि -” जैसा की आप सभी जानते है कि सामाजिक, आर्थिक सभी रूपों में सेवा भाव की अपनी अलग-अलग महत्ता है। बिना सेवा भाव के किसी भी पुनीत कार्य को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सकता। सेवा भाव के जरिए समाज में व्याप्त कुरीतियों को जड़ से समाप्त करने के साथ ही आम लोगों को भी उनके सामाजिक दायित्वों के प्रति जागरूक किया जा सकता है।

असल में सेवा भाव आपसी सद्भाव का वाहक बनता है। जब हम एक-दूसरे के प्रति सेवा भाव रखते हैं तब आपसी द्वेष की भावना स्वत: समाप्त हो जाती है और हम सभी मिलकर कामयाबी के पथ पर अग्रसर होते हैं। सेवा से बड़ा कोई परोपकार इस विश्व में नहीं है, जिसे मानव सहजता से अपने जीवन में अंगीकार कर सकता है। प्रारंभिक शिक्षा से लेकर हमारे अंतिम सेवा काल तक सेवा ही एक मात्र ऐसा आभूषण है, जो हमारे जीवन को सार्थक सिद्ध करने में अहम भूमिका निभाता है। बिना सेवा भाव विकसित किए मनुष्य जीवन को सफल नहीं बना सकता। हम सभी को चाहिए कि सेवा के इस महत्व को समझें व दूसरों को भी इस ओर जागरूक करने की पहल करें।

” एकता मंच ” से जुड़े सभी लोगो को मैं हमेशा यही कहता हूँ कि हमेशा परोपकार की भावना होनी चाहिए। सर अजय कौल आगे कहते है कि – ” हमें परमपिता परमेश्वर अच्छे कामो के लिए चुनते है , यदि आप के पास कोई याचक आता है तो समझ लो उसे ऊपर वाले ने भेजा है ताकि आप उसकी मदद करे , यथासंभव मदद देने के बाद हमें परमपिता परमेश्वर का शुक्रिया कहना चाहिए जिसने आप को अच्छा काम करने का मौका दिया।

खैर , विनम्रता मनुष्य के व्यवहार को उजागर करती है। विनम्र प्रवृति का व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में आसानी से उत्कृष्ट कार्य कर सकता है। विनम्रता ही मानव को इस संसार में सर्वश्रेष्ठ व्यक्ति बनाती है। सर अजय कौल यैसे ही मृदुभाषी विनम्र व्यक्ति है जो समाज में एक वट वृक्ष की भांति काम करते हुए सर्वधर्म समभाव की एकता की मशाल जलाते हुए अँधेरी में काम कर रहे है। सिर्फ अँधेरी ही नहीं आज सर अजय कौल का काम पूरा हिन्दुस्तान जनता है।

8 अक्टूबर को जन्मे श्री कौल का कल जन्म दिन है उन्हें ढेरो शुभकामनाएं।