सुबह बिस्तर से उठने से पहले अपने शरीर को इधर-उधर मोड़ हाथ और पैर खींचे। आपने जो रजाई ओढ़ रखी थी उसकी घड़ी करें, पलंग की चादर को साफ बिछा दें। जब भी खाना खाने साफ जगह बैठे हैं। अपने जेब में हमेशा एक रुमाल और कंघा रखें। बाहर से जब भी घर लौटे तो अपने कपड़ बदलने के बाद उन्हे विधिवत घड़ी कर या हैंगर पर टांगे। जूतों पर पॉलिश रखें। जब आप किसी से रास्ता या पता पूछते हो तो उसके बाद उसे धन्यवाद जरूर दिया करे। लिफ्ट से उतरते वक्त लिफ्टमैन को भी धन्यवाद जरूर कहने की आदत डालें। जहां तक हो सके सभी से मुस्कुराते हुए मधुरता से मिलो। अपने उठने बैठने खाने रहने का एक सिलसिला बनाकर रखें। जिंदगी में जो है उसमें बहुत खुश रहने की आदत रखें दूसरों को देख कर अपने आप को बड़ा छोटा ना समझे। धरती पर जो सबसे ज्यादा खुश रहता है वह सबसे बढ़िया जीवन व्यतीत करता है। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पूरा जीवन पैसा कमाने में और बड़ा बनने में लगा देते हैं और जब पैसा भी आ जाएगा तब मालूम पड़ता है कि उनकी उम्र हो गई। कई लोग पढ़ने लिखने में जीवन खफा देते हैं। जीवन में हमेशा कुछ ऐसा करो जिस पर स्वयं को गर्व हो वही असली जीवन है।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, वास्तुविद्)

