दो साल से ठप्प पड़ा काम फिर शुरु, दूसरे चरण में 300 करोड़ की 30 किलोमीटर सड़क बनेगी

जोधपुर।रिंग रोड का काम दो साल से अधूरा पड़ा था। इसका अब दोबारा काम शुरू किया जाएगा।
कोरोना काल से बंद पड़े जोधपुर रिंग रोड़ का कार्य अब जल्द ही गति पकड़ने वाला है। साथ ही अब उसके अगले सेक्शन में 30 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी जिसकी लागत लगभग 300 करोड़ आएगी। वर्तमान में रिंग रोड की लागत 1161 करोड़ है। दूसरे भाग में नागौर रोड से लोरड़ी पंडितजी जाजीवाल भटियां, बावरला होते हुए वापस डांगियावास से जोड़ा जाएगा। भाग-2 की रिंग रोड के टेंडर जारी हो चुके हैं। इसके लिए लेटर ऑफ अवार्ड भी जारी कर दिया गया है।

2018 में शुरु हुआ था काम कुछ माह में हुआ बंद
एनएचएआई जोधपुर की परियोजना कार्यान्वयन इकाई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अजय बिश्नोई ने बताया कि जोधपुर के शहरी क्षेत्र में ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से शहर के बाहरी इलाके में 74.619 किलोमीटर रिंग रोड का निर्माण कार्य फिर से प्रारंभ कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि कुल 1161 करोड़ की लागत कि रिंग रोड जोधपुर योजना का कार्य दिसंबर 2018 में आरंभ हुआ था लेकिन किन्हीं कारणों से रुका पड़ा था। इस योजना के अन्तर्गत अनुसंरक्षण की शुरूआत के साथ प्रथम भाग का कार्य गत सप्ताह से दुबारा शुरु हो चुका है।

बदल गई कंपनी
उन्होंने बताया कि पूर्व में इस योजना की निर्माण एजेंसी मैसर्स सद्भाव इंजीनियर थी जिसे सामंजस्य पूर्ण प्रतिस्थापन की कार्यवाही के तहत अब मैसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड द्वारा करवाया जाएगा। वर्तमान में 5 अप्रैल से इस कार्य के इसका निर्माण कार्य फिर शुरु हो चुका है।

दो रेल ऑवरब्रिज व 16 फलाईओवर बनेंगे
प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि इस परियोजना के भाग प्रथम में डांगियावास-केरु-नागौर रोड को फोरलेन में तब्दील किया जाएगा तथा इसके तहत सड़क को फोरलेन करने के साथ ही इस मार्ग पर दो रेल ओवरब्रिज, 16 फ्लाईओवर व अंडरपास तथा एक बड़ा व एक छोटा पुल बनाया जाएगा। इसके साथ ही टोल वसूलने के लिए अलकदड़ा व बड़ली में दो टोल प्लाजा बनाए जाएंगे।

30 किलोमीटर में होंगे कार्य
उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट का दूसरा भाग 30 किलोमीटर का होगा। इसकी लागत लगभग 300 करोड़ की होगी। जिसमें नागौर रोड से लोरड़ी पंडितजी जाजीवाल भटियां, बावरला होते हुए वापस डांगियावास से जोड़ा जाएगा। भाग-2 की रिंग रोड की निविदाएं जारी की जा चुकी हैं तथा लेटर ऑफ अवार्ड भी जारी कर दिया गया है। प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि शीघ्र ही इसका कार्य प्रारंभ होने वाला है।

प्रोजेक्ट पूरा होने से सुगम होगा यातायात

फ्लाई ओवर

डांगियावास बाइपास जालेली फौजदारा (9.868 किमी), लेंथ: 25 मीटर
कांकेलाव (16.400 किमी), लेंथ : 25 मीटर
झालामंड गांव के पास (21.638 किमी), लेंथ 25 मीटर
सांगरिया चौराहा (26.700 किमी), लेंथ 150 मीटर
डीपीएस चौराहा (32.500 किमी), लेंथ 60 मीटर
डालीबाई मंदिर चौराहा (34.128 किमी), लेंथ 60 मीटर
चौपासनी गांव (35.866 किमी), लेंथ 25 मीटर
बड़ली गांव (42.300 किमी), लेंथ 60 मीटर
जैसलमेर हाइवे (45.520 किमी), लेंथ 60 मीटर
अंडर ब्रिज (अंडरपास)

गेंवा (36.979 किमी), लेंथ 12 मीटर
चौपासनी (38.810 किमी), लेंथ 12 मीटर
केरू प्रथम (47.910 किमी), लेंथ 12 मीटर
केरू द्वितीय (49.560 किमी), लेंथ 12 मीटर
नारवां (56.675 किमी), लेंथ 12 मीटर
दईजर (67.070 किमी), लेंथ 12 मीटर
आरओबी

सांगरिया के पास जोधपुर लूणी रेल लाइन
माणकलाव गांव के पास, जोधपुर जैसलमेर रेल लाइन