सम्पूर्ण राजस्थान में 893 बैंचों का गठन कर कुल 3,66,442 प्री-लिटिगेषन व पैंडिंग प्रकरणों को चिन्हित, जोधपुर में 05 बैंचों का गठन,1527 प्रकरणों, जयपुर में 07 बैंचों का गठन कर 2811 प्रकरणों को रैफर
नई दिल्ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देश में वर्ष_2021 की “ अंतिम व तृतीय राष्ट्रीय लोक अदालत “ का द 11 दिसम्बर, (द्वितीय शनिवार) को प्रातः 10.00 बजें राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ, जयपुर परिसर (न्यू बिल्डिंग) में माननीय मुख्य न्यायाधिपति अकिल कुरेशी, मुख्य न्यायाधीष, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शुभारम्भ किया जावेगा। इस “राष्ट्रीय लोक अदालत” के शुभारम्भ कार्यक्रम में माननीय न्यायाधिपति मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर स्वागत एवं परिचयात्मक उद्बोधन देंगे। इस शुभारम्भ कार्यक्रम में माननीय न्यायाधिपतिगण, सेवानिवृत्त माननीय न्यायाधिपतिगण, राजस्थान उच्च न्यायालय, महाधिवक्ता, अतिरिक्त महाधिवक्तागण, राजस्थान उच्च न्यायालय बार के पदाधिकारीगण, रजिस्ट्री, राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ, जयपुर के अधिकारीगण एवं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिकारीगण, विद्वान अधिवक्तागण के साथ-साथ पक्षकारान एवं विधि के विद्यार्थीगण भी उपस्थित रहेंगे।

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रि-लिटिगेशन मामलों के तहत धन वसूली के प्रकरण, टेलीफोन, बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों को रखा गया है। इसी प्रकार विभिन्न न्यायालयों में पहले से लंबित चले आ रहे प्रकरणों में धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (छप् ।बज) के मामले, धन वसूली के मामले, मोटर वाहन दुर्घटना के मामले, वैवाहिक एवं भरण-पोषण के मामले (तलाक को छोड़कर), घरेलू हिंसा अधिनियम के मामले, श्रम एवं नियोजन संबंधित मामले, किरायेदार-मकान मालिक के मध्य लम्बित मामले एवं अन्य सिविल मामलों के अलावा दाण्डिक प्रकृति के राजीनामा योग्य मामलों, फौजदारी के अन्य कम गम्भीर मामलों को रखा गया है। इस बार राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए कुछ नए प्रयास भी किए जा रहे हैं, जैसे- विषेष प्रकृति के प्रकरण- सिविल सैकण्ड अपील, अवमानना के प्रकरण, गैर सरकारी शैक्षणिक संस्थान के विवाद, काॅमर्षियल कोर्ट के विवाद, काॅ-आॅपरेटिव ट्रिब्यूनल के यहाँ लम्बित मामलों को भी राष्ट्रीय लोक अदालत में रैफर किया जा रहा है। साथ ही बैंकों व वित्तीय संस्थान के साथ मिलकर विषेष अभियान का संचालन भी किया जा रहा है, जिसमें बैंको व वित्तीय संस्थानों के न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निपटारे के लिए प्रत्येक न्यायालय में प्री-काउंसलिंग आयोजित कर समझाईष के हर संभव प्रयास किए जा रहे है। बतादे 11.11.2021 से सम्पूर्ण राजस्थान में प्री-काउंसलिंग युद्ध स्तर पर संचालित है, जिसके माध्यम से भी प्रकरणों का निस्तारण किया जा रहा है।
पहली बार सम्पूर्ण राजस्था के ग्रामीण इलाकों में घर-घर जाकर भी काउंसलिंग हेतु विषेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अन्तर्गत ग्राम स्तर पर प्री-काउंसलिंग की बैंचों का गठन कर समझाईष के विषेष प्रयास किये जा रहे हैं। इसके साथ ही जन सामान्य तक लोक अदालत के प्रचार-प्रसार हेतु राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्रिंट एवं इलेक्ट्राॅनिक मीडिया, सोशलमीडिया, रिंग ट्यून, काॅलर ट्यून, मास मैसेज, फोन काॅल्स, एल-बैंड प्रसारण, मुख्य चैराहों पर वीडियो प्रसारण, साईकल/ऊंट रैली, प्रभात फेरी एवं मोबाईल वेन इत्यादि विषेष माध्यम अपनाए गए हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को लोक अदालत के बारे में जानकारी हो सके और उनके विवादों का राजीनामे के माध्यम से निस्तारण हो सके।
राष्ट्रीय लोक अदालत में अब तक सम्पूर्ण राजस्थान में 893 बैंचों का गठन किया जाकर कुल 3,66,442 प्री-लिटिगेषन व पैंडिंग प्रकरणों को चिन्हित कर रैफर किया जा चुका है एवं राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में 05 बैंचों का गठन किया गया है एवं 1527 प्रकरणों को रैफर किया गया है, जयपुर में 07 बैंचों का गठन कर केएम 2811 प्रकरणों को रैफर किया गया है।