दस वर्ष बाद फिर से आई वो शुभ घड़ी में किया 108 गुरू इकतीसा का पाठ
27 सितम्बर, बाड़मेर। शहर के श्री जैन श्वेतांबर खरतरगच्छ संघ आराधना भवन में चातुर्मासिक आराधना के अंतर्गत परम पूज्य गणाधीश पन्यास प्रवर विनयकुशल मुनिजी म.सा. की निश्रा में शुक्रवार को सामुहिक संगीतमय 108 गुरू इकतीसा पाठ का अनुष्ठान का भव्य आयोजन किया गया।


खरतरगच्छ चातुर्मास व्यवस्था समिति के मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ व अशोक संखलेचा ‘भूणिया’ ने बताया कि खरतरगच्छ की राजधानी बाड़मेर नगर में चातुर्मास में होने वाली विविध आराधनों को लेकर 27 सितम्बर, शुक्रवार को परम पूज्य गणाधीश पन्यास प्रवर विनयकुशल मुनिजी म.सा. की निश्रा में विश्व शांति, संघ एकता, शांति व समृद्धि की कामना की भावना के साथ प्रातः 6.00 बजे स्थानीय आराधना भवन में संगीतमय सामुहिक 108 दादा गुरूदेव इकतीसा पाठ अनुष्ठान का भव्य आयोजन किया गया। इस भव्य अनुष्ठान में सैकड़ों की संख्या श्रद्धालुगण अलसुबह ही आराधना भवन के प्रांगण में पहुंच कर दादा गुरूदेव के भक्तिरस में झूमने लगे।

अनुष्ठान में भाग लेने वाले आराधकों अपने साथ लाए 36 मिश्री, 36 लोंग, 36 इलायची को अभिमंत्रित किया गया तथा 108 बार अभिमंत्रित रक्षासूत्र प्रदान किया गया। आचार्य भगवंत श्री जिनपीयूषसागर सूरिश्वरजी महाराज के आह्वान पर अखिल भारतीय खरतरगच्छ महासंघ के बैनर तले उक्त अनुष्ठान का देश व विदेशों में दादा गुरूदेव के भक्तों द्वारा आयोजन किया गया। आज से 65 वर्ष आज ही के शुभ दिन छड़ीदार गोपालजी ने गुरू इकतीसा लिखकर भट्टारक यतिवर्य आचार्य श्री विजयेन्द्रसूरीजी म.सा. को अर्पित किया जो शुक्रवार सिंह लग्न में संघ के बीच में सभी के सामने बोला गया, जो आज सभी जगह श्रद्धा से पढ़ा जाता है।

ऐसा अवसर 2009 में आया था। उसके बाद आज वो शुभ दिन है। संध्या के समय दादा गुरूदेव की 108 दीपक की महाआरती का आयोजन किया गया जिसका लाभ उपाध्याय प्रवर मनोज्ञसागरजी महाराज के संसारिक परिवार आदमल भगवानदास जैकचंदाणी परिवार ने लिया। कार्यक्रम में अखिल भारतीय खरतरगच्छ महासंघ युवा शाखा बाड़मेर, जिनकुशल भक्ति मंडल, खरतरगच्छ युवा परिषद, जिनशासन युवति मंच अपनी सेवाएं है। दादा गुरूदेव के समक्ष भव्य रंगोली बनाई गई।