साहित्य की समाज को आगे बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका : अनिल सक्सेना

राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम की भारतीय साहित्य, संस्कृति एवं मीडिया विषय पर में संगोष्ठी आयोजित

प्रतापगढ़। राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम द्वारा एपीसी कॉलेज, प्रतापगढ़ में बुधवार को भारतीय साहित्य, संस्कृति एवं मीडिया विषय पर में संगोष्ठी का आयोजन जिला पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के मुख्य आतिथ्य व राजस्थान मीडिया एक्शन फोरम के अध्यक्ष अनिल सक्सेना की अध्यक्षता में किया गया। उल्लेखनीय है की सक्सेना के द्वारा फोरम के बैनर तले प्रदेश के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पत्रकारिता एवं साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार अनिल सक्सेना द्वारा लिखित कहानी-संग्रह पुस्तक आख्यायिका का विमोचन भी किया गया।

जिला पुलिस अधीक्षक कुमार ने सभी को संबोधित करते हुए कहा की पत्रकारिता और साहित्य दोनों का आपस में गहरा जुड़ाव है। साथ ही उन्होंने कहा की पत्रकार का समाज के प्रति उत्तरदायित्व होता है, क्योकि पत्रकारिता एक जनसेवा है। सूचनाओं के प्रचार-प्रसार में पत्रकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित विद्यार्थियों से एक नागरिक के रूप में अपने उत्तरदायित्वों व कर्तव्यों को निभाकर देश की प्रगति में अपना योगदान देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि योगदान की मात्रा से अधिक महत्वपूर्ण योगदान देना है उन्होंने कहा कि हमेशा ऐसे कार्य करें कि इतिहास में आपको हमेशा निर्माणकर्ता के रूप में जाना जाए न कि विध्वंसक के रूप में। उन्होंने सोशल मीडिया, फेक न्यूज़ से संबंधित चुनौतियां के बारे में चर्चा करते हुए सभी से अपील कि असत्य व गलत सूचनाओं का प्रसार न करे। उन्होंने यह भी कहा की मीडिया पुलिस-प्रशासन और समाज के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी की भूमिका का निर्वहन करता है।


संगोष्ठी में पत्रकारिता एवं साहित्य विषय पर हुई चर्चा


एपीसी कॉलेज के संस्था प्रधान पंडित संजय गोयल ने स्वागत उद्बोधन देते हुए वहां मौजूद सभी साहित्यकारों, कवियों, पत्रकारों और विद्यार्थियों को संगोष्ठी के उद्देश्य के बारे में बताया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार अनिल सक्सेना द्वारा संगोष्ठी के विषय व पत्रकारिता से संबंधित प्रश्न पूछे व समय के साथ साहित्य व पत्रकारिता के क्षेत्र में आए बदलावों के बारे में चर्चा की गई। उन्होंने कहा की साहित्य मनुष्य का निर्माण ही नहीं करता बल्कि समाज को आगे बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से साहित्य पढने को कहा व उन्हें उसके महत्त्व के बारे में भी बताया।

दैनिक नवज्योति ब्यूरो चीफ राकेश सोनी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में देखें तो अनेक महान साहित्यकार पैदा हुए हैं सबने अपनी अपनी रचनाओं द्वारा भारतीय इतिहास के निर्माण व पत्रकारिता में योगदान दिया है। उन्होंने पत्रकारिता के अपने अनुभव साझा करते हुए कहा की लोकतंत्र तभी सशक्त होगा जब पत्रकार सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति अपनी सार्थक भूमिका निर्वाह करे। जिले के साहित्यकार हरीश व्यास ने स्थानीय भाषा के साहित्य के महत्व के बारे चर्चा करते हुए कहा की स्थानीय भाषा में साहित्य निर्माण की बहुत आवश्यकता है ।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की सहायक निदेशक छाया चौबीसा ने कविता पाठ किया व संगोष्ठी के विषय से संबंधित अपने विचार साझा करते हुए कहा कि पत्रकारिता का लोकतंत्र को मजबूत करने में बहुत बड़ा योगदान है। पत्रकार समाज का आईना होते हैं व लोगों को जागरूक करने में पत्रकार का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा की साहित्यकारों व पत्रकारों ने हमेशा से भारतीय संस्कृति में बहुत बड़ा योगदान दिया है। सहायक जनसंपर्क अधिकारी नवधा परदेशी ने पत्रकारिता व साहित्य के बदलते स्वरूप के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि सभी व्यक्तियों की जिम्मेदारी है कि सोशल मीडिया पर आने वाली कोई भी खबर पढ़ने पर अपने विवेक का उपयोग करें व उसके प्रमाणिक होने पर ही उसे शेयर करें। उन्होंने फेक न्यूज़ को पहचानने के विभिन्न तरीके बताए व कहा की पत्रकारिता एक जिम्मेदारी भरा कार्य है। उन्होंने यह भी कहा कि पत्रकारिता का असली उद्देश्य घटनाओं को जैसा है वैसा प्रदर्शित कर, सत्य और प्रमाणिक सूचनाओं का प्रचार-प्रसार करना है।
कार्यक्रम में पधारे हुए साहित्यकारों-पत्रकारों ने भी अपने प्रश्न पूछे व मुख्य अतिथियों से संवाद किया। कार्यक्रम में गिरीश पालीवाल, संदीप माली, प्रवीण कोठारी, दिलीप कोठारी सहित अन्य पत्रकारगण, साहित्यकार, कवि, विद्यार्थी एवं संस्था के अध्यापक–अध्यापिकाएं उपस्थित रहे।