– पं. रविन्द्र शास्त्री

13 जनवरी 2020 की भविष्यवाणी थी

– शनि और गुरु का मिलन विश्वव्यापी अप्रत्याशित बीमारी और आर्थिक हानी की भविष्यवाणी की थी।*

– जिसका कारण यह है

शनि 27 दिसंबर 2019 को अस्त और 31 जनवरी को मकर राशि गोचर एवं 22 मार्च 2020 को मंगल मकर में और 29 मार्च 2020 को देवगुरु बृहस्पति मकर राशि में प्रवेश किया है। मकर, राशि, बृहस्पति की नीच राशि है। वहीं शनि की स्वराशि है, जिसकी वजह से महामारी का सामना करना पड़ा।

– भविष्यवाणी 2021

वर्ष 2020 से अभी भी मकर राशि में शनि और गुरु की युति है 14 जनवरी को सूर्य का प्रवेश हो चुका है, 28 को शुक्र भी मकर में प्रवेश कर लिया है, इसके अलावा कल 4 फरवरी को बुध भी मकर राशि में गोचर करेगा 4 से 8 फरवरी को यह पंच ग्रहों की युति बन जायेगी, क्योंकि इसमें बुध, शुक्र, सूर्य शनि और गुरु भी शामिल होंगे। वहीं 9 से 11 फरवरी को देश और दुनिया के लिए नाजुक समय होगा, क्योंकि इस दौरान इस ग्रहों की युति में चन्द्र ग्रह भी शामिल होंगे। जिससे यह *षष्ठ ग्रहीं योग* ( 6 ग्रहों ) की युति मकर राशि में होगे और कुछ ज्योतिषचार्य प्लूटो को भी ग्रह मानते हैं जिससे *सप्त ग्रहीं योग* मानते है जिसके बनने के कारण देश और दुनिया के लिए अप्रत्याशित राजनितिक उथल पुथल, कई देश गुलाम हो सकते है, प्राक्तिक घटनायें और विश्व युद्ध के संकेत हैं

– जानिए षष्ठ या सप्त ग्रहों की युति का क्या होगा असर

(1962 में इसी तरह सात ग्रहों की युति बनी रही। उस दौरान भारत-चीन युद्ध हुआ था, जिसमे 1300 जवान शहीद हुए थे। हालांकि अब 6 ग्रहों की युति आपदाओं को निमंत्रण दे सकती है। और देश में महंगाई चरम पर होगी, वहीं राजनीतिक विवरण तेज होने के आसार हैं।)

हालांकि इन ग्रहों की युति का 11 फरवरी को अंत हो जाएगा। इस दौरान चंद्रमा इस युति से बाहर हो जाएगा और इसके बाद 5 योजनाओं की युति रहेगी, इस दौरान भी शनि और गुरु नीच भंग राजयोग बनाएंगे। ऐसी स्थिति में लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता रखनी होगी। समान सामाजिक परिवर्तनों की स्थितियां देखने को मिलेंगी इस दौरान लोग योग ध्यान प्राणायाम की ओर भी प्रेरित करेंगे। वहीं युवा वर्ग भी अध्यात्म की ओर से प्रेरित होता है।

– इन राशियों पर प्रभाव पड़ेगा

साल 2021 में 6 ग्रहों की युति विभिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव होगा। धनु, मकर और कुंभ के अलावा और मिथुन राशि के जातकों पर इस युति का व्यापक प्रभाव देखा जाएगा। इसके अलावा धनु मकर और कुंभ यह तीनों राशियाँ वर्तमान में साढ़ेसाती शनि के प्रभाव में हैं। वहीं मिथुन और सिंह शनि की ढ़ैया से प्रभावित हैं। इस प्रकार इन 5 राशियों पर ग्रहों का व्यापक प्रभाव देखने को मिलेगा।

– इस के बारे में जल्द करेगे भविष्यवाणी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 5 अप्रैल को देवगुरु बृहस्पति गोचर करेंगे जिससे इस दौरान वैश्विक महामारी का विकराल रूप देखने को मिल सकता है। पर 13 सितंबर से फिर कोन नई आपदा आनेका संकेत हैं