हमारे आगामी समय के संकल्प ये हो, पानी बचाना है, बरसाती पानी इकट्ठा करना है और फलदार वृक्षारोपण करना है। मैंने अपने पिछले आर्टिकलो में भी लिखा था की जगह जगह वाटर बॉडी, तालाब बनाने से भूजल स्तर सुधर जाएगा हर हाल में बरसाती पानी का अधिक से अधिक संग्रह जमीन के नीचे हो यह काम सरकार और जनता दोनों के सामूहिक अभियानों से एकदम संपन्न होगा। नगर निगम द्वारा छतो का पानी बोरिंग या कुए में जाए इसके लिए अधिकृत ठेकेदार बनाना होंगे और मकान मालिकों को सब्सिडी देना होगी। साथ ही स्थानीय निकाय और सरकार द्वारा जहां भी अनुपयोगी खदाने और खाली जमीनो पर वाटर बॉडी या तालाब का निर्माण प्राथमिकता से करना होगा। जहा भी सड़कों पर पानी जमा हो वही पानी जमीन में उतर जाए ऐसी व्यवस्था करना होगी।
बरसात के पहले से ही हमें सघन फलदार वृक्षारोपण की तैयारी करना हैं। शहर में जितने भी बगीचे हैं स्थानीय निकाय और वहां के रहवासी यह संकल्प लें कि जो भी प्लांटेशन करना है वह सिर्फ फलदार (Fruit)और औषधिय (Medicinal)वृक्षों का करना है। फलदार वृक्ष से अनेक लाभ है निशुल्क या बहुत ही कम दाम पर मौसमीय (Seasonal) फल फ्रूट खाने को मिलेंगे और तरह-तरह के पक्षीयो व अन्य जिव को बसेरा मिलेगा। प्रकृति का इको सिस्टम भी बैलेंस हो जाएगा। शहर के तापमान में भी फर्क पड़ेगा।