बीकानेर। बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल ने मंगलवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर बीकानेर के समस्त कटले और मार्केट खोलने की मांग की है। संगठन के अध्यक्ष जुगल राठी व सचिव वीरेन्द्र किराडू ने बताया कि संगठन ने कलक्टर को सुझाव दिया कि सभी दुकानदार कटले की दुकानों के हिसाब से कस्टमर को निर्धारित कर लेंगे। इसमें ग्राहक को टोकन के साथ एंट्री देंगे। साथ ही दुकानदार कस्टमर को एपोईंटमेंट के हिसाब से बुलाने का प्रयास करेंगे।

जैसे जैसे दुकानें रनिंग में आती रहेगी दुकानदार कस्टमर को बोलेंगे कि एपोईंटमेंट लो फिर ही दुकान में आना। इन सब व्यवस्थाओं के साथ दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो स्टाफ की सैलरी व दुकान का किराया भाड़ा चुकाने में ही दुकानदार बर्बाद हो जाएंगे। इसलिए आपसे आग्रह हैं की समस्त कटला वह मार्केट वालों को सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए दुकानें खोलने की अनुमति दी जाए। इस पर कलक्टर ने संगठन को प्रोजेक्ट बनाकर देने को कहा है उसके आधार पर अनुमति का निर्णय किया जाएगा।

2 प्रतिषत कृषि उपज शुल्क वापस लिया जाए
बीकानेर व्यापार उद्योग मंडल ने मंगलवार को जिला कलक्टर के मार्फत मुख्यमंत्री के नाम पर ज्ञापन सौपकर 2 प्रतिषत कृषि उपज शुल्क वापस लेने की मांग की। संगठन के अध्यक्ष जुगल राठी व सचिव वीरेन्द्र किराडू ने सीएम गहलोत को ज्ञापन में बताया कि राज्य सरकार द्वारा पूर्व में ही कृषि आधारित उद्योगों से 1.60 की दर से कृषि मंडी शुल्क वसूला जा रहा है जबकि राजस्थान के अलावा पड़ोसी राज्यों में मंडी शुल्क बहुत ही कम है। राज्य सरकार के कृषक कल्याण शुल्क के विरोध में राज्य की अनाज मंडिया बन्द हैं जिसके कारण दाल मिलों एवं कृषि आधारित अन्य उद्योगों के पास कच्चे माल का संकट उत्पन हो गया है। यही स्थिति रही तो दाल मिलें कच्चे माल की अनुपलब्धता के कारण बन्द हो जाएगी। जहां एक और पूरा व्यापार व उद्योग जगत कोरोनावायरस के कारण लगे लाॅकडाउन की वजह से बंद पड़े व्यवसायिक व औद्योगिक प्रतिष्ठान के कारण अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ हो रहा है वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने कृषि आधारित उद्योगों को छूट देने की बजाय इस कृषक कल्याण फीस का भार डाल कर सभी औद्योगिक व व्यापारिक संस्थानों के अस्तित्व पर तलवार लटका दी है। इसलिए बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल आपसे इस शुल्क को वापस लेने के लिए आग्रह करता है।