बीकानेर। कोरोना आपदा लॉकडाउन के शुरूआती दौर में तुफानी अंदाज में हुई शराब की कालाबाजारी के दौरान पुराने ठेका संचालकों ने अपने बंद पड़े ठेकों की शराब बेचकर करोड़ो का मुनाफा कमा लिया,इस कमाई में आबकारी विभाग के अधिकारियों की भागीदारी होने के कारण उन्होने लॉकडाउन के बहाने बंद ठेकों के भौतिक सत्यापन की जहमत तक नहीं उठाई। इसके बाद लॉकडाउन के चलते आबकारी के गोदामों और डिपों के बाहर खड़े ट्रकों में लदी शराब चोरी होने की आंशका का बहाना बनाकर ठेकेदारों को सप्लाई कर दी,ठेकेदारों को यह शराब स्टॉक में रखनी थी,लेकिन बंपर डिमांड के चलते ठेकेदारों ने स्टॉक में रखी शराब ब्लैक में बेच कर मोटी कमाई कर गये। यह मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद आबकारी अफसरों में हड़कंप सा गया,वहीं कई जन प्रतिनिधियों ने शराब की भारी कालाबाजारी की आंशका जताते हुए लॉकडाउन के दौरान ठेकेदारों को सप्लाई किये गये शराब के स्टॉक का भौतिक सत्यापन करने की मांग उठानी शुरू कर दी।
इससे आबकारी अफसरों और ठेकेदारों की बेईमानी के खेल का खुलासा होने की संभावना प्रबल हो गई। इसी दरम्यान राज्य सरकार ने मेहरबानी दिखाते हुए लॉकडाउन के नियमों में छूट के तहत बीते सोमवार से शराब के ठेके खुलवा दिये। ठेके खुलने के पहले दिन ही हुई शराब की बंपर बिक्री से आबकारी अफसरों और ठेकेदारों की बांछे खिल गई। मारामारी के दौर में बिकी करोड़ो की शराब के दौर में आबकारी अफसरों और ठेकेदारों ने लॉकडाउन के दौर सप्लाई किये गये स्टॉक का तालमेल बैठा लिये,इसी तरह लॉकडाउन की अवधि में बंद पड़े ठेकों की शराब का स्टॉक भी बंपर की मारामारी में अर्जेस्ट कर दिया। सब कुछ ठीक होने के बाद आबकारी अफसरों ने चंद ही दिनों में करोड़ों की शराब से करोड़ो की आमदनी का ढिंढोरा पीट कर सरकार को खुश कर दिया। मतलब यह है कि लॉकडाउन के दौर में आबकारी अफसर और शराब ठेकेदार मिलकर करोड़ों की अवैध कमाई कर गये और किसी को भनक भी नहीं लगने दी। अब इस मामले को लेकर सत्ता और विपक्ष के कई विधायकों ने आवाज उठानी शुरू की है। वहीं एसीबी ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तथ्य जुटाने शुरू कर दिये है।
धर्मनगरी कहा जाने वाला बीकानेर औद्योगिक विकास भले ही नीचले पायदान पर हो मगर शराब की खपत में प्रदेशभर के टॅाप शहरों की केटेगरी में शामिल है। लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद जिले के गैर कफ्र्य़ू ग्रस्त इलाकों में शराब के ठेके खुलने के बाद यहां तीन दिनों के अंतराल में अंग्रेजी शराब,बीयर और देशी शराब की बंपर बिक्री हुई है। जिला आबकारी कार्यालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बीकानेर में पांच दिनों में करीब 310 लाख रूपये की शराब बिक चुकी है। आगामी दिनों में यह आंकड़ा दुगुना बढने की संभावना है। वहीं अगर कफ्र्यू ग्रस्त इलाकों के शराब ठेके खुलने की छूट मिल जाती तो शराब बिक्री में एतिहासिक इजाफा दर्ज होता। लॉकडाउन के बाद सोमवार को शराब की दुकानों के शटर खुलते ही शराब बेचने में बीकानेर जिला भी शीर्ष पर रहा। ज्यादात्तर ठेकों में पहले ही दिन स्टॉक खत्म हो गया,दूसरे दिन भीं आबकारी डिपो से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब,बीयर और देशी शराब की खेप उठी। इससे आबकारी विभाग के खजाने में करोड़ो रूपये की आमदनी से विभाग के अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है,वहीं तीन दिनों की बंपर ब्रिकी से शराब कारोबारियों के चेहरे खिल उठे। जानकार सूत्रों ने बताया कि सोमवार को पहले दिन तो व्यास कॉलोनी,पवनपुरी समेत कई शराब ठेकों पर शुरुआत में आवंटित किया स्टॉक ही खत्म हो गया। इन दुकानों पर आबकारी विभाग ने मंगलवार शाम को ही नया स्टॉक पहुंचा दिया। बताया जाता है कि शराब के लिये मारामारी के दौर में शौकिनों ने भारी मात्रा में स्टॉक कर लिया है।