रिपोर्ट – अनमोल कुमार
बहनो से निवेदन – अपने भाई को सूखे-नारियल गोले से मत बांधिये राखी…वरना अनर्थ होगा

राखी बांधते समय अपने भाई का हाथ भरा हुआ हो, तो ही राखी बांधी जाती है यह परम्परा है।

इसलिये बहने अपने भाई के हाथ में नारियल रखती हैं, भाई नारियल पकड़ता है और बहन राखी बांधती है।
हाथ भरा होने के पीछे यह कामना रहती है कि भाई के हाथ में सदैव लक्ष्मी बनी रहे। इसी कारण उसके हाथ में ‘‘श्री’’ फल अर्थात नारियल रखा जाता है।

कुछ लोगों के यहॉ केले, मिठाई अथवा सूखे नारियल गोले भी रखे जाने लगे हैं- यह पूर्णत: गलत है।

आप कहेंगे कि यह परम्परा है – तो समझ लीजिये यह परम्परा भूल-वश चालू हो गई है जिसे तत्काल सुधार लेना चाहिये।

कौन बहन चाहती है कि उसके भाई के हाथ सूखे रह जायें- यदि बहन नहीं चाहती है तो उसेअपने भाई के हाथ में ‘‘जलयुक्त श्रीफल ही रखकर राखी बांधना चाहिये।’’

और भाईयों को भी ध्यान रखना चाहिये कि वह श्रीफल से ही राखी बंधवायें।

रोचक जानकारी – परम्परा यह है कि शादी-शुदा बहने जब मायके आती हैं तो भाई के लिये नारियल और भाभी के लिये सूखा-गोला लाती है जिसे उनकी झोली में डालती हैं। कालांतर में इस सूखे गोले से कुछ बहनों ने गलती करते हुए भाईयों को राखी बांधना शुरु कर दी।
जबकि यह सूखा गोला सिर्फ भाभी के लिये होता है।
भाई के हाथ में श्रीफल ही रखा जाता है ?

– क्या 5 सावधानी रखनी है?

1. राखी श्रीफल नारियल से ही बंधवानी है, सूखे गोले से नहीं।

2. नारियल नहीं है तो सिर्फ धन अर्थात कुछ रुपये हाथ में रखकर भी राखी बंधवा सकते हैं लेकिन इसके अलावा कुछ नहीं रखना चाहिये। परिस्थितिजन्य अक्षत मतलब बिना टूटे साबूत चावल भी रखे जा सकते हैं।

3. एक ही श्रीफल से पूरे परिवार के लोग राखी बंधवा सकते हैं, इसलिये अलग-अलग श्रीफल नही खरीदना चाहिये ।

4. भाई को बहनों से कुछ लेना नहीं चाहिऐ इस मान्यता के अनुसार श्रीफल भी भाई अपने पास नहीं रखते सिर्फ हाथ में रखकर राखी बंधवाते हैं। वह श्रीफल बहन का ही होता है।

5. बहनों को प्रयास करना चाहिऐ कि वह अपने हाथ से रेशमी धागे की राखी बनाकर अपने भाई को बांधे। रेशम के धागा आसानी से बाजार में मिल जाता है। राखी कोई दिखावे की वस्तु नहीं है, वह मर्यादा और शक्ति का प्रतीक है, इसलिये इसमें तडक़-भडक़-चमक की जरुरत नहीं है। हॉ बाजारु राखी सिर्फ बच्चों का मन बहलाने का माध्यम है। यदि आप भाई को चाहती हैं तो रेशम की डोर ही बांधे।

– और विशेष रूप से सभी से निवेदन है कि यह हमारा सनातन पर्व है, इसे शालीनता से मनाये, जबरन दिखावे और खर्च से बचें। दो दिन पूर्व एक नवयुवक जिसका वेतन 8 हजार रुपये महिना है, अनेक किराना दुकानों पर सिर्फ इसलिये सूखे नारियल गोले के भाव पूछ रहा था कि उसे कहीं से सस्ता मिल जाये… उसे 3-4 किलो गोले खरीदना थे। 😮 वो जबरन ही गलत धारणा के कारण परेशान हो रहा था। यह स्थिति अनेक परिवारों और भाई-बहनों के साथ आती है।

– मिठाई को लेकर भी सावधान रहे – पहला प्रयास बहने अपने हाथ से कोई मिठाई बनाये नहीं बना सके तो हलुवा बना ले। बहुत मजबूरी में ही बाजार से मिठाई लायें…क्योंकि यह प्यार का पर्व है ?

“भाई, अपनी बहन को स्पष्ट कहे कि खुद मिठाई बनाकर लाना, बाजार की नहीं होना चाहिये ।

बहन, अपने भाई को स्पष्ट कहे कि सिर्फ स्नेह और प्यार दे रुपये से राखी को ना तौले।

आईये हम सब मिलकर इस महापर्व को व्यवस्थित रूप से मनायें ।