_जोधपुर सहित 10 जिलों के पशु चपेट में..

जयपुर ,( ओम दैया) ।पाकिस्तान के रास्ते भारत आई खतरनाक और वायरल बीमारी ‘लंपी’ से राजस्थान में गौवंश की मौतों का आंकड़ा 2100 हो गया है। जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर सहित 10 जिलों में यह संक्रामक बीमारी कहर बरपा रही है। 40 हजार से ज्यादा गौवंश इसकी चपेट में आ चुके हैं। 90 प्रतिशत गायें इस बीमारी का शिकार होकर दम तोड़ रही हैं। बैल, सांड़, भैसों में भी यह बीमारी फैल रही है। केवल लक्षणों के आधार पर इसका इलाज किया जा रहा है। भारत सरकार ने एडवाइजरी जारी कर बकरियों को होने वाली ‘माता’ से बचाव वाली ‘गोट पॉक्स’ वैक्सीन गौवंश को लगाने की सलाह दी है। केंद्र से साइंटिस्ट्स और पशुओं के डॉक्टर्स की टीम सोमवार को राजस्थान पहुंची है। जोधपुर और नागौर का दौरा कर हालात का जायजा लिया गया है। राजस्थान सरकार के एडिशनल डायरेक्टर, हेल्थ डॉ. एनएम सिंह ने बताया कि टीम गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर, पाली, सिरोही भी जाएगी। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद और गुजरा बॉर्डर से सटे जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। वहां निगरानी रखी जा रही है।

लंपी डिजीज प्रभावित गाय, जिसके शरीर पर गांठें उभरने लगी हैं।
राजस्थान के साथ ही गुजरात में भी गाय-भैसों में ‘लंपी’ डिजीज तेजी से फैल रही है। गुजरात के 14 से ज्यादा जिलों में बीमारी फैलने की जानकारी है। गुजरात भी केंद्रीय टीम भेजी गई है। राजस्थान के मेडिकल एक्सपर्ट्स को अंदेशा है कि पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और बहावलनगर के रास्ते होकर इसकी देश में फिर से एंट्री हुई है। इस बीमारी का कोई इफेक्टिव इलाज भी मौजूद नहीं है। यह सबसे बड़ी चिन्ता की बात है।

राजस्थान के मेडिकल एक्सपर्ट्स को अंदेशा है कि पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और बहावलनगर के रास्ते होकर इसकी देश में फिर से एंट्री हुई है। इस बीमारी का कोई इफेक्टिव इलाज भी मौजूद नहीं है। यह सबसे बड़ी चिन्ता की बात है।

_10 जिलों में फैली बीमारी, 2100 पशु मरे, 40 हजार चपेट में आए

एडिशनल डायरेक्टर, हेल्थ डॉ. एनएम सिंह ने कहा- 90 फीसदी गायों में यह बीमारी है। भैंस भी इसकी चपेट में आ रही हैं। मेडिसिन उपलब्ध करवाने के निर्देश सभी जिलों में दे दिए हैं। इमरजेंसी फंड में 1-1 लाख रुपए हर जिले को पहले ही दे दिया। अलग-अलग जिलों में डिमांड के हिसाब से अब फंड दिया जा रहा है। जैसलमेर में 5 लाख रुपए और दिए गए हैं। सभी प्रभावित जिलों में टीमें लगा दी हैं। पड़ोसी जिलों से भी टीमें भेजी जा रही हैं। नोडल अधिकारी और कलेक्टर्स लगातार मीटिंग कर रहे हैं। पशुपालन मंत्री और सचिव ने सभी जिला कलेक्टर से खुद बात की है। कलेक्टर्स को मॉनिटरिंग रखने को कहा है।

_भारत सरकार से मांगा फंड

डॉ एनएम सिंह ने बताया आज राजस्थान आई सेंट्रल टीम ने जोधपुर और नागौर का दौरा किया है। इंडियन वेटेरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IVRI) इज्जतनगर बरेली से साइंटिस्ट और दिल्ली से एनिमल हस्बेंडरी डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर डॉ. सुरेंद्र पाल भी आए हैं। भारत सरकार से डिजीज कंट्रोल प्लान के तहत राजस्थान ने पैसा मांगा है। स्वास्थ्य विभाग ने प्लान बनाकर केन्द्र को भेज दिया है। 2-3 दिन में अप्रूव करने का केंद्र ने वादा किया है। इस बीमारी में फिलहाल पशुओं की डेथ रेट 2 से 3 परसेंट है। यह लोगों में नहीं फैलता है। इलाज के लिए पशुओं को एंटीबायोटिक्स के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। सपोर्टिंव ट्रीटमेंट भी दे रहे हैं। बॉर्डर के पास होने के कारण वायरस पाकिस्तान से फैल सकता है। इन आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। कई पशुओं का मूवमेंट रहता है। गाय-भैसों पर बैठने वाले पक्षी और मक्खियां भी बीमारी को बढ़ा रहे हैं।

गाय के पूरे शरीर पर नर्म गोल गांठें पड़ जाती हैं। दूध देना कम कर देती है। छाले फूटते हैं तो संक्रमण और फैलता है।
‘लंपी’ डिजीज के ये हैं लक्षण
गाय या भैंस की स्किन पर गांठें बन जाती हैं। पूरे शरीर पर नोड्यूल्स हो जाती हैं। बाद में वह नर्म गांठें फूट जाती हैं। जो रिसता रहता है। उस पर मक्खियां बैठकर दूसरे पशुओं में भी यह बीमारी फैला रही हैं। प्रभावित पशु के सम्पर्क में आने पर दूसरे पशुओं में भी यह तेजी से फैल रही है।

_पड़ोसी राज्य गुजरात के 14 जिलों में संक्रमण

जानकारी के मुताबिक, राजस्थान के साथ पड़ोसी राज्य गुजरात में भी 14 ज़िलों के मवेशियों में ‘लंपी’ स्किन डिजीज फैल चुकी है। वहां अब तक भी 1000 से बढ़कर 1500 मवेशियों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा कच्छ, जामनगर, देवभूमि, द्वारिका और पोरबंदर जिले प्रभावित हैं। गुजरात में 38 हजार से ज्यादा गाय, भैंस संक्रमित हो चुके हैं।

_पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने सभी जिला कलेक्टर्स को दिए मॉनिटरिंग के निर्देश

प्रभावित जिलों में बनाए कंट्रोल रूम
राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने ‘लंपी’ बीमारी से प्रभावित जिलों के साथ ही जयपुर हेडक्वार्टर पर कंट्रोल रूम बनावा दिए हैं। प्रभावित जिलों के कलेक्टर से बातचीत कर फीडबैक लिया और बीमारी की रोकथाम के लिए इफेक्टिव एक्शन लेने को कहा। कटारिया ने बीमारी की रोकथाम के लिए संडे को विभाग की रिव्यू बैठक ली। उन्होंने बताया बीमारी से बचाव के लिए पशु चिकित्सक सिम्पटम बेस पर इलाज कर रहे हैं।

राजस्थान में 18.25 करोड़ गौवंश, 11 करोड़ भैंसें 20वीं पशुगणना के अनुसार, देश में पशुधन 53.57 करोड़ है। इसमें गोधन (गाय-बैल) की आबादी 18.25 करोड़ है। भैंसों की आबादी 10.98 करोड़ है, जो कि दुनिया में पहले नंबर पर है। राजस्थान में 5.68 करोड़ पशुधन हैं। पशुधन के मामले में राजस्थान देश में यूपी के बाद दूसरे नम्बर पर है। राजस्थान में गौवंश 1.39 करोड़ है। गौवंश में राजस्थान छठे नम्बर पर है। 1.37 करोड़ भैंसों के साथ राजस्थान देश में दूसरे नम्बर पर है। प्रदेश में 79 लाख भेड़ के साथ चौथे नम्बर, 2 करोड़ 84 लाख बकरियों और 21 लाख 30 हजार ऊंट के साथ राजस्थान टॉप पर है।

_पाकिस्तान कनेक्शन ?

पाकिस्तान के पंजाब, सिन्ध और बहावलनगर के रास्ते होकर इसकी देश में एंट्री मानी जा रही है। बहुत से पक्षी जानवरों की पीठ पर बैठते और उनकी प्राकृतिक तौर पर सफाई करते हैं। कुछ कीड़े खाते हैं। ऐसे पक्षी बॉर्डर पार भी करते हैं। मक्खियां और मच्छरों को भी सरहदें नहीं रोक पाती हैं।